क़ानून और धाराएं

क्या भारत में जजों को गिरफ्तार किया जा सकता है?

क्या भारत में जजों को गिरफ्तार किया जा सकता है?

हाँ, भारत में जजों को गिरफ्तार किया जा सकता है। जजों को भी वामपंथियों के साथ जुड़ा जा सकता है जब वे किसी अपराध के आरोप में होते हैं और किसी अन्य अदालत या अधिकारिक संगठन द्वारा संदिग्ध होते हैं। जजों को उनके कार्यकाल के दौरान और नियमित प्रक्रिया के अधीन ही गिरफ्तार किया जा …

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12वीं कक्षा की छात्रा को क्यों नाबालिग नहीं मान सकते

12वीं कक्षा की छात्रा को क्यों नाबालिग नहीं मान सकते

12वीं कक्षा की छात्रा को नाबालिग माना नहीं जाता है क्योंकि भारतीय कानून के अनुसार, व्यक्ति को नाबालिग माना जाता है जब वह 18 वर्ष से कम उम्र का होता है। इसका कारण है कि 18 वर्ष वाले या उससे कम उम्र के व्यक्ति को समझदारी और न्यायिक फैसलों के लिए अपर्याप्त समझा जाता है …

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CARA Act में कपल द्वारा अविवाहित महिला से बच्चा गोद लेने की प्रकिया

CARA Act में कपल द्वारा अविवाहित महिला से बच्चा गोद लेने की प्रकिया

जी हां, अविवाहित छात्रा के गर्भ को कपल द्वारा गोद लेने की सहमति देने का मतलब होता है कि कारा नियमित गोद लेने की प्रक्रिया में बदलाव कर सकता है। इस मामले में, पहले कारा केवल विवाहित या स्थायी साथी के द्वारा गोद लेने की अनुमति देता था। अविवाहित छात्रा के गर्भ को कपल द्वारा …

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जुआ अधिनियम की धारा 13 क्या है और क्या कहती है भारतीय कानून में?

What is Section 13 of the Gambling Act and what does it say in Indian law

भारत में जुआ एक विवादास्पद लेकिन महत्वपूर्ण कानूनी और सामाजिक विषय है। पब्लिक गैंबलिंग एक्ट , 1867 यानी सार्वजनिक जुआ अधिनियम के तहत इसे एक अपराध माना गया है, जब तक कि राज्य सरकारें इसे नियंत्रित रूप से वैध न घोषित करें। इस अधिनियम की धारा 13 विशेष रूप से राज्यों को यह छूट प्रदान …

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भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 183: बयान दर्ज कराने से पहले जानें ये ज़रूरी बातें

Section 183 of the Indian Civil Defence Code Know these important things before recording the statement

धारा 183 भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता का एक महत्वपूर्ण प्रावधान है, जिसका उद्देश्य गवाहों और आरोपियों के बयान को मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज करना है। जब कोई व्यक्ति पुलिस या मजिस्ट्रेट के सामने बयान देता है, तो उसे एक कानूनी दस्तावेज़ के रूप में माना जाता है, जिसे अदालत में साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत …

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आरटीआई एक्ट के तहत पहली अपील कब और कैसे करें?

आरटीआई एक्ट के तहत पहली अपील कब और कैसे करें?

आरटीआई (Right to Information Act) एक्ट के तहत पहली अपील करने के लिए आपको निम्नलिखित चरणों का पालन करना होगा अपील के लिए संबंधित संगठन या विभाग का पता ढूंढें पहली अपील के लिए आपको उस संगठन या विभाग का पता ढूंढना होगा जिसके खिलाफ आप अपील करना चाहते हैं। यह संगठन सरकारी या निजी …

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घरेलू हिंसा और दहेज के झूठे केस में क्या करें?

What to do in a false case of domestic violence and dowry

भारत में घरेलू हिंसा और दहेज प्रताड़ना के झूठे मामले एक गंभीर समस्या बन गए हैं। इन मामलों में ज्यादातर पुरुषों और उनके परिवारों को गलत तरीके से फंसाया जाता है। घरेलू हिंसा और दहेज के आरोपों का सामना करने वाले व्यक्ति के लिए यह समय मानसिक, सामाजिक, और आर्थिक संकट का होता है। कई …

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भारत में कौन से केस आपराधिक मामलों के तहत आते है?

भारत में कौन से केस आपराधिक मामलों के तहत आते है?

भारत में कई प्रकार के आपराधिक मामले हो सकते हैं और उन्हें अलग-अलग केसों में शामिल किया जाता है। यहां कुछ प्रमुख आपराधिक मामले दिए गए हैं: भारत में कितने आपराधिक कानून हैं? भारत में अनेक प्रकार के आपराधिक कानून हैं, जो विभिन्न आपराधों को परिभाषित और शासित करते हैं। ये कानून विभिन्न विधियों और …

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आईपीसीसी का सेक्शन 376 असंवैधानिक है। 

आईपीसीसी का सेक्शन 376 असंवैधानिक है।

भारत के संविधान के तहत बहुत से नियम और कानून बनाये गए है जो महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के लिए बनाये  गए है।  सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी दिल्ली के प्रोजेक्ट 39 ए को बिना छूट के अनिवार्य उम्रक़ैद की सजा निर्धारित करने के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 376 डीए की …

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शराब पीने के केस में दोषी को बेल कैसे मिल सकती है?

शराब पीने के केस में दोषी को बेल कैसे मिल सकती है?

बिहार सरकार ने घोषणा की है कि अगर कोई व्यक्ति दूसरी बार शराब पीता हुआ पकड़ा जाता है तो उसे एक साल की कैद होती है और पहली बार पकड़े गए व्यक्ति को केवल जुर्माना देना होगा और यदि जुर्माना है भुगतान नहीं किया तो एक महीने के कारावास के लिए उत्तरदायी होगा। जैसा कि …

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