कानून और रिश्ते

एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर तलाक का आधार कैसे हो सकता है?

एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर तलाक का आधार कैसे हो सकता है?

व्यभिचार या एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर को एक विवाहित व्यक्ति द्वारा व्यक्ति की पत्नी या पति के अलावा विपरीत लिंग के व्यक्ति के साथ संभोग करने के कार्य के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। दुनिया भर के व्यक्तिगत कानून व्यभिचार की निंदा करते हैं और इसे तलाक या अलगाव के लिए एक आधार माना …

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विधवा महिलाओं के शादी और संपत्ति से जुड़े कानूनी अधिकार – जानिए आपके हक़ क्या कहते हैं?

Legal rights of widowed women related to marriage and property – Know what your rights say

भारत में आज भी कई विधवाओं को समाजिक भेदभाव और कानूनी जानकारी की कमी का सामना करना पड़ता है। हालांकि, हमारे संविधान और विभिन्न अधिनियमों ने विधवाओं को पुनर्विवाह, संपत्ति, दत्तक ग्रहण और भरण-पोषण के स्पष्ट अधिकार दिए हैं। यह ब्लॉग विधवा महिलाओं के उन कानूनी अधिकारों पर केंद्रित है जो उन्हें दोबारा जीवन की …

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शादी की मान्यता: मैरिज रजिस्ट्रेशन की ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रक्रिया

Recognition of marriage Online and offline process of marriage registration

भारत में शादी सिर्फ दो लोगों का मिलन नहीं है – यह दो परिवारों, संस्कृतियों और परंपराओं का संगम है। लेकिन आज के समय में शादी का केवल सामाजिक रूप से स्वीकार्य होना पर्याप्त नहीं है। जब तक यह कानूनी रूप से पंजीकृत न हो, तब तक इससे जुड़ी कई सुविधाओं और अधिकारों से वंचित …

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मैरिज रजिस्ट्रेशन के लिए कौन गवाह बन सकता है?

मैरिज रजिस्ट्रेशन के लिए कौन गवाह बन सकता है?

भारत में विवाह कई रूपों में किए जाते हैं। भारत का संविधान प्रथागत और मैरिज रजिस्ट्रेशन दोनों को वैध विवाह का दर्जा देता है। प्रथागत विवाह कानून द्वारा मान्यता प्राप्त विशिष्ट रीति-रिवाजों के आधार पर मान्य हैं। विशेष विवाह अधिनियम विवाह पंजीकरण के संबंध में कुछ प्रावधान प्रदान करता है। संबंधित अधिनियमों में विवाह पंजीकरण …

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मैरिज सर्टिफिकेट डाउनलोड करने की ऑनलाइन प्रक्रिया क्या है?

मैरिज सर्टिफिकेट डाउनलोड करने की ऑनलाइन प्रक्रिया क्या है?

किन्ही दो लोगों के मध्य विवाह एक बहुत ही पवित्र रिश्ता होता है। विवाह का विधिक पंजीकरण कराना विवाह के लिए अत्यधिक आवश्यक होता है। किसी भी विवाह का पंजीकरण करा कर मैरिज सर्टिफिकेट प्राप्त करने से पति पत्नी को कई प्रकार की सुविधाएं प्राप्त हो सकती हैं। यह वीजा परमिट , होम लोन , …

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क्या चर्च द्वारा मुहैया कराया गया सर्टिफिकेट कानूनी रूप से मान्य है?

क्या चर्च द्वारा मुहैया कराया गया सर्टिफिकेट कानूनी रूप से मान्य है?

भारत में मुसलमानों के बाद ईसाई दूसरा सबसे बड़ा धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय है। ईसाई जोड़ों का विवाह भारतीय ईसाई विवाह अधिनियम, 1872 द्वारा शासित होता है, जो शादी के अनुष्ठान के लिए चर्च के पादरी या मंत्री की उपस्थिति की प्राथमिक शर्त को निर्धारित करता है। हर धर्म मे विवाह के साथ ही एक प्रमाण …

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शादी के रजिस्ट्रेशन में धोखाधड़ी की गई है? जानिए क्या है आपके पास कानूनी रास्ता

Has there been fraud in marriage registration Know what legal recourse you have

विवाह न सिर्फ एक सामाजिक अनुबंध है, बल्कि एक कानूनी प्रक्रिया भी है। अगर शादी के पंजीकरण में कोई पक्ष झूठ बोलकर, दस्तावेज़ों में हेराफेरी कर के या वैवाहिक स्थिति छुपाकर रजिस्ट्रेशन करवाता है, तो यह सिर्फ नैतिक धोखा नहीं बल्कि एक कानूनी अपराध है। इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि शादी के रजिस्ट्रेशन में …

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मैरिज सर्टिफिकेट को कैसे अपडेट करा सकते हैं?

मैरिज सर्टिफिकेट को कैसे अपडेट कर सकते हैं?

विवाह प्रमाणपत्र भारत में आधिकारिक दस्तावेज है जो इस बात की पुष्टि करता है कि दो लोग विवाहित हैं। विवाह प्रमाणपत्र युगल और उनके परिवार के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करते हैं। इसमें नाम, जन्मतिथि, पता, धर्म आदि जैसे अन्य विवरण भी शामिल होते हैं। मैरिज सर्टिफिकेट को ऑनलाइन या ऑफलाइन अपडेट किया जा …

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पति के परिवार के आरोपों पर ध्यान ना देना, न्याय का दुरुपयोग है।

पति के परिजनों के आरोपों पर ध्यान ना देना, न्याय का दुरुपयोग है।

तेलंगाना उच्च न्यायालय ने वैवाहिक विवादों के सम्बंध में एक बेहद ही महत्वपूर्ण निर्णय दिया है। अपने निर्णय में तेलंगाना की उच्च न्यायालय ने कहा है कि परिवार न्यायालय अधिनियम 1984 के तहत वैवाहिक विवादों में परिजनों के द्वारा लगाए गए ग़लत आरोप यदि अनियंत्रित रहे तो यह न्याय के ग़लत इस्तेमाल को प्रेरित करेगा। …

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कोर्ट के आदेशों का पालन ना करने पर हाईकोर्ट ने तीन महीने की सजा सुनाई।

दिल्ली हाई कोर्ट ने वैवाहिक विवाद

दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा एक व्यक्ति को बार बार न्यायालय के आदेश की अवज्ञा करने पर सजा सुनाई गई थी। न्यायालय द्वारा बार बार दिये जा रहे निर्देशों की अवमानना करने से कुपित हुए न्यायालय ने व्यक्ति पर अर्थदंड लगाकर दण्डित किया है।  दिल्ली हाई कोर्ट के एक वैवाहिक विवाद के मामले में एक व्यक्ति …

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