रमी, क्रिप्टो, ट्रेडिंग ऐप से पैसे फंसे कानूनी समाधान? EOW और RBI की गाइडलाइन के तहत रिकवरी के रास्ते

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सोचिए ऐसा होता है: आपने एक ट्रेडिंग ऐप डाउनलोड किया, ₹50,000 डाले और शुरुआत में अच्छा मुनाफा भी होने लगा। लेकिन एक दिन अचानक ऐप बंद हो गया, काम ही नहीं कर रहा। कस्टमर सपोर्ट से बात नहीं हो रही और आपका पैसा फंस गया।

यही हाल किसी रमी गेम खेलने वाले का हो सकता है, जहाँ असली पैसे लगाए गए हों। या फिर किसी दोस्त की सलाह पर क्रिप्टो ऐप में पैसा लगाया हो और अब वो ऐप ही गायब हो गई हो। ये सिर्फ आपके साथ नहीं हो रहा, हजारों भारतीयों के साथ ऐसा हो रहा है। आइए समझते हैं क्या-क्या दिक्कतें आमतौर पर होती हैं:

  • ऐप अचानक बंद हो जाती है या गायब हो जाती है
  • आप अपने पैसे या कमाई को निकाल नहीं पाते
  • कस्टमर सपोर्ट जवाब नहीं देता
  • ऐप गैर-कानूनी है या सरकार में रजिस्टर्ड नहीं है

अब बात करते हैं, ऐसे हालात में आप क्या कर सकते हैं, ताकि आप अपना मेहनत का पैसा वापस पा सकें।

क्या आप को कानूनी सलाह की जरूरत है ?

इन प्लेटफॉर्म्स को समझना ज़रूरी है

कानूनी मदद लेने से पहले, ये समझना ज़रूरी है कि आपने किस तरह के प्लेटफॉर्म में पैसा लगाया है:

ऑनलाइन रमी ऐप्स

  • ये ऐप्स असली पैसों से ताश (कार्ड) खेलने का मौका देती हैं।
  • कुछ ऐप्स कानूनी होती हैं अगर गेम स्किल (दिमाग) पर आधारित हो, लेकिन कई राज्यों में ये गैर-कानूनी भी हो सकती हैं।
  • कई बार गेम के नाम पर धोखाधड़ी भी होती है।

क्रिप्टो इन्वेस्टमेंट ऐप्स

  • भारत में क्रिप्टोकरेंसी गैर-कानूनी नहीं है, लेकिन इसे सरकार रेगुलेट (नियंत्रित) नहीं करती।
  • कोई भी सेंट्रल अथॉरिटी (जैसे RBI) इन पर नज़र नहीं रखती।
  • बहुत से फेक ऐप्स ज्यादा कमाई का झांसा देकर लोगों से पैसे लेकर भाग जाते हैं।

ऑनलाइन ट्रेडिंग / फॉरेक्स ऐप्स

  • भारत में शेयर मार्केट को SEBI नाम की सरकारी संस्था रेगुलेट करती है।
  • कई ऐप्स SEBI या RBI में रजिस्टर्ड नहीं होते, मतलब ये भरोसेमंद नहीं हैं।
  • भारत में बिना लाइसेंस विदेशी करंसी (फॉरेक्स) ट्रेडिंग करना गैर-कानूनी है।

अब जब आप प्लेटफॉर्म्स को समझ चुके हैं, अगला कदम है जानना कि ऐसी धोखाधड़ी होने पर आप कानूनी रूप से क्या कर सकते हैं।

पैसे फंसे क्यों रह जाते हैं?

इसके कई कारण हो सकते हैं:

  • ऐप ही एक धोखाधड़ी थी।
  • वो कंपनी भारत के कानूनों के तहत रजिस्टर्ड नहीं है।
  • आपका अकाउंट बिना कोई सही वजह बताए ब्लॉक कर दिया गया है।
  • अचानक पैसे निकालने पर रोक लगा दी गई है।
  • ऐप बैन या ब्लैकलिस्ट हो चुकी है।
  • इसलिए पैसा वापस मिलना मुश्किल हो जाता है।

अब क्या कर सकते हैं? आपके पास क्या कानूनी रास्ते हैं?

अगर आपका पैसा फंस गया है, तो चुप बैठने की ज़रूरत नहीं है। भारतीय कानून आपको मदद करने के कई तरीके देता है। आप नीचे दिए गए विकल्पों से शिकायत कर सकते हैं:

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1. इकोनॉमिक ऑफेंसेस विंग (EOW)

ये सरकारी विभाग बड़े पैसे की धोखाधड़ी की जांच करता है, जैसे स्कैम, चीटिंग और ऑनलाइन फ्रॉड।

आप EOW से तब संपर्क कर सकते हैं जब:
  • आपसे बहुत बड़ी रकम की ठगी हुई हो।
  • कंपनी आपका पैसा वापस करने से मना कर रही हो।
  • ऐप किसी पोंज़ी या चिट फंड स्कीम जैसी लग रही हो।
  • आप जैसे और भी लोग इस स्कैम के शिकार हुए हों।
शिकायत कैसे करें:
  • एक शिकायत पत्र लिखें और पूरा मामला साफ-साफ बताएं।
  • स्क्रीनशॉट, पेमेंट प्रूफ, चैट्स, ईमेल जैसे सबूत लगाएं।
  • कितनी रकम गई और कैसे गई, ये ज़रूर लिखें।
  • ये शिकायत अपने नजदीकी EOW या साइबर क्राइम सेल में दें।
  • शिकायत नंबर लेकर समय-समय पर फॉलो-अप करें।

दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद और बैंगलोर जैसे शहरों में EOW की स्पेशल टीमें होती हैं।

2. BANK/RBI – बैंकिंग ओम्बड्समैन (यदि पेमेंट बैंकिंग के जरिए हुई है)

अगर आपने UPI, क्रेडिट कार्ड, नेट बैंकिंग या वॉलेट से पेमेंट किया है और पैसा कट गया लेकिन सर्विस नहीं मिली, तो Bank/ RBI आपकी मदद कर सकता है।

शिकायत कब करें:
  • पेमेंट कट गया पर सर्विस नहीं मिली।
  • ऐप पैसा रखे बैठा है और जवाब नहीं दे रहा।
  • आपको गुमराह कर के पैसे लिए गए।
  • आपके कार्ड या बैंक अकाउंट का गलत इस्तेमाल हुआ।
क्या करें:
  • पहले अपने बैंक या पेमेंट ऐप में शिकायत करें।
  • अगर 30 दिन में जवाब न मिले, तो इस वेबसाइट पर जाएं: www.cms.rbi.org.in
  • पेमेंट की डिटेल्स और सारे सबूत अपलोड करें।
  • RBI की टीम जांच कर आपके पैसे वापस दिलाने की कोशिश करेगी।
  • साइबर क्राइम सेल (राष्ट्रीय और लोकल स्तर पर)

अगर आपके साथ ऑनलाइन ऐप के ज़रिए फ्रॉड हुआ है, तो आप साइबर क्राइम पोर्टल पर भी शिकायत कर सकते हैं। वेबसाइट: www.cybercrime.gov.in

ज़रूरी चीजें जो आपको लगेंगी:
  • पेमेंट का सबूत
  • ऐप या अकाउंट का स्क्रीनशॉट
  • चैट, कॉल या ईमेल रिकॉर्ड
  • आपकी पहचान का प्रमाण (ID प्रूफ)

शिकायत दर्ज करते समय “Financial Fraud” वाला विकल्प चुनें।

4. कंज़्यूमर कोर्ट (अगर ऐप भारत में रजिस्टर्ड है)

अगर ऐप भारत में रजिस्टर्ड है और ग्राहक सेवा देता है (भले ही जवाब न दे रहा हो), तो आप उपभोक्ता अदालत जा सकते हैं।

शिकायत इन मामलों में करें:
  • सर्विस ठीक से नहीं मिली
  • झूठे वादे किए गए
  • पैसा वापसी नहीं की गई

शिकायत कहां करें: www.edaakhil.nic.in

नोट: यह तरीका तब बेहतर है जब ऐप पूरी तरह से गैरकानूनी नहीं है, लेकिन पेमेंट देने में देरी कर रहा है।

5. पुलिस FIR दर्ज कराएं

अगर आपने बड़ी रकम खोई है, तो नजदीकी पुलिस स्टेशन जाकर धोखाधड़ी  के लिए FIR दर्ज करा सकते हैं।

ज़रूरी सलाह: अगर आप जैसे और लोग भी ठगे गए हैं, तो मिलकर एक “ग्रुप FIR” दर्ज कराना ज़्यादा असरदार होता है।

याद रखें: जितना जल्दी कार्रवाई करेंगे, उतना ही ज़्यादा मौका होगा कि आपका पैसा वापस मिल सके।

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RBI और SEBI के नियम – जो आपको जानने चाहिए

ये नियम आपको गलत और धोखाधड़ी वाले ऐप्स से बचाने के लिए बनाए गए हैं:

RBI (भारतीय रिज़र्व बैंक) के नियम:

  • सिर्फ RBI से मंजूरी पाए हुए पेमेंट सिस्टम ही इस्तेमाल किए जा सकते हैं।
  • जो फाइनेंशियल ऐप्स रजिस्टर्ड नहीं हैं, वो भरोसेमंद नहीं माने जाते।
  • लोन देने, ट्रेडिंग या इन्वेस्टमेंट करने वाले ऐप्स को अपने नियम और शर्तें साफ़-साफ़ बतानी होती हैं।
  • कोई भी कंपनी आपको क्रिप्टो या शेयर जैसे रिस्की इन्वेस्टमेंट पर फिक्स्ड रिटर्न (पक्का मुनाफा) का वादा नहीं कर सकती। अगर करती है, तो वो नियमों के खिलाफ है।

SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) के नियम:

  • सिर्फ SEBI से रजिस्टर्ड ब्रोकर ही स्टॉक या फॉरेक्स ट्रेडिंग करवा सकते हैं।
  • जो ऐप्स ट्रेडिंग करवाते हैं, उन्हें निवेशकों के अधिकारों की रक्षा करनी होती है।
  • निवेशकों को साफ-साफ प्राइसिंग की जानकारी और पैसे निकालने की सुविधा मिलनी चाहिए।

अगर कोई ऐप इन नियमों को तोड़ता है, तो आप इसकी शिकायत कर सकते हैं:

  • RBI को → अगर मामला बैंकिंग या पेमेंट से जुड़ा हो।
  • SEBI को → अगर मामला शेयर बाजार या ट्रेडिंग ऐप से जुड़ा धोखा हो।

भविष्य में खुद को कैसे सुरक्षित रखें?

आगे से धोखाधड़ी से बचने के लिए इन आसान बातों का ध्यान रखें:

  • ऐप की जांच करें: देखें कि क्या वो ऐप SEBI, RBI या किसी सरकारी संस्था से रजिस्टर्ड है या नहीं।
  • रिव्यू पढ़ें:प्ले स्टोर या इंटरनेट पर ऐप के बारे में लोगों की राय देखें। अगर बहुत से लोग फ्रॉड की बात कर रहे हैं, तो उस ऐप से दूर रहें।
  • व्हाट्सएप/टेलीग्राम के कहने पर पैसा न लगाएं: इन प्लेटफॉर्म्स पर बहुत से लोग झूठे प्रॉफिट का लालच देकर लोगों को फंसा लेते हैं।
  • “पक्का मुनाफा” जैसी बातों से सावधान रहें: कोई भी अगर कहे कि आपको फिक्स रिटर्न मिलेगा, तो समझ लीजिए कि वो झूठ हो सकता है।
  • सिर्फ भरोसेमंद पेमेंट तरीके इस्तेमाल करें: ऐसे ऐप्स या वेबसाइट्स से पेमेंट करें जो नामी और सुरक्षित हों, जैसे UPI, बैंक, या जानी-पहचानी पेमेंट ऐप्स।
  • ध्यान रखिए: थोड़ा सा सावधान रहकर आप अपने मेहनत के पैसों को सुरक्षित रख सकते हैं।

इलाहाबाद हाई कोर्ट का फैसला: पोकर और रमी, स्किल वाले खेल हैं

सितंबर 2024 में, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि पोकर और रमी जुआ नहीं, बल्कि स्किल यानी दिमाग से खेले जाने वाले गेम हैं। सिर्फ शक के आधार पर इन्हें जुआ कहना गलत है। कोर्ट ने अफसरों से कहा कि ऐसे ऐप्स के लाइसेंस को लेकर फैसले सोच-समझकर करें, सिर्फ अंदाज़े पर नहीं।

इसका क्या मतलब है आपके लिए?

  • अगर आपने किसी रमी ऐप में पैसे लगाए थे और वह ऐप कहता है कि वह एक स्किल-बेस्ड गेम है,
  • लेकिन वह आपके पैसे रोक रहा है या नियम तोड़ रहा है, तो आप EOW या कंज़्यूमर फोरम में शिकायत करके अपने पैसे की वसूली का हक रखते हैं।
  • यह फैसला आपकी कानूनी स्थिति को और मजबूत करता है।
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मद्रास हाई कोर्ट का फैसला: रमी और पोकर पर बैन गलत बताया गया

9 नवंबर 2023 को, मद्रास हाई कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार के उस कानून को खारिज कर दिया जिसमें रमी और पोकर को ‘जुए’ के खेल माना गया था। कोर्ट ने साफ कहा कि ये स्किल यानी दिमाग से खेले जाने वाले गेम हैं, और पुराने फैसलों के मुताबिक इन्हें जुआ नहीं माना जा सकता।

इसका क्या मतलब है आपके लिए? अगर आप रमी या पोकर जैसे स्किल-बेस्ड ऐप पर पैसे लगाते हैं और ऐप पैसे नहीं लौटाता या सर्विस बंद कर देता है, तो इसका मतलब ये नहीं कि आपने कुछ गैरकानूनी किया है।

आपके पास पूरा हक है कि आप अपने पैसे की कानूनी रिकवरी की मांग करें। इन ऐप्स को नियमों के तहत चलना चाहिए — इन्हें सिर्फ इसलिए अपराध नहीं माना जा सकता क्योंकि आपने ज्यादा पैसे लगाए थे। यह फैसला आपके अधिकारों को और मजबूत करता है

निष्कर्ष

अगर आपका पैसा किसी ऑनलाइन रमी गेम, क्रिप्टो ऐप या ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म में फंस गया है, तो घबराएं नहीं — आप अकेले नहीं हैं। बहुत से लोग इस तरह की धोखाधड़ी का शिकार हो चुके हैं। अच्छी बात यह है कि आप कानूनी तरीके से अपना पैसा वापस पा सकते हैं। आप EOW (इकोनॉमिक ऑफेंसेस विंग) या साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं, पेमेंट से जुड़ी परेशानी हो तो RBI की CMS वेबसाइट पर शिकायत करें, और अगर ऐप भारत में रजिस्टर्ड है तो कंज़्यूमर कोर्ट में भी केस कर सकते हैं। थोड़ा समय और दस्तावेज़ लग सकते हैं, लेकिन आपका पैसा इसके लायक है, चुप न रहें, आवाज उठाएं।

किसी भी कानूनी सहायता के लिए लीड इंडिया से संपर्क करें। हमारे पास लीगल एक्सपर्ट की पूरी टीम है, जो आपकी हर संभव सहायता करेगी।

FAQs

1. क्या रमी गेम्स से पैसे गंवाना धोखाधड़ी है?

अगर वह ऐप अवैध है या बिना लाइसेंस के चल रही है, तो हाँ यह धोखाधड़ी मानी जा सकती है।

2. क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े नुकसान के मामले में मैं कहां शिकायत कर सकता हूँ?

आप EOW, साइबर क्राइम सेल और RBI (अगर बैंकिंग शामिल है) में शिकायत कर सकते हैं।

3. ऑनलाइन ट्रेडिंग ऐप्स से पैसे की रिकवरी के लिए कौन से कानूनी उपाय हैं?

सिविल दावा, पुलिस शिकायत और RBI पोर्टल पर रिपोर्ट करना विकल्प हैं।

4. EOW में शिकायत दर्ज करने के लिए क्या दस्तावेज़ चाहिए?

ऐप डिटेल्स, ट्रांजैक्शन प्रूफ, बैंक स्टेटमेंट, और आपकी पहचान से संबंधित दस्तावेज़।

5. अगर क्रिप्टो से पैसे खो जाएं तो कैसे पैसे वापस मिल सकते हैं?

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