कानूनी सलाह

लोन वसूलने का क्या मतलब है?

लोन वसूलने का क्या मतलब है

किसी भी फाइनेंसियल इंस्टीटूशन या डिपार्टमेंट के द्वारा लिए गए उधार के पैसे को उधार लेने वाले व्यक्ति को वापस चुकाना होता है। उधार लेने वाले व्यक्ति यानि उधारकर्ता को उसे चुकाने की जरूरत होती है। अगर उधारकर्ता द्वारा इस लोन का भुगतान नहीं किया जाता है, तो लोन देने वाला व्यक्ति या इंस्टीटूशन उस …

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उधारी के लिए हुई कानूनी कार्रवाई से कैसे बच सकते है?

उधारी के लिए हुई कानूनी कार्रवाई से कैसे बच सकते है?

उधारकर्ताओं के लिए कानूनी कार्रवाई  उधारकर्ता कुछ अधिकारों और विनियमों के हकदार होते हैं, जो की उनकी उस सिचुएशन में मदद करते है जब एक जेनुइन व्यक्ति जी सच में लोन चुकाना चाहता है है लेकिन किसी वजह से चूका नहीं पा रहा है। आरबीआई द्वारा दिए गए दिशानिर्देश ना केवल बैंकों और वित्तीय संस्थानों …

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मनी डिफॉल्टर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई किस प्रकार करें?

मनी डिफॉल्टर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई किस प्रकार करें?

एक मनी डिफॉल्टर मतलब ऐसे लोग जिन्होंने कभी शर्तों और नियमों के अनुसार लोन लिया और अब उस लोन को या तो जानबूझकर वापस नहीं कर रहे या फिर उसे चुका नहीं पा रहे है। बैंकों के पास इस प्रकार के मनी डिफॉल्टर से अपना पैसा वापस लेने के कई उपाय और ऑप्शन उपलब्ध होते …

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क्या मानसिक रूप से बीमार पत्नी अपने नाबालिग बच्चे की कस्टडी ले सकती है?

क्या मानसिक रूप से बीमार पत्नी अपने नाबालिग बच्चे की कस्टडी ले सकती है

माता-पिता के लिए उनके बच्चे ही उनका जीवन होते है। अगर किसी पैरेंट को उसके बच्चे से अलग किया जाये तो उसकी मानसिक स्थिति क्या होगी यह कल्पना करना बहुत मुश्किल है। ऐसे में अगर कोई पैरेंट मानसिक रूप से पीड़ित है या किसी मानसिक बीमारी से जूझ तरह है तो क्या उसके बच्चे को …

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एससी-एसटी एक्ट के सभी केसिस में चार्जशीट फाइल करना क्यों जरूरी नहीं है।

एससी-एसटी एक्ट के सभी केसिस में चार्जशीट फाइल करना क्यों जरूरी नहीं है

कोर्ट ने कहा, इस प्रोविज़न की हमारी समझ और व्याख्या, जैसा कि ऊपर उल्लेख किया गया है, कानून की सही समझ है और पिटीशनर  के विद्वान वकील का तर्क गलत है।” इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि जांच अधिकारी के लिए अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) एक्ट के तहत दर्ज हर मामले …

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भारत में आपसी तलाक लेने के लिए कौन सा कानून है?

What is the law for mutual divorce in India

भारत में विवाह सिर्फ एक सामाजिक या धार्मिक बंधन नहीं, बल्कि एक कानूनी अनुबंध भी है। जब पति-पत्नी के बीच मतभेद इतने गहरे हो जाते हैं कि साथ रहना असंभव हो जाए, तो अलग होने का रास्ता तलाक के रूप में खुला होता है।  यदि दोनों सहमति से अलग होना चाहते हैं, तो वे आपसी …

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क्या जुड़वा बच्चों में से किसी एक का गर्भपात करवाना ख़तरनाक होता है?

क्या जुड़वा बच्चों में से किसी एक का गर्भपात करवाना ख़तरनाक होता है?

एक प्रेग्नेंट महिला कोमल, जिसके गर्भ में जुड़वा बच्चे पल रहे है उसे कोर्ट द्वारा कुछ राहत देते हुए दो में से एक बच्चे को ख़त्म करने के लिए फाइल की गयी पिटीशन पर सुप्रीम कोर्ट ने सर जेजे ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के डीन द्वारा बनाये गए मेडिकल बोर्ड में एक और सदस्य जोड़ने का …

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लीगल नोटिस भेजने से पहले क्या ध्यान रखें?

लीगल नोटिस भेजने से पहले क्या ध्यान रखें?

कानूनी दस्तावेज बहुत जरूरी होते हैं और इसमें अलग-अलग नाजुक पेचीदगियां शामिल होती हैं। कानूनी नोटिस एक दस्तावेज है जो एक व्यक्ति वकील के द्वारा किसी अन्य व्यक्ति या कंपनी को भिजवाता है। कानूनी नोटिस क्या है? इस लीगल नोटिस में विरोधी पार्टी को इस बारे में सूचित किया जाता है कि नोटिस भेजने वाली …

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दुर्घटना बीमा के तहत कौन-सी घटनाएं कवर नहीं की जाती है?

दुर्घटना बीमा के तहत कौन-सी घटनाएं कवर नहीं की जाती है?

दुर्घटना बीमा दुर्घटना से उत्पन्न होने वाली किसी भी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है और ऐसी दुर्घटना के कारण किसी भी प्रकार की आय हानि के लिए वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है, रेल, वायु, सड़क, आग, टक्कर, विस्फोट के कारण होने वाली कोई भी दुर्भाग्यपूर्ण घटना और अन्य इस बीमा के …

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किन मैटर्स की सुनवाई के लिए डायरेक्ट सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं?

किन मैटर्स की सुनवाई के लिए डायरेक्ट सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं?

पहले संघीय न्यायालय, जिसे भारत सरकार अधिनियम, 1935 के तहत गठित किया गया था, ब्रिटिश शासन के दौरान भारत में सर्वोच्च न्यायालय था। वर्ष 1950 में सर्वोच्च न्यायालय अस्तित्व में आया जिसने संघीय न्यायालय का स्थान ले लिया। देश का सर्वोच्च न्यायालय होने के नाते, सर्वोच्च न्यायालय संविधान के संरक्षक और मौलिक अधिकारों के संरक्षक …

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