डिजिटल क्रिएटिविटी के जमाने में, कलाकार अब केवल गैलरी या भौतिक प्रदर्शन पर निर्भर नहीं हैं। NFT (Non-Fungible Token) ने डिजिटल आर्ट के खरीदने, बेचने और मालिकाना हक रखने के तरीके बदल दिए हैं। NFT एक डिजिटल आर्ट का यूनिक प्रमाणपत्र होता है, जो सुरक्षित रूप से ब्लॉकचेन पर स्टोर किया जाता है।
लेकिन इस डिजिटल बढ़त के साथ एक कानूनी सवाल भी आता है: क्या NFT का मालिक बनने का मतलब यह है कि आपके पास उस आर्ट का कॉपीराइट भी है? बहुत से खरीदार और कलाकार भारत में अपने अधिकारों को लेकर अनिश्चित हैं। इसलिए यह जानना जरूरी है कि भारतीय कॉपीराइट कानून NFT पर कैसे लागू होता है, ताकि आप अपनी डिजिटल कला और निवेश दोनों की सुरक्षा कर सकें।
इस ब्लॉग में हम आसान भाषा में बताएंगे कि NFT क्या है, भारतीय कॉपीराइट कानून कैसे लागू होता है, NFT के मालिकाना हक क्या हैं और डिजिटल आर्ट की सुरक्षा के लिए कौन से आसान उपाय किए जा सकते हैं।
क्या कॉपीराइट डिजिटल आर्ट पर लागू होता है?
कॉपीराइट एक कानूनी अधिकार है जो किसी रचनाकार को उनकी मूल रचना पर मिलता है। यह अधिकार रचनाकार को यह तय करने की अनुमति देता है कि उनकी रचना का उपयोग, प्रतिलिपि या बिक्री कैसे की जा सकती है। भारत में कॉपीराइट में किताबें, फिल्में, संगीत, चित्रकला, डिजिटल आर्ट और कंप्यूटर सॉफ़्टवेयर शामिल हैं। ध्यान देने योग्य बात यह है कि रचना बनते ही कॉपीराइट स्वतः उत्पन्न हो जाता है, इसके लिए रजिस्ट्रेशन आवश्यक नहीं है।
कॉपीराइट डिजिटल आर्ट पर भी लागू होता है। भारतीय कॉपीराइट एक्ट, 1957 के तहत डिजिटल क्रिएशन को “कलात्मक कार्य” माना जाता है, इसलिए यह पारंपरिक कला जैसे पेंटिंग या स्केच की तरह कानूनी सुरक्षा प्राप्त करता है। चाहे कलाकार कैनवास, कागज़ या कंप्यूटर/टैबलेट पर बनाए, कानून सभी को समान रूप से मानता है।
इसका मतलब है कि कलाकार को अपने डिजिटल आर्ट को कॉपी करने, बेचने, दिखाने या वितरित करने का पूरा अधिकार है। यदि कोई आपकी अनुमति के बिना आपके डिजिटल आर्ट को कॉपी, डाउनलोड, बदल या बेचे, तो यह कॉपीराइट उल्लंघन माना जाएगा। ऐसे मामलों में कलाकार कानूनी कदम उठा सकता है, जैसे चेतावनी नोटिस भेजना, नुकसान की मांग करना, या मुकदमा दर्ज करना। कॉपीराइट आपके डिजिटल आर्ट के अधिकार और स्वामित्व की सुरक्षा करता है और अनधिकृत उपयोग से बचाता है।
नॉन फंजिबल टोकन क्या है?
- NFT (Non-Fungible Token) खुद डिजिटल आर्टवर्क नहीं है, बल्कि एक डिजिटल प्रमाणपत्र है।
- यह प्रमाणपत्र ब्लॉकचेन पर सुरक्षित रूप से स्टोर होता है, जिससे मालिकाना हक ट्रैक और साबित किया जा सकता है।
- NFT खरीदने का मतलब है कि आप उस विशेष डिजिटल “टोकन” के मालिक हैं।
- NFT लेने से पेंटिंग का कॉपीराइट स्वतः नहीं मिलता, कॉपीराइट अलग कानूनी अधिकार है।
- कॉपीराइट पाने के लिए आर्टिस्ट से अधिकार ट्रांसफर करवाना जरूरी होता है।
- संक्षेप में, NFT मालिकाना हक दिखाता है, कॉपीराइट अलग कानूनी प्रक्रिया से मिलता है।
भारत में डिजिटल आर्ट और NFT पर लागू कानून
- कॉपीराइट एक्ट, 1957: भारत में डिजिटल आर्टवर्क को कॉपीराइट कानून के तहत सुरक्षा प्राप्त है। NFT खरीदने पर केवल टोकन का मालिकाना हक मिलता है, कॉपीराइट अधिकार स्वतः नहीं।
- IT एक्ट, 2000: यह कानून ऑनलाइन लेन-देन और डिजिटल कॉन्ट्रैक्ट को वैध मानता है, जिससे NFT के सौदे और ट्रांज़ैक्शन कानूनी रूप से सुरक्षित रहते हैं।
- NFT- सामान्य कानून: भारत में अभी NFT के लिए कोई अलग कानून नहीं बना है, इसलिए सामान्य बौद्धिक संपदा और डिजिटल कानून ही लागू होते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय दृष्टिकोण बनाम भारत
- US: अमेरिका में NFTs के मामले में अक्सर खरीदार और कॉपीराइट मालिकों के बीच विवाद देखने को मिलता है। कानून कहता है कि NFT ओनरशिप कॉपीराइट को स्वतः नहीं बदलता।
- EU: यूरोपीय यूनियन में कॉपीराइट कानून और डिजिटल सिंगल मार्किट डायरेक्टिव डिजिटल आर्ट और NFT पर भी लागू होते हैं, जिससे आर्टिस्ट और खरीदार दोनों के अधिकार संरक्षित रहते हैं।
- UK: यूनाइटेड किंगडम में कंप्यूटर-जनित डिजिटल वर्क्स को भी कॉपीराइट सुरक्षा प्राप्त है, इसलिए NFT के रूप में बेचे गए डिजिटल आर्टवर्क पर भी कानूनी अधिकार लागू होते हैं।
- भारत: भारत में NFT और डिजिटल आर्ट पर कानून अभी विकासशील है। धीरे-धीरे कोर्ट और कानून निर्माता इस पर स्पष्ट दिशा-निर्देश और नियम बना रहे हैं।
NFTs में सामान्य कॉपीराइट समस्याएँ
- अनधिकृत NFT बनाना: कुछ लोग कलाकार की अनुमति के बिना उसके डिजिटल आर्ट का NFT बनाते हैं। यह स्पष्ट रूप से कॉपीराइट उल्लंघन है।
- NFT को पुनः बेचना: खरीदार NFT को बेच सकता है, लेकिन आर्टवर्क को बिना कॉपीराइट ट्रांसफर किए बेच या कॉपी नहीं कर सकता।
- प्लेज़रिज़्म: किसी कलाकार का डिजिटल काम कॉपी करके NFT के रूप में बेचना भी कॉपीराइट का उल्लंघन है।
भारत में उपलब्ध कानूनी उपाय (डिजिटल आर्ट और NFT)
अगर आपका डिजिटल आर्ट बिना अनुमति के कॉपी कर लिया गया है या किसी ने उसका NFT बना दिया है, तो भारतीय कानून में आपके पास कई विकल्प मौजूद हैं:
- सिविल केस: आप अदालत में इन्जंक्शन का केस दायर कर सकते हैं ताकि आपके आर्ट का गलत इस्तेमाल तुरंत रोका जा सके। कोर्ट आदेश देकर उस NFT को हटवा सकता है।
- मुआवज़ा/डैमेजेस: अगर आपके आर्ट से किसी ने पैसा कमाया या आपको आर्थिक नुकसान हुआ, तो आप हर्जाने की भरपाई के लिए डैमेजेस या मुआवज़ा का दावा कर सकते हैं।
- क्रिमिनल शिकायत: कॉपीराइट उल्लंघन भारत में संज्ञेय अपराध है। आप पुलिस में शिकायत दर्ज कराकर आरोपी पर आपराधिक कार्यवाही शुरू कर सकते हैं। इसमें जेल और जुर्माने की सजा हो सकती है।
- ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म से संपर्क: आप NFT बेचने वाले ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म या मार्केटप्लेस को शिकायत भेजकर अनधिकृत NFT को हटाने की मांग कर सकते हैं।
कलाकारों और निवेशकों के लिए प्रैक्टिकल गाइड
- सेल की शर्तें पढ़ें: NFT खरीदने से पहले उसकी सभी शर्तें ध्यान से पढ़ें। इससे आपको साफ पता चलेगा कि आपको केवल टोकन मिल रहा है या कोई और अधिकार भी।
- कॉपीराइट ट्रांसफर एग्रीमेंट करें: अगर आपको आर्टवर्क का कॉपीराइट भी चाहिए, तो कलाकार से अलग लिखित एग्रीमेंट करें। सिर्फ NFT खरीदने से कॉपीराइट अपने-आप नहीं मिलता।
- कॉपीराइट रजिस्टर कराएँ: अपनी डिजिटल आर्ट को कॉपीराइट ऑफिस में रजिस्टर कराएँ। इससे आपके अधिकार कानूनी रूप से और मजबूत हो जाएंगे और उल्लंघन पर कार्रवाई आसान होगी।
- स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट और लाइसेंसिंग एग्रीमेंट का उपयोग करें: NFT लेन-देन में स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट और लिखित लाइसेंसिंग एग्रीमेंट का इस्तेमाल करें। इससे कलाकार और खरीदार दोनों के अधिकार और जिम्मेदारियाँ साफ तय हो जाएंगी।
- NFT बेचते समय रॉयल्टी क्लॉज़ ज़रूर डालें, ताकि जब भी आपका NFT दोबारा बिके, तो हर बार कलाकार को तय प्रतिशत मिल सके।
अमिताभ बच्चन बनाम रजत नागी और अन्य। (दिल्ली हाई कोर्ट, 2021)
पृष्ठभूमि
- साल 2021 में भारत में NFTs (Non-Fungible Tokens) का ट्रेंड शुरू हुआ। कई कंपनियाँ और कलाकार डिजिटल आर्ट, म्यूज़िक और वीडियो को NFT के रूप में बेचने लगीं। इसी बीच अमिताभ बच्चन जी का NFT कलेक्शन भी आया, जिसमें उनकी आवाज़, कविताएँ, पोस्टर और “मधुशाला” की डिजिटल रिकॉर्डिंग शामिल थी।
- उनके NFTs ने लॉन्च के कुछ ही दिनों में ₹7.18 करोड़ से ज़्यादा की बिक्री की थी, जो उस समय भारत का सबसे बड़ा NFT सेल रिकॉर्ड माना गया।
विवाद
- जल्द ही कुछ फेक वेबसाइट्स और कंपनियों ने “Amitabh Bachchan NFT” नाम से नकली NFTs और कलेक्शन बेचना शुरू कर दिया।
- ये कंपनियाँ उनके नाम, तस्वीर और आवाज़ का उपयोग बिना अनुमति कर रही थीं।
- निवेशकों को ऐसा लगा मानो ये असली “Amitabh Bachchan-approved NFT” हैं।
- इससे ब्रांड वैल्यू और निवेशकों दोनों को धोखा हुआ।
कानूनी कार्यवाही
- अमिताभ बच्चन ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें उन्होंने कहा कि उनके नाम, आवाज़ और व्यक्तित्व अधिकार का उल्लंघन हो रहा है।
- फर्जी NFT बिक्री पासिंग ऑफ और कॉपीराइट/ट्रेडमार्क उल्लंघन के अंतर्गत आती है।
कोर्ट का आदेश
- दिल्ली हाई कोर्ट ने इंटरिम इन्जंक्शन देते हुए फेक NFTs बेचने वाली कंपनियों, वेबसाइट्स और डोमेन नेम होल्डर्स को तुरंत रोकने का आदेश दिया।
- कोर्ट ने इंटरनेट सेवा प्रदाताओं (ISPs), डोमेन रजिस्ट्रार और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को निर्देश दिया कि वे इन फर्जी गतिविधियों को बंद करें और नकली कंटेंट हटाएँ।
- यह आदेश अमिताभ बच्चन को व्यक्तित्व अधिकार की कानूनी मान्यता देने वाला एक महत्वपूर्ण फैसला माना गया।
निष्कर्ष
NFT और डिजिटल आर्ट ने भारत में कलाकारों और खरीदारों के लिए नए मौके खोले हैं। लेकिन ध्यान रहे – NFT खरीदने का मतलब यह नहीं है कि आपको कॉपीराइट भी मिल गया। कॉपीराइट हमेशा कलाकार के पास ही रहता है, जब तक कि वह लिखित रूप से आपको ट्रांसफर न कर दे।
क्लाइंट्स के लिए सबसे बड़ा सबक यह है कि NFT खरीदते या बेचते समय हमेशा यह साफ कर लें कि आपको केवल टोकन मिल रहा है या कॉपीराइट भी। भारत में अपनी डिजिटल आर्ट को सुरक्षित करने का सबसे अच्छा तरीका है – कॉपीराइट रजिस्ट्रेशन कराना और सही कॉन्ट्रैक्ट बनाना। जैसे-जैसे कानून आगे बढ़ेगा, कलाकारों और खरीदारों को सतर्क और जागरूक रहना होगा।
किसी भी कानूनी सहायता के लिए लीड इंडिया से संपर्क करें। हमारे पास लीगल एक्सपर्ट की पूरी टीम है, जो आपकी हर संभव सहायता करेगी।
FAQs
1. क्या NFT खरीदने से मुझे कॉपीराइट मिल जाता है?
नहीं। आपको केवल टोकन मिलता है। कॉपीराइट कलाकार के पास ही रहता है जब तक लिखित एग्रीमेंट न हो।
2. क्या डिजिटल आर्ट भारत के कॉपीराइट कानून से सुरक्षित है?
हाँ। डिजिटल आर्ट को “आर्टिस्टिक वर्क” माना जाता है और कॉपीराइट एक्ट, 1957 के तहत सुरक्षा मिलती है।
3. अगर कोई मेरी आर्ट का NFT बना दे तो क्या करूँ?
आप कॉपीराइट उल्लंघन का केस कर सकते हैं और डैमेजेस मांग सकते हैं।
4. क्या मेरी आर्ट सुरक्षित करने के लिए कॉपीराइट रजिस्ट्रेशन ज़रूरी है?
नहीं, कॉपीराइट अपने-आप लागू हो जाता है, लेकिन रजिस्ट्रेशन कराने से आपके अधिकार और मजबूत हो जाते हैं।
5. क्या भारत में NFTs पर नया कानून आएगा?
संभावना है। ब्लॉकचेन और NFTs के बढ़ते इस्तेमाल को देखते हुए भविष्य में खास प्रावधान बनाए जा सकते हैं।



एडवोकेट से पूछे सवाल