कोर्ट का मानना है कि अपने घरेलु मामलों में वकीलों को शामिल ना करना ही बेहतर है।
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने पारिवारिक विवादों को लेकर के एक बड़ी टिप्पणी की। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना ने अपनी टिप्पणी में कहा ” पारिवारिक विवाद और सार्वजनिक विवाद में काफी अंतर होता है यदि कोई परिवार अपने आंतरिक विवाद को सार्वजनिक विवाद में परिवर्तित करता है तो इस तरीके के मुकदमे …
कोर्ट का मानना है कि अपने घरेलु मामलों में वकीलों को शामिल ना करना ही बेहतर है। Read More »










