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कोर्ट मैरिज की पूरी प्रक्रिया क्या होती है?

कोर्ट मैरिज की पूरी प्रक्रिया क्या होती है?

भारत में विवाह को एक संस्कार के रूप में देखा जाता है हमारी प्राचीन संस्कृति ऐसी रही है कि विवाह को 7 जन्मों का बंधन भी मानते हैं। विवाह का बन्धन यह सिर्फ परंपरा के तौर पर किए गए विवाहों में लागू नहीं होता है कोर्ट मैरिज में भी इस मुद्दे को बहुत ही संवेदनशील …

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कोर्ट मैरिज के लिए जरूरी शर्तें क्या हैं?

कोर्ट मैरिज के लिए जरूरी शर्तें क्या हैं?

भारत में विवाह को एक पवित्र संस्कार माना जाता है इसलिए कोर्ट भी इसको अत्यंत संवेदनशील रूप से देखता है क्योंकि शादी का मतलब एक ऐसे व्यक्ति और परिवार से बंधना होता है जिसके साथ आप पूरा जीवन गुजारने वाले हैं। इसलिए कोर्ट अक्सर शादी करने वाले युवक और युवतियों के बारे में अच्छे तरीके …

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क्या कोर्ट मैरिज के बाद नोटिस घर भेजी जाती है?

क्या कोर्ट मैरिज के बाद नोटिस घर भेजी जाती है?

भारत संस्कृतियों का देश है। यहाँ विवाह को एक संस्कार माना गया है। यही वजह है कि आज बढ़ती हुई आधुनिकता के दौर में भी कोर्ट मैरिज को अधिकतर घर वाले स्वीकार नहीं करते हैं। कई बार प्रेम संबंध में होने वाले जोड़े जीवनसाथी तो बनना चाहते हैं लेकिन कई कारणों से उनके घर वाले …

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धारा 138 एनआई एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट का नया फैसला – क्या अब कोर्ट के बाहर सुलह मुमकिन है?

Supreme Court's new decision on section 138 NI Act – Is out-of-court settlement possible now

भारत में व्यापारिक लेन-देन और व्यक्तिगत उधारी में चेक का उपयोग आम बात है। लेकिन जब बैंक में पर्याप्त धन न होने के कारण चेक “डिश honoured” यानी बाउंस हो जाता है, तब यह न सिर्फ आर्थिक समस्या बनती है, बल्कि एक आपराधिक मामला भी बन सकता है। ऐसे मामलों को भारतीय कानून में नेगोशिएबल …

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कानून और अधिनियम में क्या अंतर है?

कानून और अधिनियम में क्या अंतर है?

जब भी हम कानून या अधिनियम दो शब्दों को सुनते हैं तो कई बार भूल वश या जानकारी के अभाव में हम दोनों ही शब्दों को एक मान लेते हैं लेकिन सच्चाई कुछ और है। कानून और अधिनियम यह दोनों ही शब्द अलग-अलग हैं और इनका अर्थ भी काफी अलग है इस आर्टिकल में हम …

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भारत में उत्तराधिकार प्रमाण पत्र पाने की प्रक्रिया क्या है?

भारत में उत्तराधिकार प्रमाण पत्र पाने की प्रक्रिया क्या है?

उत्तराधिकारी शब्द का अर्थ होता है किसी भी व्यक्ति के न रहने पर उसके सारे अधिकार प्राप्त कर लेने वाला व्यक्ति। कानूनी तौर पर मुख्य रूप से उत्तराधिकार का अर्थ संपत्ति और प्रॉपर्टी के हिस्सेदारी से होता है। भारतीय कानून में उत्तराधिकार प्रमाण पत्र की भी व्यवस्था है और यह प्रमाण पत्र तब जारी किया …

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भारत में श्रम कानून कौन कौन से हैं?

भारत में श्रम कानून कौन कौन से हैं?

बड़ी-बड़ी कंपनियों के काम हो या या छोटे काम हर जगह पर श्रमिकों का बहुत महत्व होता है। देश में श्रमिकों के योगदान को किसी भी तरह से नकारा नहीं जा सकता और इसीलिए भारतीय कानून में श्रमिकों के लिए उनके अधिकारों के लिए अलग से व्यवस्था है और समय-समय पर भारतीय कानून ने अलग-अलग …

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तलाक लेने के लिए सबसे पहले क्या करना चाहिए?

तलाक लेने के लिए सबसे पहले क्या करना चाहिए?

तलाक लेने के लिए जरूरी नियम और कारण क्या हैं ?  तलाक का सीधा मतलब विवाह के खत्म होने से होता है। अर्थात दो व्यक्ति जो अपनी या परिजनों की मर्जी से विवाह के बंधन में बंधे थे अब उनके बीच में कोई ऐसी दरार आ गई है जिसकी वजह से वह आगे एक दूसरे …

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भारत में तलाक लेने के मुख्य आधार क्या हैं ?

भारत में तलाक लेने के मुख्य आधार क्या है ?

जिस प्रकार विवाह को जन्मों जन्मों का बंधन माना जाता है उसी प्रकार तलाक लेने के लिए भारतीय कानून में कुछ निश्चित कारणों का उल्लेख किया गया है।  जिसके आधार पर ही कोई व्यक्ति अपनी तलाक की याचिका दायर कर सकता है इसके अतिरिक्त यदि किसी व्यक्ति को कोई और परेशानी है अपने साथी से …

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एकतरफा तलाक लेने की क्या प्रक्रिया है ?

एकतरफा तलाक लेने की क्या प्रक्रिया है ?

तलाक एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें दो व्यक्ति जो सहमति के साथ विवाह के बंधन में बंधे थे लेकिन अब कुछ कारणों की वजह से एक साथ नहीं रहना चाहते, उन्हें कानूनी रूप से अलग होने में मदद करता है। भारत का कानून इसकी इजाजत देता है और हर व्यक्ति को स्वेच्छा से रहने का …

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