शादी के रजिस्ट्रेशन में धोखाधड़ी की गई है? जानिए क्या है आपके पास कानूनी रास्ता

Has there been fraud in marriage registration Know what legal recourse you have

विवाह न सिर्फ एक सामाजिक अनुबंध है, बल्कि एक कानूनी प्रक्रिया भी है। अगर शादी के पंजीकरण में कोई पक्ष झूठ बोलकर, दस्तावेज़ों में हेराफेरी कर के या वैवाहिक स्थिति छुपाकर रजिस्ट्रेशन करवाता है, तो यह सिर्फ नैतिक धोखा नहीं बल्कि एक कानूनी अपराध है।

इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि शादी के रजिस्ट्रेशन में धोखाधड़ी करने पर कौन-कौन से कानूनी प्रावधान लागू होते हैं, कौन सी BNS धाराएं लगती हैं, और क्या सजा हो सकती है।

शादी के पंजीकरण में धोखाधड़ी क्या होती है?

सामान्य रूप से यह धोखाधड़ी तब मानी जाती है जब:

  • कोई व्यक्ति पहले से शादीशुदा होते हुए भी खुद को अविवाहित बताता है
  • उम्र, नाम, धर्म या पहचान से जुड़े फर्जी दस्तावेज़ दिए जाते हैं
  • गवाहों की योग्यता या पहचान छुपाई जाती है
  • विवाह की जानकारी या सहमति को जानबूझकर दबाया जाता है

क्या आप को कानूनी सलाह की जरूरत है ?

BNS की धारा 83 – कपटपूर्ण विवाह

धारा 83 के तहत: यदि कोई व्यक्ति धोखे से विवाह करता है, या जानबूझकर नकली या अमान्य वैवाहिक रस्मों से गुजरता है जिससे सामने वाला वैध विवाह मान बैठे – तो यह एक अपराध है।

दंड:

  • अधिकतम 7 साल की जेल
  • साथ में जुर्माना भी लग सकता है

BNS की अन्य धाराएं जो लागू हो सकती हैं

धाराअपराध का विवरण
धारा 81कपटपूर्वक स्त्री से विवाह संबंध बनाना
धारा 82द्विविवाह (पहले से शादीशुदा होते हुए दूसरी शादी)
धारा 82वैवाहिक स्थिति छुपाकर विवाह करना
धारा 336/340फर्जी दस्तावेज़ बनाना व इस्तेमाल करना
धारा 318धोखाधड़ी और बेईमानी से विश्वास तोड़ना

कोर्ट द्वारा दिए गए महत्वपूर्ण निर्णय

  • शेख अल्तमुद्दीन बनाम बादशाह: आरोपी ने अपनी पहली पत्नी को छुपाकर दूसरी शादी की। कोर्ट ने इसे धोखाधड़ी माना।
  • कैलाश सिंह बनाम राजस्थान राज्य: यह स्पष्ट था कि आरोपी पहले से विवाहित था और फिर भी महिला ने उससे विवाह किया, इसलिए कोर्ट ने इसे धोखाधड़ी नहीं माना।
इसे भी पढ़ें:  तलाक के बाद पुनर्विवाह की कानूनी प्रक्रिया क्या है?

धोखाधड़ी की संभावित स्थितियां

  • फर्जी आयु प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना
  • पहले से शादीशुदा होते हुए अविवाहित बताना
  • विवाह की सहमति धोखे से लेना
  • विवाह के दस्तावेजों में गलत सूचना देना
  • झूठे गवाह प्रस्तुत करना

क्या रजिस्ट्रेशन को रद्द कराया जा सकता है?

हाँ। अगर यह साबित हो जाए कि विवाह पंजीकरण फर्जी दस्तावेज़ों, धोखे, या बिना योग्य सहमति के आधार पर हुआ है, तो:

  • फैमिली कोर्ट में विवाह को शून्य (null and void) घोषित करवाया जा सकता है
  • रजिस्ट्रार कार्यालय में रजिस्ट्रेशन रद्द करवाने के लिए शिकायत की जा सकती है
  • FIR दर्ज कराकर आपराधिक कार्यवाही की जा सकती है

निष्कर्ष

शादी का पंजीकरण एक गंभीर कानूनी दस्तावेज़ है। यदि इसमें धोखाधड़ी होती है, तो इससे न केवल वैवाहिक जीवन प्रभावित होता है बल्कि कानूनी कार्रवाई की भी संभावना बनती है। अगर आप किसी ऐसे मामले का शिकार हुए हैं जिसमें आपके साथ विवाह रजिस्ट्रेशन के समय जानबूझकर धोखा किया गया है, तो आप कानून का सहारा ले सकते हैं।

कानूनी मदद चाहिए?

लीड इंडिया के अनुभवी वकीलों की टीम आपकी हर प्रकार की मदद के लिए तैयार है – चाहे वह धोखाधड़ी के खिलाफ केस हो, FIR ड्राफ्टिंग हो, या विवाह रद्द करवाने की प्रक्रिया।

किसी भी कानूनी सहायता के लिए लीड इंडिया से संपर्क करें। हमारे पास लीगल एक्सपर्ट की पूरी टीम है, जो आपकी हर संभव सहायता करेगी।

FAQs 

1. क्या शादी में गलत दस्तावेज़ देना अपराध है?

हाँ, यह BNS की धारा 318 और 336 के तहत अपराध है।

2. क्या किसी की वैवाहिक स्थिति छुपाकर शादी करना अपराध है?

हाँ, यह BNS की धारा 82 के तहत अपराध माना जाता है।

इसे भी पढ़ें:  तलाक के आदेश की शर्तों का उल्लंघन करने पर क्या सज़ा हो सकती है?

3. क्या शादी का फर्जी रजिस्ट्रेशन रद्द कराया जा सकता है?

हाँ, न्यायालय में याचिका दायर कर विवाह को शून्य घोषित करवाया जा सकता है।

4. क्या शादी के गवाहों की झूठी जानकारी देना अपराध है?

हाँ, झूठे गवाह पेश करना BNS की धाराओं के तहत दंडनीय है।

5. कपटपूर्ण विवाह की सजा क्या है?

BNS की धारा 83 के तहत अधिकतम 7 वर्ष की सजा और जुर्माना हो सकता है।

Social Media