एकतरफा तलाक कैसे लें – जब जीवनसाथी साथ छोड़ने को तैयार न हो

How to get a one-sided divorce – when your spouse is not ready to leave you

भारत में विवाह को एक पवित्र बंधन माना जाता है। लेकिन जब यह बंधन तनाव, पीड़ा और अपमान में बदल जाए, तब अलग होना ही सही रास्ता बन सकता है। अक्सर पति-पत्नी दोनों तलाक के लिए राज़ी नहीं होते – ऐसे में एकतरफा तलाक (One-Sided Divorce) ही आख़िरी कानूनी सहारा बनता है।

इस ब्लॉग में आप जानेंगे:

  • एकतरफा तलाक की वैध कानूनी स्थिति
  • किन आधारों पर यह लिया जा सकता है
  • कैसे और कहाँ अर्जी दाखिल करें
  • और किन सावधानियों का रखें ध्यान

एकतरफा तलाक क्या है?

जब केवल पति या पत्नी में से कोई एक तलाक चाहता है और दूसरा तैयार नहीं होता, तब एकतरफा तलाक की अर्जी दी जाती है।

यह अर्जी कोर्ट में एकतरफा कारणों (unilateral grounds) के आधार पर दाखिल की जाती है। अदालत इन कारणों की वैधता पर विचार करती है और फिर फैसला देती है।

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एकतरफा तलाक के वैध कानूनी आधार

विवाहेतर संबंध (Adultery)

यदि पति या पत्नी विवाह के बाहर किसी अन्य व्यक्ति से शारीरिक या भावनात्मक संबंध रखता है, तो यह तलाक का पुख्ता आधार बनता है।

भारतीय दंड संहिता की धारा 497 के तहत इसे  गंभीर उल्लंघन माना जाता था, लेकिन अब इसे ख़ारिज कर दिया है। 

धर्म परिवर्तन

यदि जीवनसाथी आपकी जानकारी या सहमति के बिना अपना धर्म बदल ले, तो यह वैवाहिक विश्वास का उल्लंघन माना जाता है।

हिंदू मैरिज एक्ट की धारा 13(1) (ii) के तहत यह आधार मान्य है।

लाइलाज संक्रामक रोग

अगर जीवनसाथी को ऐसी बीमारी है जो गंभीर, संक्रामक और लाइलाज हो, तो इससे दूसरे साथी की सुरक्षा खतरे में होती है।

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कोर्ट मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर तलाक की अनुमति दे सकती है।

सन्यास या समाज-त्याग

अगर कोई साथी धार्मिक जीवन अपनाकर समाज और सांसारिक कर्तव्यों से मुंह मोड़ लेता है (जैसे संन्यासी बन जाना), तो यह वैवाहिक जीवन के विपरीत है।

हिंदू मैरिज एक्ट की धारा 13(1)(vi) इसे तलाक का आधार मानती है।

त्याग या डेसेर्शन  (2 साल से ज़्यादा)

यदि पति या पत्नी बिना कोई वैध कारण दिए 2 साल से अधिक समय तक साथ छोड़कर चला जाए, तो यह तलाक का कानूनी आधार है।

इसे साबित करने के लिए गवाह, कॉल रिकॉर्ड्स, पता न होने की रिपोर्ट आदि काम आते हैं।

एकतरफा तलाक की प्रक्रिया – कैसे करें अर्जी?

चरण 1: किसी योग्य मैट्रिमोनियल वकील से सलाह लें

तलाक विशेषज्ञ वकील आपके केस की परिस्थितियों के अनुसार आपको सही सलाह और ड्राफ्ट तैयार करने में मदद करेगा।

चरण 2: तलाक की याचिका तैयार कराएं

तलाक की याचिका में निम्न बिंदु ज़रूरी होते हैं:

  • विवाह की तारीख व प्रमाण
  • साथ रहने का विवरण
  • विवाद या आधार की स्पष्ट जानकारी
  • पिछले प्रयासों का विवरण (अगर सेपरेशन की कोशिश की हो)

चरण 3: अर्जी कोर्ट में दाखिल करें

  • याचिका जिला परिवार न्यायालय (Family Court) में दाखिल होती है
  • कोर्ट नोटिस जारी करता है दूसरे पक्ष को
  • जवाब, दलीलें, सबूत और गवाहों के आधार पर केस चलता है

चरण 4: सुनवाई और फैसला

  • कोर्ट दोनों पक्षों की बात सुनकर तय करता है कि तलाक दिया जाए या नहीं
  • यदि कारण वैध हैं, तो एकतरफा तलाक की डिक्री मिल जाती है

एकतरफा तलाक में आने वाली सामान्य चुनौतियाँ

  • दूसरे पक्ष की ओर से विरोध या झूठे आरोप
  • सबूतों की कमी (जैसे विवाहेतर संबंध या डेसेर्शन  का प्रमाण)
  • मेंटेनेन्स या गुज़ारा भत्ता का विवाद
  • बच्चों की कस्टडी को लेकर विवाद
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इन सभी चुनौतियों के लिए कानूनी रणनीति और सही वकील का साथ बहुत जरूरी है।

निष्कर्ष

एकतरफा तलाक एक भावनात्मक और कानूनी रूप से कठिन निर्णय होता है। लेकिन यदि आपका वैवाहिक जीवन तनाव, अपमान या मानसिक पीड़ा से भरा है, तो अदालत का सहारा लेना ही न्यायपूर्ण रास्ता है।

याद रखें, कानून आपको सम्मान और स्वतंत्रता से जीने का अधिकार देता है।

अगर आप एकतरफा तलाक से जुड़ी किसी भी समस्या से जूझ रहे हैं, तो लीड इंडिया के अनुभवी तलाक वकीलों से जुड़ें। हम आपकी परिस्थिति के अनुसार उचित कानूनी सलाह और मजबूत केस ड्राफ्टिंग में मदद करते हैं।

FAQs

1. एकतरफा तलाक क्या होता है?

जब सिर्फ एक साथी तलाक चाहता है और दूसरा मना करता है, तो उसे एकतरफा तलाक कहते हैं।

2. क्या मैं धर्म परिवर्तन के आधार पर तलाक ले सकता/सकती हूँ?

हाँ, अगर जीवनसाथी ने बिना सहमति धर्म बदला है, तो यह वैध आधार है।

3. कितने समय बाद डेसेर्शन  के आधार पर तलाक हो सकता है?

अगर जीवनसाथी 2 साल से अधिक समय तक छोड़कर चला गया है।

4. क्या कोर्ट जबरन तलाक दे सकती है?

अगर आपके आधार वैध और साबित हों, तो कोर्ट एकतरफा तलाक की अनुमति दे सकती है।

5. एकतरफा तलाक की प्रक्रिया कितने समय में पूरी होती है?

सामान्यतः 6 महीने से 2 साल का समय लग सकता है, केस की जटिलता पर निर्भर करता है।

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