कानून और रिश्ते

मुस्लिम एक्ट के तहत मुसलमानों की डाइवोर्स लेने की पूरी प्रक्रिया?

Complete process for Muslims to get divorce under Muslim Act

तलाक को अक्सर एक बेहद जटिल और संवेदनशील प्रक्रिया माना जाता है। यह न केवल दो व्यक्तियों के जीवन को प्रभावित करता है, बल्कि उनके परिवारों और समाज को भी प्रभावित करता है। भारत में मुसलमानों के लिए तलाक की प्रक्रिया को शरिया कानून और मुस्लिम विवाह अधिनियम, 1939 के तहत नियंत्रित किया जाता है। …

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पिता की मृत्यु के बाद बेटियों को प्रॉपर्टी में कितना अधिकार मिलेगा?

पिता की मृत्यु के बाद बेटियों को प्रॉपर्टी में कितना अधिकार मिलेगा?

भारतीय कानून के अनुसार, पिता की मृत्यु के बाद उसकी वसीयत में उनकी बेटी को अधिकार मिलता है। पुत्री के अधिकारों को वसीयत के माध्यम से सुनिश्चित किया जा सकता है। यह प्राथमिकता धार्मिक और व्यवहारिक परंपराओं के आधार पर थी, लेकिन अब कुछ न्यायाधीशीय निर्णयों ने इसे परिवर्तित किया है। 2015 में सुप्रीम कोर्ट …

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समान नागरिक संहिता और भारत में विवाह पर इसका प्रभाव

समान नागरिक संहिता और भारत में विवाह पर इसका प्रभाव

समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) एक विवादास्पद मुद्दा है जो भारत में विवाह और व्यक्तिगत संबंधों के क्षेत्र में सामान्य नागरिक संहिता के लागू होने की मांग करता है। विभिन्न धार्मिक समुदायों के अनुसार, विवाह, तलाक, संपत्ति, विरासत और अन्य व्यक्तिगत संबंधों के लिए अलग-अलग कानूनी प्रणाली लागू होती हैं। समान नागरिक संहिता का …

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अब आपसी तलाक के लिए सालों तक रुकने की जरूरत नहीं है।

अब आपसी तलाक के लिए सालों तक रुकने की जरूरत नहीं है।

आपसी तलाक में दोनों पक्षों ने हिन्दू मैरिज एक्ट की सेक्शन 13बी के तहत और विशेष विवाह अधिनियम की सेक्शन 28 के तहत परिवार कोर्ट  के समक्ष संयुक्त याचिका दायर की है, जिसके तहत दोनों पक्ष एक दूसरे के साथ विवाह संबंध रखते हैं। प्रावधान एक साथ विवाह के विघटन के लिए एक याचिका दायर …

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मैरिज काउंसलिंग क्या है?

मैरिज काउंसलिंग क्या है

मैरिज काउंसलिंग विवाहित या शादी करने जा रहे लोगो के लिए काउंसलिंग का एक रूप है। हालाँकि, यह काउंसलिंग कपल्स के लिए जरूरी भी है क्योंकि एक या दोनों साथी या पार्टनर्स एक अच्छी और सफल शादी के लिए बहुत से प्रयास करते हैं। इस प्रोसेस के दौरान काउंसलर कपल्स को एक-दूसरे के व्यवहार और …

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कस्टडी के केस में बच्चे की मर्जी को कितनी वैल्यू दी जाती है?

कस्टडी के केस में बच्चे की मर्जी को कितनी वैल्यू दी जाती है

तलाक के साथ शुरू हुई यह जंग जिसमे सबसे ज्यादा कोई पिस्ता है तो वो है कपल के बच्चे। तलाक स्पष्ट रूप ही, इसमें शामिल दोनों भागीदारों/पार्टनर्स के लिए जीवन का एक बहुत ही कठोर चरण है। हमेशा के लिए एक साथ रहने का फैसला करने वाले दो लोगों को दुर्भाग्य से अलग होना पड़ता …

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तलाक के बाद आर्थिक, भावनात्मक और कानूनी रूप से कैसे संभले?

तलाक के बाद खुद को कैसे संभाले, तलाक के बाद पुरुषो का जीवन, तलाक के बाद आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर कैसे बने

आजकल भारत में तलाक के केसिस काफी आम हो गए हैं। फिर भी, भारत में शादी एक बहुत बड़ी बात है, जहाँ दो लोग अपना आगे आने वाला पूरा जीवन एक साथ बिताने की कसम खाते हैं।  तलाक के बाद खुद को कैसे संभाले? शादीशुदा जिंदगी की शुरुआत करते समय तलाक होने की संभावना कम …

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क्या मैं दूसरे राज्य में विवाह पंजीकृत कर सकता हूँ?

क्या मैं दूसरे राज्य में विवाह पंजीकृत कर सकता हूँ?

इस प्रश्न का उत्तर हां और ना दोनों ही है, क्योंकि अपनी शादी को पंजीकृत तो दूसरे राज्य में करवा सकते है, लेकिन वो राज्य किसी प्रकार से लड़के या लड़की से संबंधित होना चाहिए, तो अगर राज्य कपल से समन्धित है तो इसका उत्तर हां है, लेकिन अगर ऐसा नहीं है तो फिर ना …

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क्या एक भारतीय किसी विदेशी से शादी कर सकता है?

क्या एक भारतीय किसी विदेशी से शादी कर सकता है?

स्पेशल मैरिज एक्ट शादी के लिए आयु सीमा के साथ-साथ माता, सौतेली माँ, सौतेली दादी आदि जैसे संबंधों की निषिद्ध डिग्री निर्धारित करता है। केंद्रीय सूचना आयोग ने स्पेशल मैरिज एक्ट की प्रयोज्यता पर प्रकाश डालते हुए यह पहचान की है कि दूल्हा और दुल्हन अलग-अलग धर्म या विभिन्न देश हो सकते हैं। जरूरी रीती …

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तलाक की कार्यवाही में मेंटेनेंस कैसे तय किया जाता है?

तलाक की कार्यवाही के दौरान रखरखाव या गुजारा भत्ता कैसे तय किया जाता है

शादी के बारे में अंतर्निहित सच्चाई यह है कि एक बार जब युगल इस पवित्र बंधन में बंध जाते हैं, तो वे एक-दूसरे का समर्थन करने के लिए बाध्य हो जाते हैं और बाद में तलाक के लिए जो भी आधार हो, दायित्व अभी भी जारी रहता है और इसे ‘गुजारा भत्ता’ के रूप में …

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