समरी सूट क्या है? आदेश 37 CPC के तहत पैसे की वसूली का तेज़ और असरदार तरीका

What is a summary suit A quick and effective way to recover money under Order 37 CPC

समरी सूट का अर्थ और उद्देश्य

समरी सूट (Summary Suit) एक ऐसी कानूनी प्रक्रिया है जिसमें न्यायालय बिना लंबी सुनवाई और गवाही के, केवल दस्तावेज़ों के आधार पर पैसा वसूलने के दावे का निपटारा कर सकती है। यह उन मामलों के लिए उपयुक्त है जहाँ कोई व्यक्ति या संस्था स्पष्ट रूप से पैसे की बकाया राशि नहीं चुका रही है, और विवाद केवल भुगतान को लेकर है, न कि किसी जटिल कानूनी या तथ्यात्मक मुद्दे पर।

मुख्य उद्देश्य:

  • न्यायिक प्रक्रिया को तेज़ बनाना
  • अदालत के ऊपर के बोझ को कम करना
  • छोटे दावों में शीघ्र न्याय प्रदान करना
  • वादी को समय पर राहत दिलाना

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CPC आदेश 37 के तहत समरी सूट दाखिल करने की पात्रता

समरी सूट कोई भी नहीं फाइल कर सकता — इसके लिए कुछ खास योग्यताएं ज़रूरी हैं:

  • दावा “निश्चित धनराशि” के लिए हो: यानी रकम पहले से तय होनी चाहिए, कोई अनुमान या भविष्य की गणना नहीं।
  • दस्तावेज़ी आधार हो: जैसे कि इनवॉइस, एग्रीमेंट, बिल, चेक, वचन-पत्र या अन्य लिखित अनुबंध जो यह साबित करें कि पैसा वसूलना है।
  • प्रतिवादी कोर्ट के अधिकार क्षेत्र में हो: यानी वही शहर या ज़िला जहाँ केस फाइल किया जा रहा है, वहीं प्रतिवादी का व्यवसाय या निवास होना चाहिए।
  • प्रतिवादी सक्षम हो: यदि प्रतिवादी नाबालिग है या मानसिक रूप से असक्षम है, तो समरी सूट मान्य नहीं होगा।

समरी सूट दाखिल करने की प्रक्रिया – स्टेप बाय स्टेप

चरण 1: याचिका तैयार करें

वादी एक सुस्पष्ट याचिका बनाता है जिसमें यह बताया जाता है कि कितनी राशि वसूलनी है, उसका आधार क्या है, और किन दस्तावेज़ों पर यह दावा आधारित है।

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चरण 2: आदेश 37 के तहत केस फाइल करें

यह याचिका संबंधित सिविल कोर्ट में CPC के Order 37 के तहत फाइल की जाती है।

चरण 3: नोटिस और समन

कोर्ट प्रतिवादी को नोटिस जारी करती है। प्रतिवादी को केवल 10 दिन मिलते हैं जवाब देने के लिए।

चरण 4: जवाब न देने पर

यदि प्रतिवादी समय पर जवाब नहीं देता, तो कोर्ट वादी के पक्ष में एकतरफा डिक्री (ex parte decree) पास कर सकती है।

चरण 5: जवाब देने पर

यदि प्रतिवादी जवाब देता है, तो उसे “Leave to Defend” यानि कि बचाव की अनुमति लेनी होती है। बिना अनुमति के वह मुकदमे का हिस्सा नहीं बन सकता।

समरी सूट के प्रमुख लाभ

समरी सूट क्यों चुनें? इसके कई फायदे हैं:

  • तेज़ निर्णय: आम सिविल मुकदमों की तुलना में फैसला जल्दी आता है, जिससे वादी को शीघ्र राहत मिलती है।
  • कम खर्च: वकीलों की फीस और कोर्ट शुल्क अपेक्षाकृत कम होते हैं क्योंकि केस लंबा नहीं खिंचता।
  • कम औपचारिकताएं: गवाहों की पेशी, क्रॉस एग्ज़ामिनेशन आदि की ज़रूरत नहीं होती।
  • कोर्ट का बोझ कम होता है: छोटे और स्पष्ट मामलों का त्वरित निपटारा होता है।

समरी सूट की सीमाएं और नुकसान

हर कानूनी उपाय के कुछ प्रतिबंध होते हैं — समरी सूट भी इसका अपवाद नहीं:

  • केवल सीमित राशि के लिए: कुछ राज्यों में यह प्रक्रिया केवल ₹5 लाख तक के दावों तक सीमित होती है (राज्य के अनुसार बदल सकता है)।
  • अन्य विवाद शामिल नहीं किए जा सकते: समरी सूट केवल “पैसे की वसूली” के लिए होता है — कोई दंडात्मक दावा या जटिल कानूनी प्रश्न इसमें नहीं उठाए जा सकते।
  • डिफेंस की अनुमति मिल सकती है: यदि प्रतिवादी न्यायालय को संतुष्ट करता है कि उसका बचाव वैध है, तो केस सामान्य ट्रायल में बदल सकता है — जिससे प्रक्रिया लंबी हो जाती है।
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समरी सूट से जुड़े महत्वपूर्ण न्यायिक निर्णय

हिंदुस्तान स्टील लिमिटेड बनाम जगदीश सिंह

यदि प्रतिवादी कोर्ट में पेश नहीं होता, तो वादी को डिफॉल्ट डिक्री मिल सकती है, यानी फैसला वादी के पक्ष में हो सकता है।

राजा राम बनाम राधेश्याम (2007)

कोर्ट ने स्पष्ट किया कि समरी सूट में दिया गया निर्णय अपील योग्य है, लेकिन केवल सीमित आधारों पर।

सुरेंद्र कुमार बनाम शांति देवी (2007)

यदि प्रतिवादी उपस्थित रहता है, लेकिन उचित बचाव नहीं दे पाता, तो भी आदेश 37 के तहत कार्यवाही आगे बढ़ सकती है।

समरी सूट का रियल लाइफ उदाहरण

परिस्थिति: दिल्ली के एक बिज़नेसमैन ने अपने ग्राहक को ₹2.5 लाख का माल सप्लाई किया। भुगतान न मिलने पर उन्होंने समरी सूट दाखिल किया।

परिणाम: ग्राहक ने 10 दिनों में कोई जवाब नहीं दिया। कोर्ट ने 60 दिनों के भीतर एकतरफा फैसला सुनाया और भुगतान की प्रक्रिया शुरू हुई।

यह दिखाता है कि समरी सूट एक असरदार और तेज़ न्यायिक उपाय हो सकता है।

निष्कर्ष: 

कब और क्यों चुनें समरी सूट?

यदि आप केवल निर्धारित धनराशि की वसूली करना चाहते हैं, आपके पास संबंधित दस्तावेज़ी प्रमाण हैं, और आप लंबी कानूनी प्रक्रिया से बचना चाहते हैं, तो समरी सूट आपके लिए सबसे प्रभावशाली और त्वरित कानूनी उपाय है। यह प्रक्रिया आपको कम समय में, कम खर्च पर, और सरल तरीके से न्याय दिलाने में मदद करती है। इसलिए, जब मामला सीधा हो, तो समरी सूट एक आदर्श विकल्प साबित होता है।

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FAQs

1. समरी सूट किन मामलों में दाखिल किया जा सकता है?

जहाँ निश्चित रकम की मांग है और वह लिखित दस्तावेज़ों से सिद्ध होती है।

2. समरी सूट का फैसला कितने समय में आता है?

अगर कोई रुकावट न हो, तो 3 से 6 महीने में फैसला आ सकता है।

3. क्या समरी सूट में अपील हो सकती है?

हाँ, लेकिन केवल न्यायिक गलती या गंभीर त्रुटियों के आधार पर।

4. समरी सूट को ऑनलाइन कैसे फाइल करें?

eCourts, District Court Portals,और राज्य स्तरीय पोर्टल्स के ज़रिए ऑनलाइन फाइलिंग की सुविधा उपलब्ध है।

5. क्या वकील की सहायता जरूरी है?

कानूनन नहीं, लेकिन समरी सूट की प्रक्रिया तकनीकी होती है — इसलिए वकील से सलाह लेना बुद्धिमानी होगी।

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