इंटरनेट और डिजिटल टेक्नोलॉजी के बढ़ते उपयोग के साथ साइबर अपराधों में भी जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। साइबर क्राइम ऐसे अपराध होते हैं जो कंप्यूटर, मोबाइल, नेटवर्क या अन्य डिजिटल माध्यमों से किए जाते हैं। भारत में साइबर क्राइम सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 और भारतीय दंड संहिता के तहत दंडनीय हैं। इस लेख में हम आपको बताएंगे भारत में होने वाले टॉप 5 साइबर अपराध कौन से हैं, वे कैसे होते हैं और आप उनसे कैसे बच सकते हैं।
इलेक्ट्रॉनिक हैकिंग (Electronic Hacking)
क्या है ये अपराध?
इलेक्ट्रॉनिक हैकिंग का मतलब होता है किसी व्यक्ति या संस्था के कंप्यूटर सिस्टम, सर्वर या नेटवर्क में उसकी अनुमति के बिना घुसपैठ करना।
कानूनी स्थिति:
- यह अपराध IT Act की धारा 66 और BNS की धारा 303, 314 के तहत आता है।
- बिना अनुमति सिस्टम एक्सेस करना दंडनीय अपराध है।
उदाहरण: किसी कंपनी के सर्वर से डाटा चोरी करना या किसी व्यक्ति का ईमेल हैक करना।
बचाव के उपाय:
- मजबूत पासवर्ड और टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल करें।
- अविश्वसनीय लिंक या सॉफ्टवेयर से बचें।
फिशिंग (Phishing)
क्या होता है फिशिंग?
फिशिंग एक ऐसा हमला है जिसमें अपराधी नकली वेबसाइट, ईमेल या मैसेज के जरिए किसी व्यक्ति से उसकी निजी जानकारी चुराने का प्रयास करते हैं।
लक्ष्य:
- बैंक डिटेल्स
- ATM या OTP
- क्रेडिट कार्ड नंबर
- आधार या पैन जैसी संवेदनशील जानकारी
उदाहरण: “आपका KYC अपडेट नहीं है” जैसे मैसेज भेजकर बैंक की नकली वेबसाइट पर जानकारी भरवाना।
कानूनी प्रावधान:
- IT Act की धारा 66C और 66D
- BNS की धारा 318 (धोखाधड़ी)
कैसे बचें:
- केवल आधिकारिक वेबसाइटों का ही उपयोग करें।
- संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें।
बोटनेट हमला (Botnet Attacks)
बोटनेट क्या होता है?
बोटनेट का मतलब होता है वायरस या मैलवेयर के ज़रिए कई कंप्यूटरों को एक साथ नियंत्रित करना। अपराधी इन कंप्यूटरों का इस्तेमाल बैंक अकाउंट हैक करने या DDoS अटैक करने के लिए करते हैं।
कैसे होता है अपराध?
- कंप्यूटर में वायरस डालकर उसे ‘बॉट’ बना दिया जाता है।
- फिर इस नेटवर्क का उपयोग बड़े पैमाने पर साइबर अटैक के लिए किया जाता है।
कानूनी स्थिति:
- IT Act की धारा 43 और 66
- BNS की धोखाधड़ी व आपराधिक साजिश की धाराएं
सावधानी:
- एंटीवायरस अपडेट रखें
- अनजान सॉफ्टवेयर डाउनलोड न करें
साइबर आतंकवाद (Cyber Terrorism)
क्या है साइबर आतंकवाद?
जब इंटरनेट का इस्तेमाल देश की सुरक्षा को खतरे में डालने, संवेदनशील डाटा चुराने, या सरकारी प्रणाली को बाधित करने के लिए किया जाता है, तो उसे साइबर आतंकवाद कहा जाता है।
टारगेट:
- मिलिट्री वेबसाइट
- खुफिया डेटा
- पावर ग्रिड या संचार नेटवर्क
कानूनी प्रावधान:
- IT Act की धारा 66F
- यूएपीए (Unlawful Activities Prevention Act) के तहत भी कार्रवाई होती है।
प्रमुख उदाहरण:
- सरकारी वेबसाइट हैक करना
- देशविरोधी कंटेंट फैलाना
साइबर स्टॉकिंग (Cyberstalking)
क्या होता है साइबर स्टॉकिंग?
साइबर स्टॉकिंग का मतलब है किसी व्यक्ति को बार-बार ऑनलाइन मैसेज, ईमेल, या धमकी देकर मानसिक उत्पीड़न करना। यह अपराध महिलाओं और किशोरों के खिलाफ अधिक देखा जाता है।
कानूनी प्रावधान:
- BNS की धारा 78
- IT Act की धारा 66A (हालांकि यह धारा अब struck down हो चुकी है, लेकिन IPC धाराएं लागू हैं)
भारत का पहला केस: साल 2001 में मनीष कथरिया नामक युवक को अश्लील फोटो वेबसाइट पर डालने के अपराध में गिरफ्तार किया गया था।
बचाव के उपाय:
- सोशल मीडिया सेटिंग्स को प्राइवेट रखें
- बार-बार मैसेज मिलने पर पुलिस या साइबर सेल में शिकायत करें
निष्कर्ष
साइबर क्राइम के प्रकार भले ही अलग-अलग हों, लेकिन इनका मकसद एक ही होता है आपकी निजी जानकारी या संपत्ति को नुकसान पहुँचाना। भारत में डिजिटल उपयोग के बढ़ते चलन के साथ अब ज़रूरी हो गया है कि आम लोग इन साइबर अपराधों के प्रकार, उनके कानूनी प्रावधान, और उनसे बचाव के उपायों को समझें।
किसी भी कानूनी सहायता के लिए लीड इंडिया से संपर्क करें। हमारे पास लीगल एक्सपर्ट की पूरी टीम है, जो आपकी हर संभव सहायता करेगी।
FAQs
1. भारत में सबसे ज्यादा कौन से साइबर क्राइम होते हैं?
भारत में सबसे ज्यादा फिशिंग, हैकिंग, साइबर स्टॉकिंग, बोटनेट और साइबर आतंकवाद के मामले दर्ज होते हैं।
2. अगर मेरा सोशल मीडिया अकाउंट हैक हो जाए तो क्या करें?
तुरंत पासवर्ड बदलें, संबंधित प्लेटफॉर्म को रिपोर्ट करें और साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराएं।
3. क्या फिशिंग एक साइबर अपराध है?
हाँ, यह IT Act की धारा 66C और 66D के तहत अपराध माना गया है।
4. साइबर स्टॉकिंग के खिलाफ किस धारा में केस किया जा सकता है?
BNS की धारा 78 के तहत आप साइबर स्टॉकिंग की शिकायत कर सकते हैं।
5. क्या बोटनेट अटैक से बैंक अकाउंट भी हैक हो सकता है?
हाँ, यदि आपका सिस्टम संक्रमित हो जाए तो बोटनेट से जुड़ा अपराधी आपके बैंक डिटेल्स तक पहुंच सकता है।



एडवोकेट से पूछे सवाल