कोर्ट मैरिज करने के लिए कौन-कौन से डॉक्यूमेंट चाहिए?

कोर्ट मैरिज करने के लिए कौन-कौन से डॉक्यूमेंट चाहिए?

कोर्ट मैरिज विवाह करने की एक प्रक्रिया होती है जिसे भारत के नियमों और कानूनों के माध्यम से संपन्न किया जाता है। कोर्ट मैरिज का प्रभाव और इसकी मान्यता पूरे देश भर में होती है देश के किसी भी कोने में कोर्ट मैरिज द्वारा जारी किए गए मैरिज सर्टिफिकेट को मान्यता दी जाती है तथा इसके आधार पर महिला और पुरुष दोनो के भविष्य के हितों की रक्षा भी की जाती है। 

इसलिए कोर्ट मैरिज करते समय अच्छी जांच और परख होती है और अच्छी जांच और परख के लिए विभिन्न प्रकार के डॉक्यूमेंट की आवश्यकता होती है इसलिए कोर्ट मैरिज करने के लिए कुछ डाक्यूमेंट्स अत्यंत अनिवार्य होते हैं। आज हम अपने इस आर्टिकल में इस विषय में बात करेंगे कि कोर्ट मैरिज करने के लिए कौन से डॉक्यूमेंट बहुत जरूरी होते हैं।

क्या आप को कानूनी सलाह की जरूरत है ?

एप्लीकेशन फॉर्म

यह कोर्ट मैरिज करने का पहला स्टेप होता है जिले के अधिकारी को अपना एप्लीकेशन देना। इसके माध्यम से आप विवाह के अधिकारी को अपनी कोर्ट मैरिज करने की इच्छा को जाहिर कर सकते हैं। इस फॉर्म के लिए कुछ शुल्क भी रखा जाता है वह भी अनिवार्य रूप से आपके पास होना चाहिए।  एप्लीकेशन पर स्पष्ट और साफ अक्षरों में अपना और अपने जीवनसाथी का डिटेल ब्योरा भरना होता है। इसके बाद विवाह के अधिकारी को यह पूरा एप्लीकेशन जमा करना होता है जिसके बाद ही कोर्ट मैरिज के आगे की कार्यवाही शुरू की जाती है।

पासपोर्ट साइज फोटो

ऐसे महिला और पुरुष जो कोर्ट मैरिज करना चाहते हैं, उनके पासपोर्ट साइज के चार फोटो होना पास अनिवार्य होता है। एप्लीकेशन फॉर्म भरते समय भी एक-एक फोटो लगता है तथा उसके साथ ही तीन और फोटो की जरूरत पड़ती है इसलिए कोर्ट मैरिज की प्रक्रिया में शामिल होने वाले युवक और व्यक्तियों को चार फोटो आवश्यक रूप से अपने साथ ले जाने चाहिए।

इसे भी पढ़ें:  कोर्ट मैरिज की पूरी प्रक्रिया क्या होती है?

पहचान प्रमाण पत्र

कपल की पहचान सुनिश्चित करने के लिए कोर्ट को कोर्ट मैरिज के इच्छुक जोड़े के पहचान पत्र की आवश्यकता होती है। इसमें आधार, कार्ड, वोटर कार्ड शामिल होता है। अगर पहचान पत्र उपलब्ध न हो तब पहचान पत्र की जगह पर ड्राइविंग लाइसेंस अथवा पासपोर्ट को भी मान्यता मिलती है । 

कोर्ट मैरिज की फीस

कोर्ट मैरिज करने के लिए हर राज्य में अलग-अलग फीस की व्यवस्था है अलग-अलग राज्य के कोर्ट निर्धारित नियमों के अनुसार चार्ज करते हैं वैसे यह फीस बहुत ज्यादा नहीं होती है ₹500 से लेकर ₹1000 के बीच आपको कोर्ट मैरिज का चार्ज देना होता है। लेकिन इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए लीगल एक्सपर्ट की अनिवार्यता होती है जिसे किसी एडवोकेट द्वारा कराया जाता है, इसके लिए वो अपनी फीस अलग से चार्ज कर सकते हैं।

मार्कशीट

कोर्ट मैरिज करने के लिए मार्कशीट का उपयोग बर्थ प्रूफ के ऑप्शन के रूप में किया जाता है|  इससे शादी के इच्छुक कपल की लीगल ऐज का सही सही पता चलता है। इसलिए कोर्ट मैरिज करते समय 10वीं की मार्कशीट को वरीयता दी जाती है।

शपथ पत्र

कोर्ट मैरिज करने से पूर्व शादी के इच्छुक कपल को एक शपथ पत्र जमा करना होता है जिसमें यह लिखा होता है कि इससे पूर्व दोनों में से किसी का विवाह नहीं हुआ है, यानि दोनों शादी के वक्त सिंगल हैं। लेकिन जीवन साथी की मृत्यु अथवा डिवोर्स के केस वाले कपल के लिए क्रमशः मृत्यु प्रमाण पत्र और डिवोर्स डिक्री जमा करना अनिवार्य होता है। इस केस में इस जानकारी के साथ शपथ पत्र विवाह अधिकारी के पास जमा कराया जाता है।

इसे भी पढ़ें:  क्या मुस्लिम कपल भी बच्चे गोद ले सकते है?

गवाह के डाक्यूमेंट

कोर्ट मैरिज करने के लिए गवाह की भी आवश्यकता होती है जिससे यह पता चल सके की शादी सही रूप से हुई है जिसे गवाहों ने देखा है और वो कोर्ट मैरिज करने वाले  इच्छुक कपल को जानते  है। साथ ही गवाह भी के भी पैन कार्ड और फोटो कोर्ट मैरिज करते वक्त विवाह अधिकारी के पास जमा किए जाते हैं।

कोर्ट मैरिज अथवा इससे संबंधित यदि आप कोई लीगल हेल्प चाहते हैं तो आज ही हमारी कंपनी लीड इंडिया से संपर्क करें हम आपकी हर संभव सहायता करेंगे।

Social Media