क्या आपकी ब्रांड नेम या लोगो की नकल की जा रही है? जानिए ट्रेडमार्क उल्लंघन में कानूनी कार्रवाई कैसे करें

Is your brand name or logo being copied Know how to take legal action in trademark infringement

आज के दौर में बिज़नेस में नाम और पहचान बहुत ज़रूरी है। आपका ब्रांड नाम और लोगो (logo) सिर्फ एक डिज़ाइन नहीं है, ये आपके काम की पहचान, आपकी इज़्ज़त, और ग्राहकों का भरोसा दिखाते हैं।

लेकिन अगर कोई और व्यक्ति या कंपनी आपकी ब्रांड का नाम या लोगो कॉपी कर ले, तो इससे आपके बिज़नेस को बड़ा नुकसान हो सकता है। इसे कानून की भाषा में ट्रेडमार्क उल्लंघन (Trademark Infringement) कहा जाता है।

अगर आपको लगे कि कोई आपकी ब्रांड की नकल कर रहा है, तो आपको घबराने की ज़रूरत नहीं है। आप कानूनी तौर पर अपने ब्रांड को बचा सकते हैं

इस ब्लॉग में हम आपको आसान भाषा में समझाएंगे कि ट्रेडमार्क उल्लंघन क्या होता है और आप इससे कैसे बच सकते हैं और क्या-क्या कदम उठा सकते हैं।

क्या आप को कानूनी सलाह की जरूरत है ?

ट्रेडमार्क उल्लंघन क्या होता है?

ट्रेडमार्क मतलब कोई ऐसा नाम, लोगो, डिज़ाइन या स्लोगन, जिससे आपके बिज़नेस या प्रोडक्ट की पहचान होती है। जैसे आपकी दुकान या कंपनी का नाम, उसका खास लोगो (चिन्ह), या कोई नारा (slogan) – ये सब ट्रेडमार्क हो सकते हैं।

जब कोई और व्यक्ति या कंपनी आपके ब्रांड का नाम या लोगो बिना इजाज़त के इस्तेमाल करती है, और वह चीज़ आपके ट्रेडमार्क से बहुत मिलती-जुलती है, तो उसे ट्रेडमार्क उल्लंघन कहा जाता है। इससे ग्राहकों को भ्रम हो सकता है और आपकी मेहनत से बनी पहचान को नुकसान हो सकता है। यह ट्रेडमार्क एक्ट, 1999 की धारा 29 के तहत बताया गया है।

एक उदाहरण से समझिए:

मान लीजिए आपकी एक कॉफी की दुकान है जिसका नाम है “Sunshine Coffee” और उसका एक खास लोगो भी है। अगर कोई दूसरी दुकान भी वही नाम या मिलता-जुलता लोगो (logo) इस्तेमाल करके कॉफी बेचने लगे, तो ये ट्रेडमार्क उल्लंघन होगा।

इस तरह की नकल से आपका बिज़नेस और भरोसा दोनों पर असर पड़ सकता है। इसलिए ऐसे मामलों में कानूनी कार्रवाई करना ज़रूरी होता है।

™ और ® में अंतर:

चिह्नमतलब
ट्रेडमार्क का दावा है, पर रजिस्टर्ड नहीं है
®यह रजिस्टर्ड ट्रेडमार्क है

अपने ब्रांड की सुरक्षा क्यों ज़रूरी है?

आपका ब्रांड (जैसे नाम, लोगो या पहचान) आपके बिज़नेस की सबसे कीमती चीज़ों में से एक है। यही आपके ग्राहकों को आपके प्रोडक्ट्स या सर्विस को पहचानने में मदद करता है, आप पर भरोसा बनाता है, और आपको दूसरों से अलग करता है।

लेकिन अगर कोई और आपकी ब्रांड की नकल करता है, तो इसके कई नुकसान हो सकते हैं:

  • ग्राहक भ्रमित हो सकते हैं और किसी दूसरी कंपनी से चीज़ें खरीद सकते हैं।
  • अगर उस नकली कंपनी की क्वालिटी खराब हुई, तो आपकी इमेज खराब हो सकती है
  • आपकी बिक्री और मुनाफ़ा कम हो सकता है।
  • धीरे-धीरे आपकी असली पहचान कमजोर हो सकती है।

इसलिए अपने ब्रांड नाम और लोगो को कानूनी रूप से सुरक्षित करना बहुत जरूरी है, ताकि कोई और उसका गलत इस्तेमाल न कर सके और आपका बिज़नेस मजबूत बना रहे।

कैसे पहचानें कि कोई आपकी ब्रांड की नकल कर रहा है?

कई बार किसी को आपकी ब्रांड की नकल करते हुए पहचानना आसान होता है, लेकिन कुछ मामलों में यह धीरे-धीरे और चालाकी से होता है। नीचे कुछ संकेत दिए गए हैं जिनसे आपको समझ आ सकता है कि कोई आपकी ब्रांड कॉपी कर रहा है:

  • कोई दूसरी कंपनी ऐसा नाम या लोगो इस्तेमाल कर रही है, जो आपके जैसा दिखता है।
  • ग्राहक आपसे कहें कि उन्हें कोई मिलता-जुलता ब्रांड दिखा, जिससे वे भ्रमित हो गए।
  • किसी वेबसाइट, विज्ञापन या प्रोडक्ट पर आपको आपके जैसे डिज़ाइन या ब्रांडिंग दिखे।
  • कोई बिना आपकी इजाज़त के आपके ब्रांड नाम से सामान या सर्विस बेच रहा हो
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अगर आपको इनमें से कोई भी बात दिखे या सुनाई दे, तो जल्दी कार्रवाई करना जरूरी है, ताकि नुकसान रोका जा सके।

ट्रेडमार्क उल्लंघन को कौन सा कानून नियंत्रित करता है?

भारत में ट्रेडमार्क से जुड़ा कानून है – ट्रेडमार्क एक्ट, 1999, इस कानून के तहत, अगर आपने अपने ब्रांड का नाम, लोगो या स्लोगन रजिस्टर करवाया है, तो कोई और उसे बिना आपकी इजाज़त के इस्तेमाल नहीं कर सकता।

धारा 134 – आप केस कहां दर्ज कर सकते हैं?

इस धारा के अनुसार, आप केस वहीं दर्ज कर सकते हैं जहां आपका बिज़नेस है, जरूरी नहीं कि वहां जहां दूसरी पार्टी है। इससे आपको अपनी जगह पर ही कानूनी कार्रवाई करने की सुविधा मिलती है।

धारा 135 – क्या-क्या कानूनी उपाय मिल सकते हैं?

अगर कोई आपके ब्रांड की नकल करता है, तो आप कोर्ट में जाकर इन चीज़ों की मांग कर सकते हैं:

  • उस व्यक्ति को नकल बंद करने का आदेश (Injunction)
  • मुआवज़ा (Compensation)
  • नकली माल को ज़ब्त या नष्ट करवाना

इनसे आपका नुकसान कम हो सकता है और आपकी ब्रांड की रक्षा होती है।

धारा 103 से 105 – आपराधिक कार्रवाई

अगर मामला ज़्यादा गंभीर हो, तो आप आपराधिक केस भी कर सकते हैं:

धाराअपराध का विवरणसज़ा
103झूठा ट्रेडमार्क इस्तेमाल करना·         6 महीने से 3 साल तक की जेल·         ₹50,000 से ₹2,00,000 तक जुर्माना
104नकली ट्रेडमार्क वाला माल बेचनाधारा 103 के समान सज़ा
105दोबारा वही अपराध करना·         अधिकतम 5 साल तक की जेल·         पहले से ज़्यादा जुर्माना

 अगर कोई आपकी ब्रांड की नकल कर रहा हो तो क्या करें?

1. पहले यह सुनिश्चित करें कि आपका ट्रेडमार्क रजिस्टर है या नहीं

  • देखिए कि आपने ब्रांड का नाम, लोगो या स्लोगन ट्रेडमार्क के तौर पर रजिस्टर करवाया है या नहीं
  • बिना रजिस्ट्रेशन भी कुछ हद तक सुरक्षा मिलती है, लेकिन रजिस्टर्ड ट्रेडमार्क होने से आपका केस ज़्यादा मजबूत बनता है

2. सबूत इकट्ठा करें

आपके पास जितने अच्छे सबूत होंगे, उतनी ही आसानी से आप अपना केस बना सकेंगे। जैसे:

  • कॉपी किया गया लोगो या नाम — उसका फोटो या स्क्रीनशॉट
  • उनके विज्ञापन, वेबसाइट या प्रोडक्ट की पैकिंग
  • ग्राहक की शिकायतें या ऐसे मैसेज जिसमें कन्फ्यूज़न की बात हो

3. “सीज़ एंड डिसिस्ट” (Cease & Desist) लेटर भेजें

  • यह एक कानूनी नोटिस होता है जो आप उन्हें भेजते हैं कि वे आपकी ब्रांड की नकल तुरंत बंद करें
  • इसमें यह भी लिखा होता है कि अगर वे नहीं माने, तो आप कानूनी कार्रवाई करेंगे
  • इस नोटिस को आप खुद न भेजकर किसी अनुभवी वकील से बनवाएं, ताकि वह प्रभावी और सही तरीके से लिखा जाए।
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4. आपसी समझौता करने की कोशिश करें

  • कई बार सामने वाला डरकर या समझकर ब्रांड इस्तेमाल करना बंद कर देता है।
  • आप कोर्ट जाने से पहले आपसी बातचीत या समझौते से मामला सुलझा सकते हैं, जिससे समय और पैसा दोनों बचते हैं।

5. केस दर्ज करें

अगर सामने वाला नहीं मानता और नकल करना जारी रखता है, तो आपको कोर्ट में केस दाखिल करना पड़ सकता है।

  • ट्रेडमार्क वकील से सलाह लें: एक अनुभवी वकील आपके केस की पूरी गाइड करेगा और ज़रूरत पड़ने पर कोर्ट में आपका पक्ष रखेगा।
  • कोर्ट में शिकायत दाखिल करें: वकील आपके लिए कानूनी दस्तावेज़ तैयार करेगा और कोर्ट को बताएगा कि आपके ट्रेडमार्क का उल्लंघन हुआ है।
  • कोर्ट की सुनवाई: दोनों पक्ष सबूत पेश करेंगे। अगर कोर्ट मानता है कि नकल हुई है, तो वह सामने वाले को नकल रोकने और हो सकता है हर्जाना देने का आदेश भी दे।

कानूनी प्रक्रिया में कितना समय लगता है?

कितना समय लगेगा, यह कई बातों पर निर्भर करता है — जैसे:

  • केस कितना बड़ा या जटिल है
  • कोर्ट में तारीखें कब मिलती हैं
  • सामने वाला पक्ष सहयोग करता है या नहीं

इसलिए पूरा मामला सुलझने में कुछ महीने से लेकर कई साल भी लग सकते हैं।

इसी वजह से शुरुआत में ही “सीज़ एंड डिसिस्ट” लेटर भेजना या आपसी समझौता करना जैसे कदम अक्सर समय और पैसा दोनों बचा सकते हैं।

ट्रेडमार्क उल्लंघन से बचने के आसान उपाय

  • अपने ब्रांड का नाम और लोगो सरकारी ट्रेडमार्क ऑफिस में रजिस्टर करवा लें। इससे आपको मजबूत कानूनी अधिकार मिलते हैं।
  • ऑनलाइन वेबसाइटों, मार्केटप्लेस और विज्ञापनों पर नजर रखें कि कोई आपकी ब्रांड की नकल तो नहीं कर रहा।
  • अगर आपका ट्रेडमार्क रजिस्टर्ड नहीं है तो लगाएं, और अगर रजिस्टर्ड है तो ® का उपयोग करें। इससे सामने वाले को पता चलेगा कि आपका ब्रांड सुरक्षित है।
  • अपने कर्मचारियों और बिज़नेस पार्टनर्स को समझाएं कि ब्रांड की सुरक्षा क्यों ज़रूरी है, और अगर उन्हें कुछ संदिग्ध दिखे तो तुरंत बताएं।
  • अगर आपको लगे कि कोई आपकी ब्रांड की नकल कर रहा है, तो देरी न करें। जितनी जल्दी आप कदम उठाएंगे, उतना ही आपका केस मजबूत रहेगा।

दिल्ली हाईकोर्ट ने “Liv‑333” नाम पर लगाई रोक, “Liv.52” ब्रांड को राहत मिली, 2025

हिमालया कंपनी की मशहूर लिवर टॉनिक “Liv.52” के खिलाफ एक और ब्रांड “Liv‑333” नाम से दवा बेच रहा था। इस पर दिल्ली हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया।

कोर्ट ने कहा कि भले ही नाम में थोड़ा बदलाव किया गया हो (जैसे नंबर बदलना या उच्चारण थोड़ा अलग होना), लेकिन अगर इससे ग्राहक भ्रमित होते हैं, तो ये ट्रेडमार्क की नकल मानी जाएगी

  • इस मामले में कोर्ट ने हिमालया के पक्ष में स्थायी राहत (permanent injunction) दी
  • “Liv‑333” ब्रांड पर पाबंदी लगाई
  • हिमालया को ₹30.91 लाख का मुआवज़ा और खर्च भी दिलाया

दिल्ली हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: अमेज़न इंडिया को ट्रेडमार्क उल्लंघन पर जुर्माना, 2025

दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में एक बड़ा फैसला सुनाया, जिसमें अमेज़न इंडिया को ₹340 करोड़ (करीब $39 मिलियन) का जुर्माना भरने का आदेश दिया गया है।

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यह मामला Beverly Hills Polo Club (BHPC) नाम की मशहूर ब्रांड से जुड़ा था। अमेज़न इंडिया पर ऐसे प्रोडक्ट्स बेचे जा रहे थे जिन पर BHPC के जैसे ही लोगो थे, जबकि अमेज़न को पहले से पता था कि इस ट्रेडमार्क को लेकर विवाद चल रहा है।

कोर्ट ने कहा कि यह जानबूझकर ट्रेडमार्क की नकल करना है और इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता।

इस फैसले से क्या सीख मिलती है?

यह भारत के ट्रेडमार्क मामलों में अब तक के सबसे बड़े जुर्मानों में से एक है। इससे ई-कॉमर्स कंपनियों को सख्त संदेश जाता है कि ट्रेडमार्क के नियमों का पालन करना बहुत ज़रूरी है, वरना बड़ा नुकसान हो सकता है।

इंडिया गेट बनाम भारत गेट – दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला, 2025

KRBL Ltd., जो कि मशहूर चावल ब्रांड “India Gate” का मालिक है, ने “Bharat Gate” नाम से चावल बेचने वाली कंपनी के खिलाफ केस किया। उनका कहना था कि नाम और पैकिंग इतनी मिलती-जुलती है कि ग्राहक धोखे में आ सकते हैं।

कोर्ट का फैसला

  • दिल्ली हाईकोर्ट ने India Gate के हक में फैसला दिया और कहा कि “Bharat Gate” ट्रेडमार्क का उल्लंघन है।
  • कोर्ट ने “Bharat Gate” नाम और उसकी बिक्री पर रोक (injunction) लगा दी।

फैसले की मुख्य वजहें:

  • नाम और दिखावट बहुत मिलती-जुलती थी — “भारत” और “इंडिया” एक ही मतलब के शब्द हैं, और दोनों में “गेट” शब्द भी था।
  • ग्राहकों को भ्रम हो सकता है — खासकर आम ग्राहक को, जो हर चीज़ बिल्कुल याद नहीं रख पाता।
  • जानबूझकर नकल की गई थी — पैकिंग और नाम को देखकर ऐसा लगा कि यह इरादतन किया गया है।
  • सस्ते दाम का तर्क नहीं चलेगा — भले ही प्रोडक्ट सस्ता हो, पर ग्राहक भ्रमित हो सकते हैं।

निष्कर्ष

आपका ब्रांड नाम और लोगो आपके बिज़नेस की एक बहुत ही कीमती पहचान हैं। अगर कोई इन्हें बिना आपकी अनुमति के इस्तेमाल करता है, तो आपको डरने की जरूरत नहीं है, क्योंकि कानून आपके पक्ष में है। ट्रेडमार्क एक्ट, 1999 के तहत आप अपने ब्रांड की पहचान, साख और भविष्य को कानूनी रूप से सुरक्षित कर सकते हैं।

बस ज़रूरी है कि आप अपने अधिकारों को समझें और सही समय पर कदम उठाएं। अगर आपको लगता है कि कोई आपकी ब्रांड की नकल कर रहा है, तो देर न करें तुरंत एक्शन लें। याद रखें – ब्रांड की सुरक्षा ही बिज़नेस की असली सुरक्षा है।

किसी भी कानूनी सहायता के लिए लीड इंडिया से संपर्क करें। हमारे पास लीगल एक्सपर्ट की पूरी टीम है, जो आपकी हर संभव सहायता करेगी।

FAQs

1. अगर मेरा ट्रेडमार्क रजिस्टर्ड नहीं है, तो क्या मैं किसी को उसके इस्तेमाल से रोक सकता हूं?

हाँ, कुछ हद तक आप बिना रजिस्ट्रेशन भी अपने ब्रांड को बचा सकते हैं।
लेकिन रजिस्टर्ड ट्रेडमार्क से आपको कानूनी रूप से ज्यादा मजबूत सुरक्षा मिलती है।

2. अगर नकल करने वाला किसी और देश में है तो क्या कर सकते हैं?

ट्रेडमार्क अधिकार हर देश के लिए अलग होते हैं। दूसरे देश में कार्रवाई करनी हो तो वहां अलग से ट्रेडमार्क रजिस्टर करवाना या कानूनी कदम उठाना पड़ता है।

3. क्या मैं ट्रेडमार्क उल्लंघन पर आपराधिक केस कर सकता हूँ?

आमतौर पर ये सिविल मामला होता है, लेकिन अगर कोई जानबूझकर नकली ब्रांड बेच रहा हो, तो कुछ मामलों में आपराधिक कार्रवाई भी हो सकती है।

4. ट्रेडमार्क की कानूनी सुरक्षा में कितना खर्च आता है?

रजिस्ट्रेशन का खर्च कम होता है, लेकिन अगर कोर्ट केस करना पड़े तो कानूनी फीस ज़्यादा हो सकती है। इसलिए पहले से बचाव करना सबसे बेहतर तरीका है।

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