मानहानि का केस करने की पूरी प्रक्रिया: सिविल और क्रिमिनल दोनों तरीके से?

Complete procedure for filing a defamation case both civil and criminal

मानहानि का अर्थ है – किसी व्यक्ति की प्रतिष्ठा को जानबूझकर सार्वजनिक रूप से नुकसान पहुँचाना। अगर कोई व्यक्ति लिखित, मौखिक या डिजिटल माध्यम से किसी के बारे में अपमानजनक बात कहता है जिससे उसकी समाज में छवि खराब होती है, तो वह मानहानि है। सामाजिक दृष्टिकोण से: समाज में प्रतिष्ठा एक अमूल्य संपत्ति है। …

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अगर पति खर्चा नहीं देता है तो क्या पत्नी कोर्ट में केस कर सकती है?

If husband does not pay maintenance, can wife file a case in court

भारतीय समाज में विवाह एक पवित्र संस्था मानी जाती है, लेकिन यह केवल सामाजिक अनुबंध नहीं, बल्कि एक कानूनी जिम्मेदारी भी है। पति का यह कर्तव्य है कि वह अपनी पत्नी का भरण-पोषण करे, चाहे वे साथ रह रहे हों या अलग। अगर कोई पति अपनी पत्नी को आर्थिक रूप से बेसहारा छोड़ देता है, …

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कंपनी को कितने प्रकार से रजिस्टर कराया जा सकता है?

कंपनी का कितने प्रकार से रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है?

एक कंपनी के पंजीकरण या रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया कंपनी के प्रकार (type) पर निर्भर करती है। कंपनियां कई प्रकार की होती ही जैसे एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी, वन पर्सन कंपनी, लिमिटेड कंपनी आदि। कंपनी एक्ट 2013 के तहत, प्रमोटरों की गतिविधि (activity) और जरूरतों के आधार पर अलग-अलग प्रकार के कंपनी रजिस्ट्रेशन का चयन किया …

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डूबे हुए पैसों को प्राप्त करने की कानूनी प्रक्रिया क्या है?

डूबे हुए पैसों को प्राप्त करने की कानूनी प्रक्रिया क्या है?

इंसानी तौर पर एक दूसरे की मदद करना हमारी आदत होती है। हम अपने दोस्तों की या परिजन की मदद या तो लेते हैं या करते हैं। कई बार यह मदद पैसों की होती हैं। यानि आप अपने किसी परिजन को पैसे उधार देते हैं। मगर हर बार आपके उधार दिए हुए पैसे वापस मिलें …

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क्या एक दिन में कोर्ट मैरिज संभव है? जानिए पूरी कानूनी प्रक्रिया

Is court marriage possible in one day Know the complete legal process

एक ही दिन में कैसे कोर्ट मैरिज हो सकती है? भारत में कोर्ट मैरिज 3 प्रमुख कानूनों के तहत की जाती है: इनमें से केवल हिन्दू विवाह अधिनियम के तहत 1-2 दिन में विवाह पंजीकरण संभव है, जबकि विशेष विवाह अधिनियम में 30 दिन का नोटिस पीरियड अनिवार्य होता है। हिन्दू विवाह अधिनियम के तहत …

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शादी का रजिस्ट्रेशन कैसे कराएं?

शादी का रजिस्ट्रेशन कैसे कराएं?

शादी का प्रमाण पत्र या मैरिज सर्टिफिकेट एक आधिकारिक दस्तावेज होता है जो आपके धर्म के अनुसार लगने वाले एक्ट के तहत दो लोगों की शादी को प्रमाणित करता है। शादी के रजिस्ट्रेशन के लिए विवाह पंजीयक/ मैरिज रजिस्ट्रार द्वारा एक प्रमाण पत्र जारी किया जाता है। निम्नलिखित लेख में हम शादी के रजिस्ट्रेशन की …

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भारत में महिलाओं के पास क्या-क्या अधिकार है?

भारत में महिलाओं के पास क्या-क्या अधिकार है?

भारत का संविधान हर व्यक्ति को चाहे वह स्त्री हो या पुरुष एक ही नज़र से देखता है। भारत के संविधान में सभी एक बराबर हैं। मगर समाज ने जिस तरह से महिलाओं के प्रति हीन भावना रखी है उस ने एक लंबे वक्त तक महिलाओ को असहज रखा हुआ है। इसी असहजता से उबारने …

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आपसी सहमति से तलाक कैसे लिया जाता है?

How to get a divorce by mutual consent

विवाह केवल सामाजिक और धार्मिक बंधन ही नहीं बल्कि एक कानूनी अनुबंध भी है। जैसे विवाह के लिए दोनों पक्षों की सहमति आवश्यक होती है, वैसे ही यदि वैवाहिक जीवन में मतभेद इतने गहरे हो जाएं कि दोनों पक्ष एक-दूसरे के साथ रहने को तैयार न हों, तो कानून ने उन्हें आपसी सहमति से वैवाहिक …

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शादी के रजिस्ट्रेशन के लिए जरूरी दस्तावेज

Documents required for marriage registration

शादी का रजिस्ट्रेशन क्यों जरूरी है? शादी सिर्फ एक सामाजिक बंधन नहीं, बल्कि एक कानूनी अनुबंध भी है। शादी के रजिस्ट्रेशन से दंपति को एक आधिकारिक पहचान मिलती है, जो भविष्य में संपत्ति विवाद, वीज़ा प्रक्रिया, नाम बदलने, और तलाक जैसी कानूनी प्रक्रियाओं में उपयोगी होती है। भारत में शादी का रजिस्ट्रेशन मुख्यतः दो कानूनों …

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दिल्ली में कोर्ट मैरिज की पूरी प्रक्रिया क्या है?

दिल्ली में कोर्ट मैरिज की पूरी प्रक्रिया

भारत में होने वाली कोर्ट मैरिज स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 के तहत वैध करार दे दी जा चुकी हैं। इसका सीधा सा मतलब ये हुआ कि हिंदुस्तान में रह रहे किसी धर्म,जाति संस्कृति का व्यक्ति किसी भी व्यक्ति से विवाह कर सकता है।  दिल्ली में कोर्ट मैरिज की पूरी प्रक्रिया भी इसी स्पेशल मैरिज एक्ट …

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