क्या रेंट एग्रीमेंट बनाने के लिए वकील की आवश्यकता होती है?

क्या रेंट एग्रीमेंट बनाने के लिए वकील की आवश्यकता होती है?

रेंट एग्रीमेंट किराए पर रहने वाले किराएदार और मकान मालिक के बीच एक कानूनी समझौता होता है। इसके अंतर्गत मकान से संबंधित कुछ निर्देश और कुछ मुख्य बिंदुओं का जिक्र होता है, जैसे की मकान का कितना किराया देना है और किस तारीख के बीच में किराया देना है, किराएदार को मकान में कितने लोगों को रखने की स्वतंत्रता है आदि। भविष्य में किराएदार और मकान मालिक के बीच कोई और विवाद न उत्पन्न हो इसके भी निर्देश इस एग्रीमेंट में लिखे होते हैं। इस एग्रीमेंट पर मकान मालिक किराएदार और गवाह के हस्ताक्षर होते हैं। आज अपने इस ब्लॉग पोस्ट में हम रेंट एग्रीमेंट से संबंधित और ढेर सारी जानकारी के बारे में बात करेंगे और जानेंगे कि क्या रेंट एग्रीमेंट बनाने के लिए हमें वकील की जरूरत होती है?

क्या आप को कानूनी सलाह की जरूरत है ?

रेंट एग्रीमेंट क्या होता है? 

जैसा कि शुरुआत में ही बताया रेंट एग्रीमेंट किराएदार और मकान मालिक के बीच कानूनी समझौता होता है। जिसमें घर के रखरखाव से लेकर उसे कब खाली करना है कब किराएदार को पैसा भरना है, कितना किराया तय हुआ आदि आदि सभी जानकारियां लिखी होती है। मकान मालिक और किराएदार के हस्ताक्षर होते हैं जिससे कि कोई भी व्यक्ति बाद में अपनी बात से मुकर ना सके।

रेंट एग्रीमेंट का मुख्य उद्देश्य भविष्य में किराएदार और मकान मालिकों के बीच होने वाले कानूनी टकराव की स्थिति को रोकना है। कई बार ऐसा भी देखा गया है कि मकान मालिक अपने मन से किराए की वृद्धि कर देता है, कई बार किराएदार मकान मालिक के कहने  के बाद भी घर खाली करने से कतराता है, अथवा समय पर मकान मालिक को किराया प्राप्त नहीं होता है, तो इन सारी बातों को समाधान करने के लिए एक एग्रीमेंट तैयार कर लिया जाता है। जिसमें कानून के विधवत् दिशा निर्देशों को मकान मालिक और किराएदार दोनों को ही पालन करना आवश्यक होता है।

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रेंट एग्रीमेंट के लाभ क्या होते हैं?

रेंट एग्रीमेंट का मुख्य उद्देश्य ही भविष्य में होने वाली मकान मालिक और किरायेदारों के बीच टकराव से बचाना होता है। इसके अतिरिक्त प्रिंट एग्रीमेंट के और भी तमाम सारे लाभ होते हैं जैसे कि

  • यह कानूनी सबूत के तौर पर काम करता है।
  • यह मकान मालिक और किरायेदार दोनों के हितों की रक्षा करता है।
  • यह मालिक की संपत्ति को सुरक्षा प्रदान करता है , जिससे भविष्य में कोई किरायेदार उसकी प्रॉपर्टी पर अपना दावा ना ठोक सके।
  • यह किरायेदारों को मालिक की गैरकानूनी मांगों से भी बचाता है जैसे समय-समय पर किराया बढ़ाना अथवा तुरंत मकान खाली करने के आदेश देना।
  • रेंट एग्रीमेंट मकान मालिक को किरायेदार को दुर्व्यवहार या तय नियमों का पालन नहीं करने पर घर से निकालने में  मदद करता है।
  • यह सभी पक्षों को मुकदमे से बचाता है।
  • यह दूसरों को प्रॉपर्टी के मालिक के बारे में बताता है।
  • किराएदार के लिए टैक्स सेविंग करना आसान होता है।

रेंट एग्रीमेंट बनवाना एक कानूनी प्रक्रिया है। इसलिए इसे बनाने के लिए वकील की ज़रूरत होती है।  नोटरीकृत रेंट एग्रीमेंट में, वकील दोनों पक्षों की पहचान और दस्तावेज़ों की पुष्टि करता है।  इसके लिए, आपको किसी वकील के कार्यालय जाना होता है। इसमें स्टाम्प शुल्क नहीं लगता। सिर्फ़ 200-500 रुपये के बीच नोटरी शुल्क देना होता है। अतः रेंट एग्रीमेंट को रजिस्टर करने से कई फ़ायदे होते हैं। कानूनी रूप से भविष्य में अगर किसी तरह का कोई विवाद होता है, तो दोनों पक्षों को इस एग्रीमेंट से हितों की रक्षा होती है। 

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