Adv. Vidhi Saini

धारा 107 भारतीय दंड संहिता के तहत क्या कार्रवाई की जाती है?

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 107 किसी व्यक्ति द्वारा किसी अन्य व्यक्ति को अपराध करने के लिए उकसाने या प्रेरित करने से संबंधित है। यह धारा केवल उकसाने को लेकर अपराध का निर्धारण करती है, न कि उस अपराध को जो स्वयं अपराधी द्वारा किया गया हो। उकसाने का मतलब है किसी अन्य व्यक्ति …

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भारतीय संविधान का अनुच्छेद 19 क्या है?

What is Article 19 of the Indian Constitution?

भारतीय संविधान लोकतांत्रिक व्यवस्था, व्यक्तिगत स्वतंत्रता और न्याय का एक संरक्षक दस्तावेज है। इसका उद्देश्य न केवल शासन और कानून के बारे में दिशा-निर्देश प्रदान करना है, बल्कि यह नागरिकों को मौलिक अधिकार भी सुनिश्चित करता है। संविधान के भाग III (मूल अधिकार) के तहत नागरिकों को कई अधिकार प्रदान किए गए हैं, जो उनके …

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धारा 107 भारतीय दंड संहिता क्या है?

What is Section 107 Indian Penal Code?

भारतीय दंड संहिता की धारा 107 किसी व्यक्ति द्वारा किसी अन्य व्यक्ति को अपराध करने के लिए उकसाने, प्रेरित करने या सहमति देने के बारे में है। इस धारा के तहत, व्यक्ति को अपराध में भागीदार के रूप में माना जाता है, भले ही उसने स्वयं अपराध न किया हो। धारा 107 में निम्नलिखित महत्वपूर्ण …

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धारा 504 भारतीय दंड संहिता क्या है?

What is Section 504 Indian Penal Code?

धारा 504 भारतीय दंड संहिता, विशेष रूप से उन अपराधों से संबंधित है, जिनमें किसी व्यक्ति को जानबूझकर अपमानित किया जाता है, ताकि वह उकसावे के तहत हिंसा या विवाद में शामिल हो सके। यह धारा विशेष रूप से उन स्थितियों में लागू होती है, जहां किसी व्यक्ति के साथ गाली-गलौज या अपमानजनक शब्दों का …

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धारा 302 भारतीय दंड संहिता क्या है?

What is Section 302 Indian Penal Code?

भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत हत्या करने वाले व्यक्ति को मृत्युदंड (फांसी) या आजीवन कारावास की सजा दी जाती है। यह धारा उन मामलों में लागू होती है जब कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति की जान जानबूझकर और नृशंस तरीके से लेता है। यदि किसी हत्या की योजना पहले से बनाई गई …

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भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 में जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार का क्या महत्व है?

What is the importance of right to life and personal liberty in Article 21 of the Indian Constitution

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 21 जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार की गारंटी प्रदान करता है। यह अधिकार न केवल शारीरिक अस्तित्व की रक्षा करता है, बल्कि व्यक्ति की गरिमा, स्वतंत्रता और सुरक्षा को भी सुनिश्चित करता है। इसे भारतीय लोकतंत्र का एक मूलभूत अधिकार माना जाता है और इसका उल्लंघन करना संवैधानिक रूप से …

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आप अपने अधिकारों की रक्षा के लिए भारत में जनहित याचिका (पीआईएल) कैसे दायर कर सकते हैं?

How can you file a Public Interest Litigation (PIL) in India to protect your rights?

जनहित याचिका (PIL) क्या है? जनहित याचिका (PIL) वह कानूनी प्रक्रिया है जिसके माध्यम से किसी भी व्यक्ति या संगठन को सार्वजनिक या सामाजिक मामलों में सुप्रीम कोर्ट या उच्च न्यायालय में याचिका दायर करने का अधिकार प्राप्त होता है। इसे आमतौर पर उन मामलों में दायर किया जाता है, जिनमें किसी बड़ी संख्या में …

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ऑनलाइन लेन-देन और ई-कॉमर्स में धोखाधड़ी के मामलों को कानून कैसे देखता है?

How does the law view cases of fraud in online transactions and e-commerce

आधुनिक समाज में इंटरनेट ने व्यापार और उपभोक्ताओं के बीच एक नई और प्रभावी कड़ी स्थापित की है। ऑनलाइन शॉपिंग, डिजिटल भुगतान, और इंटरनेट के माध्यम से व्यापार ने व्यापारिक क्षेत्र में एक नया मोड़ लाया है। अब उपभोक्ता बिना घर से बाहर जाए, किसी भी वस्तु को इंटरनेट के माध्यम से खरीद सकते हैं। …

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कानूनी रूप से झूठे ब्लैकमेल केस में अपनी सुरक्षा कैसे सुनिश्चित करें?

How to legally ensure your safety in a false blackmail case

ब्लैकमेलिंग एक ऐसा अपराध है जिसमें अपराधी किसी व्यक्ति को धमकाकर या डराकर पैसे, सामान या अन्य फायदे निकालता है। यह अपराध तब और गंभीर हो जाता है जब आरोप झूठे होते हैं या किसी व्यक्ति को झूठे तरीके से फंसाने की कोशिश की जाती है। यदि आप किसी झूठे ब्लैकमेल केस का सामना कर …

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डाइवोर्स की याचिका वापस कैसे  लें?

How to withdraw divorce petition?

विवाह एक ऐसा बंधन है जो समाज में दो व्यक्तियों को एक-दूसरे से जोड़ता है। लेकिन कभी-कभी यह संबंध समस्याओं और असहमति के कारण टूट सकता है। जब एक व्यक्ति अपने वैवाहिक जीवन से संतुष्ट नहीं होता और रिश्ते को समाप्त करने का निर्णय लेता है, तो वह तलाक की याचिका दायर करता है। लेकिन …

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