India Lead

तलाक लेने की सबसे आसान प्रक्रिया कौन सी है?

What is the easiest process for getting a divorce

अक्सर लोगों को लगता है कि तलाक लेना मतलब एक लंबी कोर्ट की लड़ाई, सालों-साल चलने वाली तारीखें और मानसिक तनाव। पर सच्चाई ये है कि अगर पति-पत्नी आपसी सहमति से अलग होना चाहें, तो ये प्रक्रिया काफी सरल हो सकती है।तलाक का मतलब सिर्फ रिश्ता खत्म करना नहीं, बल्कि ज़िंदगी में नए अध्याय की …

तलाक लेने की सबसे आसान प्रक्रिया कौन सी है? Read More »

भारत में किन मैरिज एक्ट्स के तहत शादियां रजिस्टर होती है।

भारत में किन मैरिज एक्ट्स के तहत शादियां रजिस्टर होती है।

भारत में शादी करना एक बहुत एहम फैसला माना जाता है। इसे एक पवित्र बंधन समझा जाता है। साथ ही, इसे धूम-धाम से मनाया भी जाता है। हालाँकि, यह समझना जरूरी है कि जितनी धूम-धाम से शादी की जा रही है उतना ही जरूरी है उस शादी को कानून की नज़र में मान्य करना। एक …

भारत में किन मैरिज एक्ट्स के तहत शादियां रजिस्टर होती है। Read More »

क्या पति अपनी पत्नी से भरण-पोषण का दावा कर सकता है?

Can a husband claim maintenance from his wife

भरण-पोषण: क्या यह सिर्फ पत्नी का अधिकार है? अक्सर यह समझा जाता है कि भरण-पोषण (Maintenance) का दावा केवल पत्नी ही कर सकती है, लेकिन हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की कुछ धाराएं यह अधिकार पति को भी प्रदान करती हैं—हालांकि यह कुछ शर्तों पर आधारित होता है। कौन से कानून पति को भरण-पोषण का अधिकार …

क्या पति अपनी पत्नी से भरण-पोषण का दावा कर सकता है? Read More »

शादी के रजिस्ट्रेशन के लिए 4 महत्वपूर्ण चरण कौन-से है?

भारत में शादी के रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करने के 4 महत्वपूर्ण चरण कौन-से है?

चाहे आधुनिक हो या पारंपरिक, विवाह वह मूल संरचना है जिस पर समाज टिका है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने विवाह के पंजीकरण को अनिवार्य कर दिया है। जिस से इसका महत्व और भी ज़्यादा बढ़ गया है। यह कई प्रकार के अधिकार भी प्रदान करता है।  चूंकि यह प्रमाणपत्र कई कारणों से बहुत महत्वपूर्ण है, …

शादी के रजिस्ट्रेशन के लिए 4 महत्वपूर्ण चरण कौन-से है? Read More »

अगर पड़ोसी परेशान करें तो क्या करें? जानें कानूनी रास्ता और अधिकार

What to do if your neighbors harass you Know your legal options and rights

हम सभी के जीवन में शांति और सुख की आवश्यकता होती है, और यह हर नागरिक का अधिकार है। इसके बावजूद, कभी-कभी हम अपने घर में शांति से रह पाने में सक्षम नहीं होते हैं, जब हमारे पड़ोसी हमें मानसिक, शारीरिक या संपत्ति से जुड़ी परेशानियों का सामना कराते हैं। यह स्थिति “उपद्रव” (Nuisance) की …

अगर पड़ोसी परेशान करें तो क्या करें? जानें कानूनी रास्ता और अधिकार Read More »

शादी से पहले बनाए जाने वाले प्रीमैरिटल समझौते के बारे में 5 महत्वपूर्ण बातें।

शादी से पहले बनाए जाने वाले प्रीमैरिटल समझौते के बारे में 5 महत्वपूर्ण बातें।

एक विवाह पूर्व समझौता या “प्रीन्यूप्टियल एग्रीमेंट” मूल रूप से किसी शादी से पहले किया जाने वाला एक अनुबंध है। यह एक लिखित और रिकॉर्ड किया गया और नोटरीकृत समझौता है जो आम तौर पर सामान और देनदारियों के विवरण को परिभाषित करता है। साथ ही भविष्य में शादी के टूटने पर इस से जुड़ी …

शादी से पहले बनाए जाने वाले प्रीमैरिटल समझौते के बारे में 5 महत्वपूर्ण बातें। Read More »

क्या हॉस्पिटल कैशलेस सुविधा देने से इंकार कर सकता है?

क्या हॉस्पिटल कैशलेस सुविधा देने से इंकार कर सकता है?

भारत की इंश्योरेंस रेगुलेरिटी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (IRDA) ने ऑब्ज़र्व किया कि हाल ही में कई हॉस्पिटल अपने पॉलिसी-होल्डर्स को बिना पैसों के ट्रीटमेंट करने या कैशलेस सुविधा देने से मना कर रहे हैं। आईआरडीएआई के सेक्शन 31 (डी) के अनुसार बीमा/इंश्योरेंस कंपनियों का प्राइवेट और पब्लिक हेल्थकेयर इंस्टीटूशन्स के साथ समझौता होता है। नेटवर्क …

क्या हॉस्पिटल कैशलेस सुविधा देने से इंकार कर सकता है? Read More »

दिल्ली में ऑनलाइन शादी का रजिस्ट्रेशन किस प्रकार किया जा सकता है?

दिल्ली में ऑनलाइन शादी का रजिस्ट्रेशन किस प्रकार किया जा सकता है?

आजकल भारत में कई अन्य आवश्यक सेवाओं की तरह ही कुछ राज्यों में विवाह पंजीकरण भी ऑनलाइन किया जा सकता है। ऑनलाइन पंजीकरण बेहतर है क्योंकि इससे समय और परेशानी की बचत होती है, और यह लंबी लाइनों में खड़े होने की आवश्यकता को समाप्त करता है, जो सामाजिक दूरी के विकल्प के रूप में …

दिल्ली में ऑनलाइन शादी का रजिस्ट्रेशन किस प्रकार किया जा सकता है? Read More »

एग्रीमेंट कितने प्रकार के होते है?

एग्रीमेंट कितने प्रकार के होते है?

एग्रीमेंट या समझौता सामान्य रूप से बिज़नेस का एक मह्त्वपूर्ण हिस्सा होता हैं। यह एक बिज़नेस को अलग अलग कानूनी स्थितियों में फंसने से बचाने के लिए बनाये जाते हैं। कुछ सामान्य एग्रीमेंट जो ज्यादातर हर बिज़नेस में बनवाये जाते है वह है – साझेदारी (partnership) एग्रीमेंट, क्षतिपूर्ति (indemnity) समझौते, गैर-प्रकटीकरण (non-disclosure) समझौते, पट्टा (lease) …

एग्रीमेंट कितने प्रकार के होते है? Read More »

चेक पर केवल साइन कर देना एनआई एक्ट के तहत अपराध नहीं है।

चेक पर केवल साइन कर देना एनआई एक्ट के तहत अपराध नहीं है।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने अपने एक फैसले में निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट और उसकी धारा 138 के तहत एक अहम फैसला सुनाया है। मन मोहन पटनायक बनाम सिस्को सिस्टम्स कैपिटल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड एवं अन्य के मामले में सुनवाई करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय का यह फैसला सामने आया है। न्यायालय ने मामले की सुनवाई करते …

चेक पर केवल साइन कर देना एनआई एक्ट के तहत अपराध नहीं है। Read More »