LLP के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया क्या है?

What is the registration process for LLP

बिज़नेस शुरू करते समय कई फैसले लेने होते हैं, लेकिन सबसे ज़रूरी फैसला होता है सही बिज़नेस स्ट्रक्चर चुनना। यदि आप कंपनी जैसे फायदे चाहते हैं (जैसे लिमिटेड जिम्मेदारी), लेकिन ज़्यादा कानूनी झंझट नहीं चाहते, तो LLP (लिमिटेड लाइबिलिटी पार्टनरशिप) एक बेहतरीन विकल्प है।

LLP को प्रोफेशनल्स, कंसल्टेंट्स, स्टार्टअप्स और छोटे बिज़नेस वाले लोग ज़्यादा पसंद करते हैं क्योंकि इसमें पार्टनरशिप की आज़ादी मिलती है और कंपनी जैसी कानूनी सुरक्षा भी रहती है।

LLP क्या होता है?

LLP, एक ऐसा व्यवसायिक ढांचा है जिसमें दो या दो से अधिक व्यक्ति मिलकर साझेदारी करते हैं, लेकिन उनकी व्यक्तिगत जिम्मेदारियाँ सीमित होती हैं। मतलब, किसी भी ऋण या कानूनी समस्या की स्थिति में उनके व्यक्तिगत संपत्ति पर खतरा नहीं होता।

LLP की मुख्य विशेषताएं:

  • सीमित जिम्मेदारी: पार्टनर केवल अपनी पूंजी तक ही जिम्मेदार होते हैं।
  • कानूनी पहचान: LLP की अलग कानूनी पहचान होती है।
  • कम अनुपालन: प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की तुलना में LLP में कम कानूनी औपचारिकताएँ होती हैं।
  • टैक्स लाभ: LLP को पार्टनरशिप की तरह टैक्स में कुछ राहत मिलती है।

यह साधारण पार्टनरशिप से अलग, LLP को मिनिस्ट्री ऑफ़ कॉर्पोरेट अफेयर्स (MCA) में रजिस्टर किया जाता है। इसलिए LLP को कानूनी मान्यता और ज्यादा भरोसा मिलता है। इसे पक्का कानून का संरक्षण भी प्राप्त होता है, जो आपके बिज़नेस को मजबूत बनाता है।

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LLP रजिस्टर करने के क्या फायदे है?

LLP एक बेहतरीन विकल्प है, खासकर छोटे और स्टार्टअप बिज़नेस के लिए। इसके कुछ प्रमुख फायदे हैं:

  • आसान स्थापना और संचालन: LLP को बनाना और चलाना सरल है।
  • कम अनुपालन आवश्यकताएँ: यदि एक साल की टर्नओवर ₹40 लाख से कम है या पार्टनर्स का योगदान ₹25 लाख से कम है, तो ऑडिट की आवश्यकता नहीं होती।
  • कम फीस: LLP की रजिस्ट्रेशन और संचालन फीस कम होती है।
  • डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स नहीं: LLP में डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स नहीं लगता, जिससे साझेदारों को लाभ सीधे मिलता है।
  • टैक्स लाभ: कुछ मामलों में, कंपनियों की तुलना में LLP को टैक्स में राहत मिलती है।

LLP रजिस्टर करने के लिए कौन-कौन पार्टनर बन सकते हैं?

पार्टनर कौन हो सकते हैं?

  • व्यक्तिगत व्यक्ति (Individuals): भारतीय निवासी या विदेशी नागरिक।
  • कॉर्पोरेट संस्थाएँ (Body Corporates): कंपनियाँ, LLPs, या अन्य कानूनी संस्थाएँ।
  • संयोजन (Combination): व्यक्तिगत व्यक्ति और कॉर्पोरेट संस्थाएँ दोनों मिलकर भी भागीदार बन सकते हैं।

डिज़ाइनैटेड पार्टनर की आवश्यकताएँ

  • न्यूनतम संख्या: कम से कम दो डिज़ाइनैटेड पार्टनर होने चाहिए।
  • भारतीय निवासी की आवश्यकता: कम से कम एक डिज़ाइनैटेड पार्टनर भारतीय निवासी होना चाहिए।
  • योग्यता: डिज़ाइनैटेड पार्टनर के लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष, मानसिक रूप से स्वस्थ, और दिवालिया घोषित न होना चाहिए।
  • नोट: कॉर्पोरेट संस्थाएँ डिज़ाइनैटेड पार्टनर नहीं बन सकतीं। यदि कोई कॉर्पोरेट संस्थान LLP का भागीदार है, तो उसे एक व्यक्तिगत व्यक्ति को डिज़ाइनैटेड पार्टनर के रूप में नामित करना होगा।
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डिज़ाइनैटेड पार्टनर के लिए आवश्यक दस्तावेज़

  • DPIN (Designated Partner Identification Number): डिज़ाइनैटेड पार्टनर के लिए एक विशिष्ट पहचान संख्या।
  • DSC (Digital Signature Certificate): डिज़ाइनैटेड पार्टनर के लिए डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाणपत्र।
  • अन्य दस्तावेज़: पहचान और पते के प्रमाण जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट, आदि।

LLP को रजिस्टर कैसे कराए?

स्टेप 1: डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट (DSC) बनवाना

  • क्यों ज़रूरी है? क्योंकि LLP रजिस्ट्रेशन की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होती है, इसलिए सभी पार्टनर्स को DSC की ज़रूरत होती है ताकि वे ऑनलाइन दस्तावेज़ों पर साइन कर सकें।
  • किसे बनवाना है? सभी डिज़ाइनैटेड पार्टनर को।
  • कैसे मिलेगा? DSC बनाने के लिए किसी भी अधिकृत एजेंट के पास जाएं। आपको ये डॉक्यूमेंट देने होंगे:
    • पैन कार्ड
    • आधार कार्ड
    • पासपोर्ट साइज फोटो
    • मोबाइल नंबर और ईमेल ID

स्टेप 2: डायरेक्टर आइडेंटिफिकेशन नंबर (DIN) लेना

  • क्यों ज़रूरी है? DIN एक यूनिक नंबर होता है जो हर डिज़ाइनैटेड पार्टनर को दिया जाता है। ये LLP रजिस्ट्रेशन के लिए ज़रूरी है।
  • कैसे मिलेगा? यह नंबर LLP रजिस्ट्रेशन फॉर्म (FiLLiP) के साथ ही अप्लाई किया जा सकता है।

स्टेप 3: LLP का नाम रिज़र्व करना

  • क्यों ज़रूरी है? आपको अपने LLP के लिए एक यूनिक नाम रिज़र्व करना होता है, जो किसी और कंपनी या LLP से मिलता-जुलता नहीं होना चाहिए।
  • कैसे करें? MCA की वेबसाइट पर RUN-LLP (Reserve Unique Name) फॉर्म भरें।
  • ध्यान रखने वाली बातें:
    • MCA की नाम रखने की गाइडलाइन पढ़ें
    • बिज़नेस की एक लाइन में जानकारी दें
    • एक बार में दो नाम सुझा सकते हैं

स्टेप 4: FiLLiP फॉर्म भरना (LLP रजिस्ट्रेशन का मुख्य फॉर्म)

  • इसमें क्या भरना होता है?
    • पार्टनर्स की डिटेल
    • ऑफिस का पता
    • कितना पैसा लगाएंगे (Capital Contribution)
    • किस काम का बिज़नेस करेंगे
  • साथ में ये डॉक्यूमेंट लगेंगे:
    • ऑफिस के पते का प्रूफ (रेंट एग्रीमेंट, बिजली बिल आदि)
    • मकान मालिक की NOC
    • पार्टनर्स की पहचान और एड्रेस प्रूफ
    • सभी पार्टनर्स की DSC

स्टेप 5: LLP एग्रीमेंट फाइल करना

  • क्यों ज़रूरी है? LLP बनने के 30 दिनों के अंदर एक एग्रीमेंट फाइल करना होता है। इसमें पार्टनर्स के बीच के नियम, जिम्मेदारियाँ और लाभ बाँटने का तरीका लिखा होता है।
  • कैसे करें? MCA पोर्टल पर Form 3 फाइल करें।
  • एग्रीमेंट में क्या होगा?
    • LLP का नाम
    • पार्टनर्स की भूमिकाएं और अधिकार
    • लाभ में हिस्सा
    • पूंजी योगदान
    • अगर विवाद हो तो कैसे सुलझेगा
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LLP रजिस्ट्रेशन के लिए आवश्यक दस्तावेज

पार्टनर्स के लिए डॉक्यूमेंट्स:

  • PAN कार्डजरूरी है
  • आधार कार्ड या पासपोर्ट (विदेशी नागरिकों के लिए)
  • पासपोर्ट साइज फोटो
  • मोबाइल नंबर और ईमेल ID
  • बिजली बिल या बैंक स्टेटमेंट 2 महीने से पुराना नहीं होना चाहिए

ऑफिस एड्रेस के लिए डॉक्यूमेंट्स:

  • रेंट एग्रीमेंट – अगर ऑफिस किराए पर है
  • मकान मालिक की एनओसी (No Objection Certificate)
  • बिजली या पानी का बिल – 2 महीने से पुराना नहीं होना चाहिए

LLP रजिस्ट्रेशन में कितना समय और फीस लगती है?

स्टेपकितना समय लगेगालगभग कितना खर्च आएगा
DSC (डिजिटल सिग्नेचर)1–2 दिन₹800–₹2,000 प्रति व्यक्ति
नाम रिज़र्व करना2–3 दिन₹200
रजिस्ट्रेशन (FiLLiP फॉर्म)5–10 दिन₹1,000 से ₹5,000 तक
LLP एग्रीमेंट (Form 3)रजिस्ट्रेशन के 30 दिन मेंस्टांप ड्यूटी अलग-अलग राज्य में अलग होती है

कुल समय: लगभग 10–15 कामकाजी दिन

कुल खर्च: ₹5,000–₹10,000 (पार्टनर्स की संख्या, DSC और राज्य के अनुसार बदल सकता है)

LLP रजिस्ट्रेशन में कानूनी सहायता का महत्व

क्यों ज़रूरी है कानूनी सलाह? 

LLP रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया में कई कानूनी पहलू होते हैं, जिन्हें समझना और सही तरीके से लागू करना आवश्यक है। एक छोटी सी गलती भी रजिस्ट्रेशन को अस्वीकार करवा सकती है या भविष्य में कानूनी समस्याएँ खड़ी कर सकती हैं। इसलिए, एक अनुभवी कानूनी सलाहकार की मदद लेना सुरक्षित रहता है।

कानूनी विशेषज्ञ की भूमिका:

  • दस्तावेज़ों की तैयारी: कानूनी विशेषज्ञ सभी आवश्यक दस्तावेज़ों को सही और समय पर तैयार करने में मदद करते हैं, जिससे रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में कोई रुकावट नहीं आती।
  • MCA फॉर्म भरना: MCA के फॉर्म्स को सही तरीके से भरना और आवश्यक दस्तावेज़ों के साथ जमा करना कानूनी सलाहकार की जिम्मेदारी होती है।
  • नाम आरक्षण में सहायता: LLP के लिए एक यूनिक और MCA की गाइडलाइनों के अनुसार नाम चुनना और उसे आरक्षित कराना कानूनी विशेषज्ञ की मदद से आसान होता है।
  • भविष्य की कानूनी समस्याओं से बचाव: कानूनी सलाहकार LLP एग्रीमेंट को इस तरह से ड्राफ्ट करते हैं कि भविष्य में किसी भी प्रकार के विवाद या कानूनी समस्याओं से बचा जा सके।
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सामान्य गलतियाँ जिनसे बचना चाहिए

  • ऐसा नाम चुनना जो किसी और कंपनी से मिलता-जुलता हो।
  • LLP एग्रीमेंट समय पर न भरना।
  • गलत या पुराने डॉक्युमेंट्स लगाना।
  • विदेशी पार्टनर की सही जानकारी और पात्रता न जांचना।

LLP रजिस्ट्रेशन में बढ़ोतरी

मई 2025 में भारत में LLP रजिस्ट्रेशन में 37% की बड़ी बढ़ोतरी हुई है। इसका मतलब है कि निवेशक देश की अच्छी आर्थिक स्थिति और आने वाले समय में ज्यादा खरीदारी और विकास की उम्मीद से खुश हैं। नई कंपनियां बन रही हैं, जो यह दिखाता है कि बिजनेस करना अब आसान और भरोसेमंद हो गया है।

LLP फॉर्म जमा करने की तारीख बढ़ाई गई

  • कॉर्पोरेट अफेयर्स मंत्रालय (MCA) ने LLP फॉर्म BEN-2 और 4D जमा करने की आखिरी तारीख बिना कोई एक्स्ट्रा फीस के 1 जुलाई 2024 तक बढ़ा दी है।
  • यह फैसला LLPs के लिए नियमों का पालन करना थोड़ा आसान बनाने के लिए लिया गया है, खासकर नए MCA-21 वर्शन-3 पोर्टल पर जाने के समय।
  • LLP से अनुरोध है कि वे इस समय में फॉर्म जमा कर दें ताकि सभी नियम सही तरीके से पूरे हो सकें।

निष्कर्ष

भारत में LLP रजिस्टर कराना आसान और फायदेमंद है, खासकर जब आप लिमिटेड ज़िम्मेदारी और कम कानूनी झंझट चाहते हैं। प्रोसेस ऑनलाइन होता है और ज़रूरी डॉक्युमेंट्स हों तो जल्दी हो जाता है।

अगर आपको पेपरवर्क से बचना है या समझ नहीं आ रहा, तो किसी प्रोफेशनल से मदद लेना बेहतर रहेगा।

किसी भी कानूनी सहायता के लिए लीड इंडिया से संपर्क करें। हमारे पास लीगल एक्सपर्ट की पूरी टीम है, जो आपकी हर संभव सहायता करेगी।

FAQs

1. LLP क्या है और यह सामान्य साझेदारी से कैसे अलग है?

LLP एक लिमिटेड लाइबिलिटी पार्टनरशिप है, जहां पार्टनर्स की व्यक्तिगत जिम्मेदारी उनके निवेश तक सीमित होती है, जबकि सामान्य साझेदारी में सभी पार्टनर्स व्यक्तिगत रूप से अनंत जिम्मेदार होते हैं।

2. LLP रजिस्ट्रेशन के लिए कितने पार्टनर जरूरी होते हैं?

LLP में कम से कम दो पार्टनर होने चाहिए। पार्टनर व्यक्तिगत व्यक्ति या एक कंपनी भी हो सकती है।

3. LLP रजिस्ट्रेशन में कितना समय लगता है?

सही दस्तावेजों और प्रक्रिया के साथ आमतौर पर LLP रजिस्ट्रेशन में 7 से 15 दिन का समय लग सकता है।

4. LLP रजिस्ट्रेशन के बाद क्या वार्षिक अनुपालन आवश्यक होते हैं?

हाँ, LLP को हर साल वार्षिक रिटर्न (Form 11) और ऑडिटेड/अनऑडिटेड अकाउंट (Form 8) MCA में जमा करना होता है।

5. क्या LLP को GST के लिए पंजीकृत होना अनिवार्य है?

यदि LLP का सालाना टर्नओवर ₹20 लाख (कुछ राज्यों में ₹40 लाख) से अधिक है, तो GST पंजीकरण अनिवार्य हो जाता है।

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