क्या ओवरस्पीडिंग पर पुलिस जुर्माना सीधे मौके पर वसूल सकती है?

Can the police collect fines for over speeding directly on the spot?

मान लीजिए आप किसी ज़रूरी काम से जल्दी में हैं और गाड़ी चला रहे हैं। तभी ट्रैफिक पुलिस आपको रोकती है और बताती है कि आपने स्पीड लिमिट का उल्लंघन किया है। फिर वह आपसे कहती है कि यहीं पर फाइन भरिए। ऐसे में आपके मन में कई सवाल आ सकते हैं:

  • क्या यह कानूनी है?
  • कहीं यह ठगी तो नहीं?
  • क्या मुझे तुरंत फाइन भरना चाहिए या बाद में?

अगर आपके मन में भी ऐसे सवाल कभी आए हैं, तो यह ब्लॉग आपको बहुत ही आसान और साफ़ तरीके से बताएगा कि ट्रैफिक पुलिस रोड पर फाइन वसूल सकती है या नहीं, और ऐसे वक्त में आपको क्या करना चाहिए।

क्या आप को कानूनी सलाह की जरूरत है ?

ओवरस्पीडिंग क्या है?

ओवरस्पीडिंग का मतलब है, तय किए गए कानूनी स्पीड लिमिट से तेज़ गाड़ी चलाना। ये स्पीड लिमिट हर जगह और सड़क के हिसाब से अलग-अलग होती है, ताकि ड्राइवर, सवारी और पैदल चलने वाले सब सुरक्षित रहें। जैसे:

  • शहरों में: 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे
  • हाईवे पर: 80 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे
  • एक्सप्रेसवे पर: 120 किलोमीटर प्रति घंटे तक

भारत में सड़क दुर्घटनाओं के मुख्य कारणों में ओवरस्पीडिंग सबसे ऊपर है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, हर साल हजारों मौतें सिर्फ तेज़ रफ्तार की वजह से होती हैं। ओवरस्पीडिंग न केवल आपकी, बल्कि अन्य सड़क उपयोगकर्ताओं की जान के लिए भी खतरा बन सकती है।

भारत में ओवरस्पीडिंग को कौन सा कानून नियंत्रित करता है?

भारत में ट्रैफिक और रोड से जुड़ी हर कानूनी व्यवस्था मोटर व्हीकल एक्ट, 1988 के तहत आती है। समय-समय पर इसमें अमेंडमेंट भी किए जाते हैं ताकि नियम और सख्त बनाए जा सकें।

धारा 183 – ओवरस्पीडिंग पर दंड: इस धारा के तहत अगर कोई व्यक्ति निर्धारित गति सीमा से तेज़ वाहन चलाता है, तो उस पर चालान काटा जा सकता है।

ओवरस्पीडिंग पर जुर्माना

व्हीकल प्रकारपहली बार उल्लंघनबारबार उल्लंघनअतिरिक्त दंड
दो-पहिया व्हीकल₹1,000 – ₹2,000₹2,000 – ₹3,000ड्राइविंग लाइसेंस रद्द
लाइट मोटर व्हीकल (कार)₹1,000 – ₹2,000₹2,000 – ₹3,000ड्राइविंग लाइसेंस रद्द
मीडियम/हैवी पैसेंजर/गुड्स व्हीकल₹2,000 – ₹4,000₹4,000 – ₹6,000ड्राइविंग लाइसेंस जब्त, सामुदायिक सेवा

नोट: जुर्माने की राशि राज्य के अनुसार भिन्न हो सकती है। उदाहरण के लिए, दिल्ली में ये जुर्माना सख्ती से लागू होती हैं।

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क्या पुलिस सड़क पर तुरंत स्पीडिंग का फाइन वसूल सकती है?

ट्रैफिक पुलिस के अधिकार

  • हां, ट्रैफिक पुलिस को मौके पर चालान काटने का अधिकार है।
  • वे आपकी गाड़ी रोक सकते हैं
  • लाइसेंस और गाड़ी के दस्तावेज़ मांग सकते हैं
  • स्पीड गन या CCTV फुटेज के आधार पर चालान जारी कर सकते हैं

स्पॉट फाइन कब लीगल माना जाएगा?

पुलिस वाले को अधिकार हो: स्पॉट फाइन सिर्फ उन्हीं पुलिस वालों से ली जा सकती है जिनके पास ये अधिकार होता है, जैसे:

  • ट्रैफिक पुलिस वाला (यूनिफॉर्म में)
  • मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर
  • सब-इंस्पेक्टर या उससे ऊपर का अधिकारी

उनके पास वैध पहचान पत्र होना अनिवार्य है, और बेहतर होगा कि वे वर्दी में हों ताकि आप उनकी प्रामाणिकता की पुष्टि कर सकें।

अधिकारी सही चालान जारी करे: चालान मतलब एक आधिकारिक कागज़ या नोटिस जिसमें ये लिखा हो:

  • आपका उल्लंघन (जैसे ओवरस्पीडिंग)
  • फाइन की रकम
  • अधिकारी का नाम और बैज नंबर
  • उल्लंघन की तारीख और समय

यह चालान कागज़ पर हो सकता है या ई-चालान जो आपके फोन या ईमेल पर भेजा जाता है।

रसीद जरूर मिले: अगर आपको तुरंत फाइन भरने को कहा जाता है, तो आपको आधिकारिक रसीद भी मिले। यह आपकी पेमेंट का प्रमाण होती है। बिना रसीद के कभी नकद पैसे न दें।

फाइन की रकम सही हो: मोटर व्हीकल एक्ट के अनुसार, ओवरस्पीडिंग का फाइन धारा 183 के तहत ही होना चाहिए, अगर अधिकारी उससे अधिक चालान काटता है तो वह गैरकानूनी है।

इन हालात में आपको फाइन नहीं देना चाहिए

  • कोई व्यक्ति पुलिस की वर्दी में नहीं है या ID कार्ड नहीं दिखाता, तो आप पर जुर्माना लगाने का उसका हक नहीं बनता। ऐसे में आप फाइन देने से मना कर सकते हैं।
  • अगर आपसे कैश मांगा जा रहा है लेकिन कोई चालान या रसीद नहीं दी जा रही, तो ये गलत है और संभवतः अवैध है।
  • अगर कोई पुलिस वाला ₹5000 जैसी अजीब रकम मांगे, या कहे कि “थोड़ा दे दो, जाने देते हैं”, तो यह रिश्वत है और कानूनन अपराध है।
  • अगर कोई व्यक्ति बिना पुलिस वाली गाड़ी से आकर खुद को अधिकारी बताता है और आपसे पैसे मांगता है, तो सावधान रहें। उनसे उनका ID कार्ड मांगें और उनका नाम व जानकारी नोट कर लें। बिना पुष्टि के पैसे न दें।
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डी.के. बसु बनाम पश्चिम बंगाल राज्य, 1997 के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि पुलिसकर्मी को गिरफ्तारी या वाहन रुकवाने के समय साफ़-साफ़ पहचाने जाने योग्य यूनिफ़ॉर्म और नाम‑प्लेट पहननी होगी। यदि वे ऐसा नहीं करते हैं तो उनका कोई अधिकारिक अधिकार (जैसे जुर्माना वसूलना, वाहन जब्त करना) वैध नहीं माना जाएगा।

अगर आप तुरंत चालान का फाइन नहीं भरते तो क्या होता है?

बहुत लोग सोचते हैं: अगर चालान सही है, तो क्या मुझे वहीं पर फाइन भरना ज़रूरी है? इसका जवाब है: नहीं, आपको तुरंत फाइन भरना कानूनी रूप से ज़रूरी नहीं है। आपके पास यह वैधानिक अधिकार है कि आप चालान स्वीकार करें और उसे बाद में नियत प्रक्रिया के तहत भरें। जब तक आप चालान को स्वीकार करते हैं और बाद में समय पर भुगतान करते हैं, तब तक कोई दिक्कत नहीं होती।

तुरंत फाइन भरना ज़रूरी नहीं, बाद में भी भर सकते हैं। अगर ट्रैफिक पुलिस ने आपको सही चालान दिया है:

  • लेकिन आप  कैश देने में असमर्थ हैं,
  • आपके पास उस समय पैसे या डिजिटल पेमेंट का तरीका नहीं है,
  • आप जुर्माने की जानकारी ऑनलाइन जांचना चाहते हैं।

तो आप चालान (पेपर या ई-चालान) ले सकते हैं और बाद में इन तरीकों से भर सकते हैं:

  • ट्रैफिक पुलिस की ऐप
  • ई-चालान वेबसाइट: www.echallan.parivahan.gov.in
  • नज़दीकी ट्रैफिक पुलिस ऑफिस

ध्यान दें: अगर आपने चालान ले लिया और बाद में तय समय पर फाइन भर दिया, तो आपको कोई कानूनी परेशानी नहीं होगी।

चालान को अस्वीकार करने पर क्या होगा?

आप फाइन तुरंत न भरें, यह ठीक है। लेकिन अगर आप चालान लेने से मना करते है, पुलिस से अभद्र व्यवहार करते हैं, भागने की कोशिश करते हैं, या सहयोग नहीं करते हैं, तो आपके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सकती है:

  • आपकी गाड़ी ज़ब्त हो सकती है।
  • ड्राइविंग लाइसेंस जब्त किया जा सकता है।
  • आपको कोर्ट में बुलाया जा सकता है।

अगर आपने चालान कभी नहीं भरा तो?

  • आपको कोर्ट का नोटिस आ सकता है
  • फाइन की रकम बढ़ सकती है
  • आपका लाइसेंस या गाड़ी का रजिस्ट्रेशन रद्द किया जा सकता है
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सुप्रीम कोर्ट ने पूरे देश में ई-चालान सिस्टम लागू करने का आदेश दिया

सितंबर 2024 में, सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को तुरंत मोटर व्हीकल एक्ट (2019) की धारा 136A को लागू करने का आदेश दिया। इसके तहत अब सड़क पर इलेक्ट्रॉनिक तरीके से निगरानी होगी जैसे:

  • स्पीड कैमरे
  • ANPR (गाड़ियों की नंबर प्लेट पढ़ने वाला सिस्टम)
  • स्पीड गन

e-Challan प्रणाली

आजकल ज़्यादातर शहरों में e-Challan सिस्टम लागू है। ट्रैफिक पुलिस मोबाइल या POS मशीन से चालान काटती है और SMS या ऑनलाइन पोर्टल पर चालान अपडेट हो जाता है।

चालान मशीन या POS मशीन का प्रयोग क्यों जरूरी है?

  • पारदर्शिता बनी रहे
  • रिश्वत का खतरा कम हो
  • नागरिकों के पास चालान का प्रमाण रहे

निष्कर्ष

तो क्या पुलिस रास्ते पर ही ओवरस्पीडिंग का चालान काट सकती है? हां, कर सकती है, लेकिन सिर्फ तभी जब वो सब कुछ कानून के मुताबिक करे। आपका हक है कि आप पुलिस से सही दस्तावेज़, रसीद और पहचान पत्र (ID) मांग सकते हैं।

अपने अधिकारों को जानना बहुत ज़रूरी है, इससे आप धोखा खाने से बच सकते हैं और सही तरीके से गाड़ी चला सकते हैं। ट्रैफिक नियमों का उद्देश्य हमें दंडित करना नहीं, बल्कि हमारी और दूसरों की सुरक्षा सुनिश्चित करना होता है।

अगर आपको ट्रैफिक पुलिस द्वारा गलत तरीके से फाइन किया गया है या आपको चालान से संबंधित किसी भी प्रकार की कानूनी सलाह चाहिए, तो हमारे अनुभवी वकीलों से तुरंत संपर्क करेंसुरक्षित चलाएं, समझदारी से चलाएं।

किसी भी कानूनी सहायता के लिए लीड इंडिया से संपर्क करें। हमारे पास लीगल एक्सपर्ट की पूरी टीम है, जो आपकी हर संभव सहायता करेगी।

FAQs

1. क्या मैं मौके पर जुर्माना देने से मना कर सकता हूँ?

हाँ, अगर आपको लगे कि जुर्माना गलत है या पुलिसकर्मी अधिकृत (authorized) नहीं है, तो आप मना कर सकते हैं। आप ऑनलाइन चालान भरने या लिखित चालान देने को कह सकते हैं।

2. अगर मेरे पास कैश नहीं हो तो क्या करें?

आप पुलिसकर्मी से UPI या कार्ड से पेमेंट का ऑप्शन पूछ सकते हैं। आजकल ज्यादातर ट्रैफिक पुलिस के पास डिजिटल पेमेंट मशीन होती है।

3. क्या पुलिस सिर्फ ओवरस्पीडिंग पर मेरी गाड़ी ज़ब्त कर सकती है?

सिर्फ ओवरस्पीडिंग की वजह से गाड़ी ज़ब्त नहीं की जाती। लेकिन अगर आपने बहुत लापरवाही से गाड़ी चलाई हो या बार-बार गलती की हो, तो कार्रवाई हो सकती है।

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