आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने हमें कई सुविधाएँ दी हैं काम को आसान बनाया, रचनात्मकता बढ़ाई, समय बचाया और जीवन को आरामदायक किया। लेकिन इसके साथ एक खतरनाक पक्ष भी सामने आया है। आज कोई भी व्यक्ति घर बैठे, एक मुफ्त AI टूल का इस्तेमाल करके किसी भी लड़की या लड़के की फोटो लेकर अश्लील नकली तस्वीर या वीडियो बना सकता है चाहे उस व्यक्ति का उस कंटेंट से कोई संबंध ही न हो।
यह पीड़ित कोई भी हो सकता है – स्टूडेंट, कर्मचारी, गृहिणी, इन्फ़्लुएंसर, बिज़नेस पर्सन या कोई आम व्यक्ति जिसकी फोटो सोशल मीडिया से उठा ली गई हो। कुछ ही मिनटों में ऐसी नकली तस्वीरें व्हाट्सऐप, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम और अन्य प्लेटफॉर्म पर वायरल हो जाती हैं।
यह स्थिति सिर्फ़ शर्मनाक नहीं होती, यह पूरी तरह गैरकानूनी, मानसिक रूप से परेशान करने वाली और बेहद गलत है।
लेकिन अच्छी बात यह है— भारतीय कानून AI से बनी अश्लील नकली तस्वीरों और वीडियो के पीड़ितों को बहुत मजबूत सुरक्षा देता है।
यह ब्लॉग आपको बताएगा कि आप तुरंत क्या करें, कैसे अपनी इज्जत और गोपनीयता की रक्षा करें, वायरल होने से रोकें और कैसे सख़्त कानूनी कार्रवाई करें।
AI से बनाया गया अश्लील कंटेंट क्या है?
AI से बनाया गया अश्लील कंटेंट वह फोटो, वीडियो या ऑडियो होता है जिसे किसी व्यक्ति की असली फोटो, चेहरा, शरीर या आवाज़ का इस्तेमाल करके डिजिटल तरीके से बदला या बनाया जाता है, बिना उसकी मंज़ूरी के।
साधारण शब्दों में – यह ऐसा नकली कंटेंट है जो असल में हुआ ही नहीं, लेकिन उसे देखकर लगे कि व्यक्ति ने कुछ गलत या अशोभनीय किया है।
इसमें शामिल हो सकता है:
- डीपफेक विडिओ: यह एक AI-generated वीडियो होता है, जिसमें किसी पीड़ित का चेहरा किसी अन्य व्यक्ति के शरीर पर लगाया जाता है, ताकि वीडियो असली लगे। टेक्नोलॉजी इतनी एडवांस हो चुकी है कि असली और नकली में फर्क कर पाना बहुत मुश्किल हो जाता है।
- फेस मॉर्फिंग / बॉडी मॉर्फिंग: अपराधी आपके चेहरे को किसी अश्लील फोटो/वीडियो में जोड़ देता है। यह तकनीक कई “फेक न्यूड जनरेटर” और ऐप्स द्वारा आसान बना दी गई है।
- AI Tools का दुरुपयोग: बाजार में कई ऐसे AI tools उपलब्ध हैं जो मिनटों में फर्जी अश्लील कंटेंट तैयार कर देते हैं। अपराधियों के लिए यह बेहद आसान हो गया है, जबकि पीड़ित को भारी मानसिक और सामाजिक नुकसान झेलना पड़ता है।
- बिना कंसेंट के बनाए गए ऐसे कंटेंट की कानूनी स्थिति: भारत में बिना अनुमति तैयार किया गया कोई भी अश्लील कंटेंट, यहां तक की अगर नकली भी हो तो वह पूरी तरह अपराध है।
फर्जी और असली वीडियो/फोटो कैसे पहचानें? बेहद आसान तरीके
- चेहरा और होंठ की चाल मेल न खाए – आवाज कुछ और हो, होंठ कुछ और चलते दिखें।
- वीडियो के किनारे धुंधले या टूटे हुए लगें – अक्सर फर्जी कंटेंट में बॉर्डर साफ़ नहीं होते।
- चेहरे और शरीर की त्वचा अलग दिखे – स्किन का रंग या बनावट सही मैच नहीं करती।
- रोशनी अजीब या अनियमित लगे – चेहरे पर लाइटिंग नैचुरल नहीं दिखती, कहीं ज़्यादा चमक तो कहीं बहुत कम।
लेकिन आम जनता के लिए पहचान बेहद कठिन होती है। इसलिए भारतीय कानून नकली-अश्लील कंटेंट को भी “गंभीर अपराध” मानता है।
AI से बना अश्लील कंटेंट कैसे वायरल होता है?
इस तरह का नकली अश्लील कंटेंट बहुत जल्दी फैल जाता है। इसे समझना ज़रूरी है ताकि आप समय रहते सही कदम उठा सकें।
- सोशल मीडिया से – जैसे व्हाट्सएप ग्रुप, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम चैनल
- नकली प्रोफाइल से – जहाँ आरोपी अपनी पहचान छुपाकर कंटेंट फैलाता है
- बिना सोचे-समझे फ़ॉरवर्ड करने से – लोग सच्चाई चेक किए बिना वीडियो/फ़ोटो भेज देते हैं
- ब्लैकमेल करने वालों से – जो पैसे न देने पर कंटेंट अपलोड करने की धमकी देते हैं
- हैक किए गए मोबाइल/अकाउंट से – जहाँ से स्क्रीनशॉट या फोटो चुराए जाते हैं भले ही कंटेंट नकली हो, पर असर असली लगता है।
पीड़ित पर भावनात्मक और सामाजिक प्रभाव: ऐसी स्थिति पीड़ित के लिए बहुत भारी और दर्दनाक होती है। अक्सर लोग ये महसूस करते हैं:
- अचानक सदमा लगना
- बार-बार डर महसूस होना
- समाज या परिवार के जज करने का डर
- अपनी प्रतिष्ठा खराब होने का डर
- दूसरों पर भरोसा कम होना
- मानसिक तनाव
- चिंता, घबराहट और उदासी
- लोगों से दूर होकर अकेला महसूस करना
- नौकरी या पढ़ाई पर असर का डर
ऐसी भावनाएँ बिल्कुल सामान्य हैं, और भारत का कानून इस दर्द को गंभीरता से समझता है और पीड़ित को मजबूत कानूनी सुरक्षा देता है।
क्या भारत में AI से बना अश्लील कंटेंट गैरकानूनी है?
भारत में AI से बनाया गया फर्जी अश्लील कंटेंट भी असली अश्लील कंटेंट जितना ही अपराध माना जाता है।Cचाहे वीडियो असली हो या एडिट किया हुआ – बिना सहमति के बनाना, दिखाना या वायरल करना अपराध है। इसीलिए कानून ऐसे मामलों में कड़ा एक्शन लेने की पूरी अनुमति देता है। पीड़ितों के लिए उपलब्ध कानूनी सुरक्षा
इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट, 2000
| धारा | किस मामले में लागू होती है? | सज़ा |
| 66E | बिना अनुमति किसी की प्राइवेट फोटो/वीडियो लेना या शेयर करना | 3 साल जेल और जुर्माना |
| 67 | अश्लील सामग्री डालना/शेयर करना (AI से बनी हुई भी शामिल) | 3–5 साल जेल और जुर्माना |
| 67A | यौन वीडियो फैलाना (डिजिटल/एडिट किया हुआ भी अपराध) | 5–7 साल जेल और जुर्माना |
| 67B | नाबालिग की फोटो/वीडियो का गलत उपयोग | कम से कम 5 साल जेल |
भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023
| धारा | किस मामले में लागू होती है? | सज़ा |
| 77 | बिना सहमति महिला की फोटो/वीडियो लेना या फैलाना | 3–7 साल जेल और जुर्माना |
| 78 | बार-बार ऑनलाइन परेशान करना या पीछा करना | 3 साल जेल और जुर्माना |
| 79 | महिला की इज्जत/मर्यादा को ठेस पहुँचाना | 3 साल जेल और जुर्माना |
| 356 | मानहानि—झूठे या गलत कंटेंट से बदनामी | 2 साल जेल और जुर्माना |
| 294 | अश्लील कंटेंट बनाना, रखना या फैलाना | 2 साल जेल और जुर्माना |
पोक्सो एक्ट 2012 (अगर पीड़ित नाबालिग हो)
अगर पीड़ित 18 साल से कम है, तो डिजिटल रूप से बनाया गया कंटेंट भी बहुत गंभीर अपराध है। इसमें सख्त और लंबी सज़ाएँ दी जाती हैं।
पीड़ित के रूप में आपके अधिकार
अगर किसी ने आपके बारे में AI से बनाया गया अश्लील या गलत कंटेंट फैलाया है, तो आपके पास कई मजबूत कानूनी अधिकार होते हैं। आप इनका इस्तेमाल तुरंत कर सकते हैं:
- ग़लत कंटेंट हटवाने का अधिकार
- पुलिस या साइबर सेल में शिकायत करने का अधिकार
- पहचान गुप्त रखने का अधिकार
- तुरंत सुरक्षा पाने का अधिकार
- अपराधी के खिलाफ कड़े कदम उठवाने का अधिकार
- मानसिक और सामाजिक नुकसान की भरपाई पाने का अधिकार
- हैरान करने या परेशान करने वालों को ब्लॉक करने का अधिकार
- IT रूल्स 2021 के तहत कंटेंट हटवाने का अधिकार
तुरंत क्या करें? आसान स्टेप-बाय-स्टेप मार्गदर्शन
AI से बना अश्लील या फेक कंटेंट देखने में बहुत डरावना लगता है, लेकिन घबराने की ज़रूरत नहीं है। ऐसे मामले आजकल आम हो गए हैं और कानून आपकी पूरी मदद करता है। बस नीचे दिए गए स्टेप्स को धीरे-धीरे फॉलो करें।
स्टेप 1: घबराएँ नहीं – शांत रहें
सबसे ज़रूरी है कि आप खुद को संभालें। ऐसे कई मामले रोज़ आते हैं और हर पीड़ित को कानून से पूरा सहारा मिलता है।
स्टेप 2: सबूत संभालकर रखें
कुछ भी डिलीट न करें। जितना सबूत होगा, आपका केस उतना मज़बूत होगा। ये सब सेव करें:
- स्क्रीनशॉट
- लिंक
- चैट मैसेज
- प्रोफाइल का नाम/यूज़रनेम
- वीडियो/फोटो का URL
- तारीख और समय
- धमकी या ब्लैकमेल के मैसेज
स्टेप 3: जिस ऐप पर कंटेंट है, वहीँ शिकायत करें
हर सोशल मीडिया ऐप में रिपोर्ट करने का तरीका होता है। रिपोर्ट करते ही कंटेंट जल्दी हटाया जाता है।
- इंस्टाग्राम पर: Report → अश्लील/नग्नता → किसी और की तस्वीर का गलत प्रयोग → सबमिट
- व्हाट्सएप पर: Contact रिपोर्ट करें → ब्लॉक
- फेसबुक पर: Report → निजी/बिना अनुमति वाला कंटेंट
- टेलीग्राम पर: ग्रुप/चैनल → मैसेज रिपोर्ट करें प्लेटफ़ॉर्म IT रूल्स 2021 के अनुसार, ऐसे कंटेंट को हटाने के लिए बाध्य हैं।
स्टेप 4: साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत करें
- वेबसाइट: cybercrime.gov.in
- यहाँ जाएँ → “महिला/बच्चों से जुड़े अपराध” फॉर्म में सबूत अपलोड करें → सबमिट करें
- आप चाहें तो कुछ शिकायतें गुमनाम रूप से भी कर सकते हैं।
स्टेप 5: साइबर पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज करें
आप FIR ऐसे करा सकते हैं:
- ऑनलाइन
- ऑफलाइन
- नज़दीकी पुलिस स्टेशन
- साइबर सेल
ध्यान रखें: एक्ट और भारतीय न्याय संहिता वाले मामलों में पुलिस FIR दर्ज करने के लिए बाध्य होती है।
स्टेप 6: कानूनी नोटिस भेजें (वैकल्पिक लेकिन लाभदायक)
वकील की ओर से भेजा गया नोटिस:
- आरोपी को
- कंटेंट फैलाने वालों को
- सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म को
कंटेंट फैलना रोकने में बहुत मदद करता है और केस और भी मज़बूत बनाता है।
अगर कोई आपको ब्लैकमेल कर रहा है तो क्या करें?
अगर कोई व्यक्ति आपके नाम पर AI से बना अश्लील कंटेंट, आपकी फोटो, वीडियो या कोई निजी जानकारी दिखाकर आपसे पैसे मांग रहा है या धमकी दे रहा है, तो यह सीधा-सीधा आपराधिक अपराध है। भारत का कानून ऐसी हरकत को बहुत गंभीरता से लेता है।
- भारतीय न्याय संहिता की धारा 308 – एक्सटॉरशन अगर कोई धमकी देकर आपसे पैसे, सामान, या कोई काम करवाना चाहता है, तो यह उगाही का अपराध है। ऐसा करने पर सात साल तक की सजा हो सकती है।
- भारतीय न्याय संहिता की धारा 351 – आपराधिक धमकी अगर कोई आपको डराता, धमकाता, या बदनाम करने की बात करता है, यह अपराध है और एक्शन लिया जाता है। ऐसा करने पर दो से सात साल तक की सजा हो सकती है।
ब्लैकमेल होने पर तुरंत क्या करें?
- पैसे बिल्कुल न दें – देने से वह बार-बार धमकी देगा।
- सबूत बचाएँ – स्क्रीनशॉट, नंबर, मैसेज, प्रोफाइल लिंक, कॉल रिकॉर्डिंग।
- तुरंत शिकायत करें – cybercrime.gov.in, साइबर पुलिस या नज़दीकी थाना।
- ब्लैकमेलर को ब्लॉक करें – दोबारा बात न करें।
- सोशल मीडिया पर रिपोर्ट करें – उसका अकाउंट रिपोर्ट करके हटवाएँ।
- कानूनी नोटिस (वैकल्पिक) – वकील के नोटिस से दबाव बढ़ता है।
महिलाओं और नाबालिगों के विशेष अधिकार: महिलाओं और नाबालिगों को ऐसे मामलों में ज़्यादा सुरक्षा दी जाती है। उनकी पहचान किसी को नहीं बताई जाती। पुलिस FIR लिखने से मना नहीं कर सकती। दोषी को कड़ी सज़ा मिलती है। अश्लील सामग्री तुरंत हटवाई जाती है। कई मामलों में अदालत प्रक्रिया भी जल्दी चलती है ताकि पीड़ित को जल्दी न्याय मिल सके।
भविष्य में खुद को कैसे सुरक्षित रखें
- अपनी तस्वीरें सबके लिए खुली न रखें: सोशल मीडिया पर खाते को निजी रखें और अपनी स्टोरी या फ़ोटो सिर्फ भरोसेमंद लोगों को दिखाएँ।
- किसी को भी संवेदनशील फोटो/वीडियो न भेजें: एक बार भेज देने के बाद वह आगे शेयर या गलत तरीके से इस्तेमाल हो सकता है।
- दो-स्तरीय सुरक्षा हमेशा चालू रखें: इससे आपका खाता हैक होने से बचता है।
- मजबूत पासवर्ड रखें: जन्मतिथि, नाम या आसान शब्दों का पासवर्ड न रखें।
- नकली प्रोफ़ाइल पर नज़र रखें: अगर कोई आपकी फोटो या नाम से नकली खाता बनाए तो तुरंत रिपोर्ट करें।
निष्कर्ष
AI ने दुनिया बदल दी है, लेकिन इससे आपकी इज़्ज़त, प्राइवेसी और सुरक्षा कम नहीं होती। अगर किसी ने AI की मदद से आपका अश्लील नकली कंटेंट बना कर वायरल कर दिया है, तो घबराएँ नहीं—यह आपका नियंत्रण खत्म नहीं करता। आपके पास कानून, सबूत, सरकारी सहायता, और सोशल मीडिया रिपोर्टिंग टूल्स – सब मौजूद हैं।
एक बात समझिए: AI नकली वीडियो बना सकता है, लेकिन आपके अधिकार बिल्कुल असली हैं। नुकसान अचानक होता है, लेकिन आपकी कार्रवाई मज़बूत और असरदार हो सकती है।
जैसे ही आप पहला कदम उठाते हैं – कंटेंट रिपोर्ट करना, पुलिस में शिकायत देना, या किसी वकील से मदद लेना – आप पीड़ित नहीं रहते, बल्कि अपनी इज़्ज़त और आत्मविश्वास वापस लेने वाले व्यक्ति बन जाते हैं।
आपको चुप रहने की ज़रूरत नहीं है। आपको डर के साथ समझौता करने की भी ज़रूरत नहीं है। कानून पूरी तरह आपके पक्ष में खड़ा है।
सही समय पर की गई कार्रवाई से आप कंटेंट रुकवा सकते हैं, आरोपी को सज़ा दिलवा सकते हैं और अपनी शांति वापस पा सकते हैं।
हमेशा याद रखें: AI ने जो नकली बनाया है, वह फर्जी है—लेकिन कानून का सहारा आपके लिए 100% असली है। और सबसे जरूरी – इस लड़ाई में आप कभी अकेले नहीं हैं।
किसी भी कानूनी सहायता के लिए लीड इंडिया से संपर्क करें। हमारे पास लीगल एक्सपर्ट की पूरी टीम है, जो आपकी हर संभव सहायता करेगी।
FAQs
1. अगर किसी ने मेरा एआई से अश्लील कंटेंट बना दिया तो क्या करूँ?
सबसे पहले स्क्रीनशॉट रखें, तुरंत साइबर शिकायत दर्ज करें और नज़दीकी पुलिस से मदद लें। क़ानून आपकी पूरी तरह रक्षा करता है।
2. क्या एआई से बना अश्लील कंटेंट क़ानूनन अपराध है?
हाँ, ऐसा कंटेंट बनाना या फैलाना आईटी कानून और आईपीसी के तहत सख़्त अपराध माना जाता है।
3. सोशल मीडिया से ऐसा कंटेंट कैसे हटाएँ?
प्लेटफ़ॉर्म पर शिकायत करें, “हटाने का निवेदन” भेजें और सबूत के साथ साइबर शिकायत दर्ज करें। ज़्यादातर प्लेटफ़ॉर्म जल्दी हटाते हैं।
4. क्या मुझे मानसिक परेशानी के लिए मुआवज़ा मिल सकता है?
हाँ, अदालत भावनात्मक चोट, अपमान और बदनामी के लिए मुआवज़ा दे सकती है, यह मामले की गंभीरता पर निर्भर करता है।
5. भविष्य में एआई के दुरुपयोग से खुद को कैसे बचाएँ?
सोशल मीडिया पर गोपनीयता सेटिंग मज़बूत रखें, निजी फ़ोटो सार्वजनिक न डालें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि का सबूत संभालकर रखें। क़ानूनी मदद हमेशा उपलब्ध है।



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