क्या आपको कभी फ्लाइट लेट या कैंसिल होने की वजह से एयरपोर्ट पर फँसना पड़ा है? या फिर फ्लाइट में चढ़ने के बाद आपको उतार दिया गया क्योंकि सीट ज्यादा बुक हो गई थीं? ऐसी स्थितियाँ बहुत ही परेशान करने वाली होती हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि भारत के विमानन नियमों के अनुसार, इन हालात में आपको मुआवज़ा मिल सकता है?
इस ब्लॉग में हम आपको बताएंगे कि एक हवाई यात्री के तौर पर भारत में आपके क्या अधिकार हैं और कब-कैसे आप मुआवज़ा पा सकते हैं।
भारत में एयर ट्रैवल के नियम कौन बनाता है?
भारत में हवाई यात्रा का नियंत्रण डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) करता है। यह सरकार की एक संस्था है जो एयरलाइनों के लिए नियम बनाती है और यह देखती है कि ये नियम सही तरीके से लागू हो रहे हैं या नहीं।
DGCA का काम है कि हवाई सफर सुरक्षित, आरामदायक और सही तरीके से हो। उन्होंने एक नियमावली बनाई है, जिसे पैसेंजर चार्टर कहते हैं। इसमें यात्रियों के अधिकार बताए गए हैं, जैसे कि अगर फ्लाइट लेट हो जाए, कैंसिल हो जाए, सामान खो जाए या बोर्डिंग से मना कर दिया जाए तो आपको क्या सुविधाएं और मुआवज़ा मिल सकता है।
DGCA ये सुनिश्चित करता है कि एयरलाइंस यात्रियों के साथ सही व्यवहार करें और अगर कोई दिक्कत हो तो यात्रियों को उनका हक दिया जाए।
हवाई यात्रियों के अधिकार
भारतीय यात्रियों को DGCA द्वारा बनाए गए सिविल एविएशन नियम (CAR) के तहत सुरक्षा दी गई है। ये नियम लागू होते हैं:
- भारत के अंदर की घरेलू फ्लाइट्स पर
- भारत से बाहर जाने या भारत आने वाली अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट्स पर
- भारत में चलने वाली सभी शेड्यूल्ड एयरलाइनों पर
आइए देखें, किन-किन सामान्य हालात में आपको मुआवज़ा मिल सकता है।
फ्लाइट लेट होने पर आप क्या मुआवज़ा मांग सकते हैं?
एयरपोर्ट पर देरी
अगर आपकी फ्लाइट 2 घंटे से ज्यादा लेट हो जाती है, तो एयरलाइन आपको मुफ्त में खाना और पानी देना चाहिए।
अगर फ्लाइट 6 घंटे से ज्यादा लेट हो और एयरलाइन ने आपको उड़ान से 24 घंटे से कम समय पहले आपको सूचित किया है, तो उन्हें आपको ये विकल्प देना होगा:
- पूरा पैसा वापस लेना, या
- दूसरी फ्लाइट में बैठना।
बोर्डिंग के बाद देरी
- अगर आप बोर्डिंग कर चुके है और फ्लाइट 2 घंटे से ज्यादा लेट होती है, तो एयरलाइन आपको ये विकल्प दे सकती है
- फ्लाइट से उतरकर एयरपोर्ट के लाउंज या टर्मिनल में इंतजार करना, जो भी सही हो।
फ्लाइट कैंसिल होने पर आपका क्या हक़ है?
अगर आपकी फ्लाइट कैंसिल हो जाती है, तो आपको ये मिल सकता है:
- पूरा पैसा वापस, या
- दूसरी फ्लाइट, जो आप चाहें।
लेकिन ध्यान दें, अगर एयरलाइन आपको कम से कम 2 हफ्ते पहले बता देती है, तो आपको कोई मुआवज़ा नहीं मिलेगा।
मुआवज़ा तभी मिलेगा जब:
- आपको निर्धारित प्रस्थान से 2 सप्ताह से कम लेकिन 24 घंटे से अधिक पहले सूचित किया जाता है, और आपको 2 घंटे के अंदर कोई दूसरी फ्लाइट न दी जाए।
- आपको प्रस्थान से 24 घंटे से भी कम समय पहले बताया जाए।
मुआवज़े की राशि:
- 1,500 किलोमीटर या उससे कम दूरी की फ्लाइट पर ₹5,000 तक
- 1,500 से 3,500 किलोमीटर दूरी की फ्लाइट पर ₹10,000 तक
- 3,500 किलोमीटर से ज़्यादा दूरी की फ्लाइट पर ₹20,000 तक
बोर्डिंग से मना करना: क्या आपको फ्लाइट से बाहर किया जा सकता है?
- हाँ, कभी-कभी फ्लाइट में सीट्स ज्यादा बुक हो जाती हैं। अगर आपको बिना आपकी मर्जी के फ्लाइट में चढ़ने से रोका जाता है, तो एयरलाइन को ये करना होता है:
- पहले वो उन यात्रियों को ढूंढे जो अपनी सीट छोड़कर अगली फ्लाइट में जाना चाहते हैं।
- अगर आप स्वेच्छा से सीट नहीं छोड़ते और फिर भी आपको फ्लाइट में चढ़ने से मना कर दिया जाता है, और एयरलाइन 1 घंटे के अंदर कोई दूसरी फ्लाइट नहीं देती, तो आपको मुआवज़ा मिलना चाहिए।
मुआवज़ा:
- अगर दूसरी फ्लाइट 24 घंटे के अंदर मिलती है, तो आपका मुआवज़ा आपकी एक तरफ की टिकट का 200% (अधिकतम ₹10,000) होगा।
- अगर दूसरी फ्लाइट 24 घंटे से बाद मिलती है, तो मुआवज़ा 400% होगा (अधिकतम ₹20,000) ।
- आप चाहें तो पूरा पैसा वापस लेने का भी विकल्प चुन सकते हैं।
विमान दुर्घटना और यात्री की मृत्यु के मामले में मुआवज़ा
कानून क्या कहता है?
अगर किसी यात्री की प्लेन हादसे में मौत हो जाती है, तो परिवार को मुआवज़ा देना एयरलाइन की ज़िम्मेदारी होती है। ये मुआवज़ा दो कानूनों के तहत तय किया गया है:
- कैरिज बाय एयर एक्ट, 1972
- मोंट्रियल कन्वेंशन, 1999 (भारत ने इस समझौते पर साइन किया है)
इन नियमों के तहत, एयरलाइन को मृतक यात्री के परिवार को मुआवज़ा देना ज़रूरी है।
कानून के तहत मिलने वाला न्यूनतम मुआवज़ा
मोंट्रियल कन्वेंशन के अनुसार, अगर प्लेन हादसे में किसी यात्री की मौत हो जाती है, तो एयरलाइन को हर यात्री के परिवार को करीब ₹1.1 करोड़ (113,100 स्पेशल ड्राइंग राइट्स) तक मुआवज़ा देना होता है। यह रकम करेंसी के रेट पर थोड़ी ऊपर-नीचे हो सकती है। यह मुआवज़ा:
- अपने आप और ज़रूरी होता है, एयरलाइन इसे मना नहीं कर सकती।
- एयरलाइन की इंश्योरेंस कंपनी द्वारा दिया जाता है।
अगर परिवार यह साबित कर दे कि हादसा एयरलाइन या उसके स्टाफ की लापरवाही से हुआ है, तो वे कोर्ट में जाकर अतिरिक्त मुआवज़ा भी मांग सकते हैं।
कोई भी पैसा इंसान की जान की जगह नहीं ले सकता। लेकिन कानून इन बड़ी दुखद घटनाओं को समझता है और यह सुनिश्चित करता है कि परिवारों को सही मुआवजा और न्याय मिले।
सामान से जुड़ी दिक्कतों में आपके अधिकार
ये समस्या कई यात्रियों के साथ होती है। अगर आपका चेक-इन किया हुआ सामान खो जाए या टूट जाए तो आपको ये अधिकार हैं:
- खोया हुआ सामान: अगर एयरलाइन आपका सामान पूरी तरह से खो देती है, तो आपको मुआवज़ा मिलेगा। ज्यादा से ज्यादा ₹20,000 तक का मुआवज़ा मिल सकता है, जो आपके सामान के वजन पर निर्भर करता है।
- लेट हुआ सामान: अगर आपका सामान देर से मिलता है, तो आप जरूरी चीजों जैसे कपड़े या टॉयलेट्री आइटम्स के खर्चा का दावा कर सकते हैं। बस अपने बिल या रसीद संभाल कर रखें।
- टूटा हुआ सामान: अगर आपका सामान या उसके अंदर की चीजें खराब या टूट गई हों, तो आपको नुकसान के हिसाब से मुआवज़ा मिल सकता है। एयरलाइन सामान ठीक कराने या कीमत के अनुसार मुआवज़ा देने का ऑफर कर सकती है।
रिफंड के नियम: कब मिल सकता है आपका पैसा वापस?
एयरलाइन को आपका पूरा किराया (टैक्स समेत) वापस करना होता है अगर:
- फ्लाइट कैंसिल हो जाती है
- फ्लाइट का समय बहुत ज्यादा बदल दिया जाता है
- बोर्डिंग से मना किया गया हो और आप रिफंड लेना चाहते हैं
रिफंड कब तक मिलेगा?
- अगर टिकट क्रेडिट कार्ड से बुक किया गया है, तो पैसा 7 वर्किंग डेज़ में मिल जाना चाहिए।
- अगर टिकट ट्रैवल एजेंट या कैश से बुक किया है, तो रिफंड 15 वर्किंग डेज़ में मिलना चाहिए।
- ध्यान दें: अगर आप खुद अपनी फ्लाइट कैंसिल करते हैं, तो एयरलाइन की पॉलिसी के अनुसार कैंसिलेशन चार्ज कट सकता है।
अगर फ्लाइट मौसम या सुरक्षा वजहों से लेट हो तो क्या होगा?
कभी-कभी फ्लाइट लेट या कैंसिल होना एयरलाइन की गलती नहीं होती — जैसे खराब मौसम, एयर ट्रैफिक कंट्रोल या सुरक्षा से जुड़ी परेशानी। ऐसे मामलों में:
- एयरलाइन को मुआवज़ा देने की ज़रूरत नहीं होती, क्योंकि ये उनके कंट्रोल में नहीं होता।
- लेकिन फिर भी, अगर आप एयरपोर्ट पर फँस जाते हैं, तो एयरलाइन को खाना, रहने की सुविधा और दूसरी फ्लाइट का इंतजाम करना होता है।
मुआवज़ा कैसे लें: आसान स्टेप-बाय-स्टेप तरीका
अगर आपकी फ्लाइट में कोई दिक्कत हुई है और आप मुआवज़ा लेना चाहते हैं, तो ये स्टेप्स फॉलो करें:
स्टेप 1: सबसे पहले एयरलाइन से बात करें
- एयरपोर्ट पर एयरलाइन स्टाफ से बात करें।
- उनकी वेबसाइट या कस्टमर केयर पर शिकायत दर्ज करें।
स्टेप 2: सबूत संभालकर रखें
- बोर्डिंग पास, टिकट और बैग टैग्स संभालकर रखें।
- अगर होटल, टैक्सी या खाने का खर्चा हुआ है, तो उसकी रसीद रखें।
- फ्लाइट के टाइम और एयरलाइन से हुई बातचीत का रिकॉर्ड रखें।
स्टेप 3: DGCA में शिकायत करें (अगर एयरलाइन मदद नहीं करे)
अगर एयरलाइन मदद नहीं करती, तो आप DGCA में शिकायत कर सकते हैं:
- वेबसाइट: www.dgca.gov.in
- या फिर AirSewa ऐप या पोर्टल के ज़रिए
स्टेप 4: कानूनी रास्ता (अगर और कोई उपाय न बचे)
अगर एयरलाइन और DGCA से भी हल न निकले, तो आप इनसे संपर्क कर सकते हैं:
- कंज़्यूमर फोरम – अगर सेवा में कमी हो
- सिविल कोर्ट – अगर बड़ा नुकसान हुआ हो
- किसी वकील से सलाह लें जो कंज़्यूमर या एविएशन मामलों में मदद करता हो।
हवाई यात्रा में मुआवजे से जुड़े हाल के फैसले
अहमदाबाद विमान हादसा (जून 2025)
12 जून 2025 को अहमदाबाद में एअर इंडिया की फ्लाइट AI171, बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर, उड़ान भरने के कुछ ही क्षणों बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस हादसे में 241 यात्रियों और 38 ज़मीन पर मौजूद लोगों की मौत हो गई। सरकार और टाटा समूह ने मृतकों के परिवारों को ₹1 करोड़ का मुआवज़ा देने की घोषणा की है।
इंडिगो एयरलाइंस बनाम श्री प्यारिलाल जैन (2023)
इस मामले में कंज्यूमर कोर्ट ने कहा कि इंडिगो एयरलाइंस को मुआवजा देना होगा क्योंकि उसने बिना सूचना के वापसी की फ्लाइट रद्द कर दी। एयरलाइन ने कोई दूसरी फ्लाइट या रिफंड नहीं दिया, जिससे यात्रियों को नुकसान हुआ।
इस मामले में सामान से जुड़ी समस्याओं को भी शामिल किया गया था, जहां यात्रियों को सामान न मिलने की वजह से और भी दिक्कतें आईं।
निष्कर्ष
हवाई यात्रा तेज़ और आसान होनी चाहिए, लेकिन कभी-कभी समस्या हो जाती है। अच्छी बात यह है कि भारत के विमान नियम आपको साफ अधिकार और सुरक्षा देते हैं। फ्लाइट लेट होने, रद्द होने, बोर्डिंग न मिलने या सामान की समस्या पर आप मुआवजा पा सकते हैं, बस आपको ये जानना होगा कि कैसे माँगना है।
अगली बार जब आपकी फ्लाइट ठीक से ना हो, तो खुद को कमजोर मत समझिए। अपने अधिकारों के लिए आवाज़ उठाइए और जो आपको मिलता है, उसे मांगने से मत हिचकिचाइए।
किसी भी कानूनी सहायता के लिए लीड इंडिया से संपर्क करें। हमारे पास लीगल एक्सपर्ट की पूरी टीम है, जो आपकी हर संभव सहायता करेगी।
FAQs
1. क्या फ्लाइट रद्द होने पर मुझे मुआवज़ा जरूर मिलेगा?
हाँ, अगर एयरलाइन ने समय पर नोटिस नहीं दिया और वैकल्पिक सुविधा नहीं दी, तो आप मुआवज़ा मांग सकते हैं।
2. फ्लाइट देरी होने पर क्या एयरलाइन मुआवज़ा देती है?
अगर देरी 2 घंटे से ज्यादा हो और एयरलाइन आपकी मदद न करे, तो DGCA के नियमों के तहत मुआवज़ा मिल सकता है।
3. सामान खोने या खराब होने पर मुझे क्या करना चाहिए?
सामान के खोने पर तुरंत एयरलाइन से PIR रिपोर्ट बनवाएं और टिकट, सामान टैग संभालकर रखें। मुआवज़ा की मांग कर सकते हैं।
4. एयरलाइन ने बोर्डिंग से इनकार कर दिया, अब क्या करूं?
ऐसी स्थिति में आप उपभोक्ता फोरम में शिकायत कर सकते हैं और DGCA से भी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।
5. मुआवज़ा पाने के लिए मुझे कौन-कौन से दस्तावेज़ चाहिए?
टिकट, बोर्डिंग पास, फ्लाइट डिले/रद्दीकरण का प्रमाण, सामान से संबंधित रिपोर्ट और एयरलाइन से हुई बातचीत के रिकॉर्ड।



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