क्या कोई व्यक्ति सरकारी ऑपरेशन के नाम पर ट्रेडमार्क करा सकता है? जानिए कानून क्या कहता है

Can an individual trademark the name of a government operation Learn what the law says.

भारत में पिछले कुछ सालों में सरकारी अभियानों ने ब्रांड की तरह पहचान बनाई है — जैसे “Digital India”, “Make in India”, “Swachh Bharat Mission”, “Startup India” इत्यादि।

इसी पहचान से प्रेरित होकर कई व्यवसाय अपने ब्रांड का नाम इन योजनाओं से जोड़ने की कोशिश करते हैं। उदाहरण के लिए – Make in India Mobiles, Digital India Solutions Pvt. Ltd., Startup India Hub Café.

लेकिन सवाल उठता है — क्या ऐसा नाम रखना या उस पर ट्रेडमार्क रजिस्टर कराना कानूनी रूप से मान्य है? क्या सरकार के नाम से ब्रांड चलाना धोखा या भ्रम माना जाएगा?
और अगर गलती से ऐसा कर लिया जाए, तो कानूनी परिणाम क्या होंगे?

यह ब्लॉग इन सभी सवालों का उत्तर देगा, और आपको बताएगा कि कानून सरकारी नामों के दुरुपयोग को कैसे रोकता है और आप अपने ब्रांड को कैसे सुरक्षित रख सकते हैं।

क्या आप को कानूनी सलाह की जरूरत है ?

ट्रेडमार्क कानून – ट्रेड मार्क्स एक्ट, 1999

भारत में ट्रेड मार्क्स एक्ट, 1999 यह तय करता है कि कौन-से नाम या निशान ट्रेडमार्क के रूप में रजिस्टर किए जा सकते हैं और कौन-से नहीं। इसमें दो अहम प्रावधान हैं —

धारा 9(2)(d) के अनुसार, ऐसा कोई नाम या निशान रजिस्टर नहीं हो सकता जो जनता को भ्रमित करे या यह दिखाए कि आपका व्यवसाय सरकार से जुड़ा है, जबकि वास्तव में ऐसा न हो।

उदाहरण के लिए, अगर आप अपने ब्रांड में “Government of India,” “भारत सरकार,” या “Ministry of…” जैसे शब्द इस्तेमाल करते हैं, तो यह झूठा सरकारी संबंध दर्शाता है और कानून का उल्लंघन माना जाएगा।

धारा 11(1)(b) के अनुसार यदि ट्रेडमार्क से जनता को “धोखा या भ्रम” हो कि यह किसी सरकारी विभाग, मिशन या योजना का हिस्सा है, तो उसका आवेदन अस्वीकार होगा।

प्रतिबंधित नाम और चिन्ह कौन से है?

ट्रेड मार्क्स रूल्स, 2017 के नियम 10 और सरकार की अधिसूचनाओं के अनुसार, कुछ नाम और चिन्ह बिना अनुमति के ट्रेडमार्क में इस्तेमाल नहीं किए जा सकते।

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इनमें शामिल हैं –

  • भारत सरकार के नाम या प्रतीक (Emblems)
  • राष्ट्रीय चिन्ह, तिरंगा झंडा, अशोक चक्र या भारत का राजचिह्न
  • सरकारी योजनाओं या अभियानों के नाम, जैसे –
    • स्वच्छ भारत मिशन
    • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
    • स्टार्टअप इंडिया
    • डिजिटल इंडिया
    • आयुष्मान भारत
  • अंतरराष्ट्रीय संगठनों के नाम, जैसे – WHO, UNESCO
  • लोक संस्थानों या सरकारी दफ्तरों के नाम, जैसे – सुप्रीम कोर्ट, संसद
  • स्वतंत्रता सेनानियों या राष्ट्रीय नेताओं के नाम/तस्वीरें (बिना लिखित अनुमति के)

अगर आप इनमें से कोई नाम अपने ब्रांड या ट्रेडमार्क में इस्तेमाल करते हैं, तो आपका आवेदन रद्द किया जा सकता है, जुर्माना लग सकता है, और कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।

एम्बलम्स एंड नेम्स एक्ट, 1950

यह कानून कुछ खास नामों और प्रतीकों को व्यावसायिक उपयोग से रोकता है। मतलब – आप सरकार या राष्ट्रीय प्रतीकों से जुड़े नाम अपने ब्रांड या कंपनी में बिना अनुमति नहीं इस्तेमाल कर सकते।

धारा 3 के अनुसार: कोई भी व्यक्ति ऐसे नाम या प्रतीक जो इस एक्ट के स्केड्यूल में दिए गए हैं, उन्हें व्यापार, बिज़नेस या पेशे के लिए उपयोग नहीं कर सकता।

इस सूची में शामिल हैं:
  • “Government of India”, “Rashtrapati”, “Prime Minister” जैसे नाम
  • सरकारी योजनाओं या अभियानों के नाम
  • राष्ट्रीय प्रतीक जैसे अशोक चक्र या राष्ट्रीय ध्वज (तिरंगा)

सज़ा: अगर कोई इस कानून का उल्लंघन करता है, तो उसे ₹500 तक का जुर्माना हो सकता है। साथ ही, सरकार उसके गुड्स को जब्त कर सकती है या बिज़नेस लाइसेंस रद्द कर सकती है।

कानून ऐसे ट्रेडमार्क पर रोक क्यों लगाता है?

इसका मुख्य कारण लोगों को भ्रम और गलतफहमी से बचाना है। आइए आसान भाषा में समझते हैं —

  • जनता के भरोसे का गलत इस्तेमाल रोकना: अगर कोई कंपनी अपने नाम में सरकारी शब्दों का इस्तेमाल करती है, तो लोग सोच सकते हैं कि वह सरकार से जुड़ी हुई है या उसे सरकार की मंज़ूरी मिली है। यह लोगों को गुमराह करता है।
  • राष्ट्रीय पहचान की सुरक्षा: सरकारी योजनाएँ और संस्थाएँ पूरे देश की पहचान हैं, किसी निजी व्यवसाय की नहीं। इसलिए उनके नाम से मुनाफा कमाना कानूनन गलत है।
  • ग्राहकों में भ्रम से बचाव: जब किसी निजी कंपनी के नाम में “Government” या “India” जैसे शब्द आते हैं, तो लोगों को लगता है कि वह सरकारी संस्था है। यह भ्रम पैदा करता है।
  • राष्ट्रीय प्रतीकों की गरिमा बनाए रखना: सरकारी अभियान जनता के हित के लिए बनाए जाते हैं, न कि व्यवसायिक लाभ के लिए। इसलिए इनके नामों का व्यावसायिक उपयोग नहीं किया जा सकता।
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महत्वपूर्ण मामले: 

ऑपरेशन सिंदूर ट्रेडमार्क विवाद, 2025

तथ्य: भारत सरकार ने जब ऑपरेशन सिंदूर नाम से एक सैन्य बचाव अभियान शुरू किया, तो कुछ निजी कंपनियों जिनमें रिलायंस भी शामिल थी उन्होंने इस नाम को फिल्मों और मनोरंजन से जुड़ी सेवाओं के लिए ट्रेडमार्क के रूप में रजिस्टर कराने की कोशिश की।

कानूनी सवाल: क्या कोई निजी कंपनी किसी सरकारी सैन्य अभियान के नाम को ट्रेडमार्क करा सकती है? या फिर यह जनता और देश की भावनाओं से जुड़े नाम का गलत इस्तेमाल माना जाएगा?

निर्णय: इस कदम की काफी आलोचना हुई और कानूनी आपत्तियाँ भी आईं। बाद में रिलायंस ने अपनी आवेदन वापस ले लिया और इसे एक आंतरिक गलती बताया। सरकार ने साफ कहा कि “ऑपरेशन सिंदूर” नाम का कोई ट्रेडमार्क मंज़ूर नहीं किया गया है, और रक्षा मंत्रालय ने इस नाम की विशेष सुरक्षा मांगी।

परिणाम: इस मामले से यह स्पष्ट हुआ कि सरकारी अभियानों या मिशनों के नाम किसी भी निजी व्यक्ति या कंपनी द्वारा ट्रेडमार्क नहीं कराए जा सकते।

ऐसे नाम जनता की संपत्ति माने जाते हैं और उनमें राष्ट्रीय भावना जुड़ी होती है। इनका व्यावसायिक उपयोग ट्रेडमार्क एक्ट, 1999 और एम्बलम्स एंड नेम्स (प्रिवेंशन ऑफ इम्प्रॉपर यूज़) एक्ट, 1950 के तहत आपत्ति योग्य है।

मेक इन इंडिया” लॉयन लोगो विवाद (2016)

2016 में कई स्टार्टअप्स ने “Make in India” अभियान के नाम और उसके शेर वाले लोगो को थोड़ा बदलकर अपने ब्रांड के रूप में रजिस्टर कराने की कोशिश की।

सरकार ने तुरंत आपत्ति जताई और स्पष्ट किया कि “Make in India” और उसका लोगो पहले से ट्रेडमार्क व कॉपीराइट कानून के तहत सुरक्षित हैं, इसलिए बिना अनुमति कोई निजी संस्था इसका उपयोग या रजिस्ट्रेशन नहीं कर सकती।

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ऐसा करना एम्बलम्स एंड नेम्स (प्रिवेंशन ऑफ इम्प्रॉपर यूज़) एक्ट, 1950 और ट्रेडमार्क एक्ट, 1999 का उल्लंघन माना जाएगा।

निष्कर्ष

आप ऐसा बिज़नेस बना सकते हैं जो सरकारी योजनाओं के उद्देश्यों का समर्थन करे — लेकिन उन योजनाओं के नाम, नारे या लोगो को अपना ट्रेडमार्क नहीं बना सकते। सरकारी योजनाएँ और अभियान जनता की संपत्ति हैं, किसी निजी कंपनी के अधिकार में नहीं आ सकते। सबसे सुरक्षित और समझदारी भरा तरीका यह है कि आप अपना अलग और नया ब्रांड नाम बनाएं, जो देश की योजनाओं से प्रेरित तो हो, लेकिन उनकी नकल न करे।

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FAQs

1. क्या मैं “Make in India Solutions” नाम से ट्रेडमार्क करा सकता हूँ?

नहीं, क्योंकि यह नाम उपभोक्ताओं को भ्रमित करेगा और Emblems and Names Act का उल्लंघन है।

2. क्या मैं अपने विज्ञापन में “Inspired by Digital India” लिख सकता हूँ?

हाँ, अगर आप इसे सिर्फ एक विवरण की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं, ट्रेडमार्क के रूप में नहीं।

3. क्या सरकार से ऐसी अनुमति ली जा सकती है?

बहुत ही दुर्लभ मामलों में, जब आप किसी सरकारी प्रोजेक्ट के आधिकारिक पार्टनर हों।

4. क्या मैं अपने लोगो में भारतीय झंडा या राष्ट्रीय प्रतीक लगा सकता हूँ?

नहीं, यह State Emblem of India (Prohibition of Improper Use) Act, 2005 के तहत सख्त रूप से मना है।

5. अगर मैं बिना अनुमति सरकारी नाम इस्तेमाल करूँ तो क्या होगा?

आपका ट्रेडमार्क रिजेक्ट हो जाएगा और आपके खिलाफ जुर्माना या कानूनी कार्रवाई हो सकती है।

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