डाइवोर्स लिए बिना क्या दूसरी शादी कर सकते है?

Second marriage without divorce – is it a crime in India

भारत में विवाह एक पवित्र और कानूनी बंधन माना जाता है। यह केवल सामाजिक रस्म नहीं बल्कि एक कानूनी अनुबंध (Legal Contract) है, जिसे समाप्त किए बिना दूसरी शादी करना न केवल समाजिक रूप से गलत बल्कि भारतीय न्याय संहिता (BNS) के अनुसार अपराध भी है।

हिन्दू मैरिज एक्ट, 1955 के अनुसार दूसरी शादी

हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 5 और 11 के अनुसार:

  • विवाह तभी वैध माना जाता है जब दोनों पक्षों की पहली शादी कानूनी रूप से समाप्त हो चुकी हो।
  • बिना तलाक के दूसरी शादी Void (अमान्य) होती है।
  • इसके अतिरिक्त, यह BNS की धारा 82  के अंतर्गत दंडनीय अपराध है। 

सजा:

  • IPC Section 82  वैवाहिक स्थिति छिपाकर विवाह: 7 साल तक की सजा + जुर्माना
  • पति/पत्नी की जानकारी छिपाकर विवाह: 10 साल तक की सजा + जुर्माना

क्या आप को कानूनी सलाह की जरूरत है ?

सुप्रीम कोर्ट की राय प्रमुख केस

सरला मुद्गल बनाम यूनियन ऑफ़ इंडिया (1995)

धर्म परिवर्तन कर दूसरी शादी करना भी अपराध है, जब तक पहली शादी कानूनी रूप से समाप्त नहीं होती।

लिली थॉमस बनाम  यूनियन ऑफ़ इंडिया (2000)

एक समय में दो शादी रखने वाला व्यक्ति संसद सदस्यता से अयोग्य ठहराया जा सकता है।

मुस्लिम पर्सनल लॉ के अनुसार दूसरी शादी

मुस्लिम पुरुषों को चार शादियों की अनुमति है, लेकिन:

  • सभी पत्नियों के साथ न्याय करना अनिवार्य है।
  • मुस्लिम महिलाओं को पहले पति से तलाक लिए बिना दूसरी शादी करने की अनुमति नहीं है।

यदि पुरुष पहले से विवाह में है और दूसरी पत्नी को जानकारी नहीं है, तो यह धोखाधड़ी मानी जा सकती है और शरीयत के अनुसार भी गलत ठहराया जा सकता है।

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कब दूसरी शादी वैध मानी जाती है? (बिना तलाक के)

कुछ विशेष परिस्थितियाँ हैं जहाँ दूसरी शादी वैध मानी जाती है:

पति या पत्नी की मृत्यु

मृत्यु प्रमाण पत्र के आधार पर दूसरी शादी वैध होती है।

कोर्ट द्वारा विवाह को शून्य घोषित किया जाना

  • नाबालिग विवाह
  • मानसिक असंतुलन
  • रक्त संबंधियों में विवाह (Sapinda Violation)
  • बलपूर्वक विवाह

जीवनसाथी का 7 साल से अधिक लापता होना

  • भारतीय साक्ष्य अधिनियम के तहत 7 साल तक लापता व्यक्ति को मृत मानने की अनुमति मिल सकती है।
  • फैमिली कोर्ट की अनुमति से दूसरी शादी संभव है।

धर्म परिवर्तन

  • केवल धर्म बदलना (जैसे हिंदू से इस्लाम में) पहली शादी को स्वतः खत्म नहीं करता।
  • सरला मुद्गल केस में सुप्रीम कोर्ट ने इसे धोखाधड़ी करार दिया।

सरकारी कर्मचारियों के लिए नियम

  • सरकारी कर्मचारियों को दूसरी शादी से पहले विभागीय अनुमति लेनी होती है।
  • ऐसा न करने पर नौकरी से निलंबन, चार्जशीट या बर्खास्तगी संभव है।

बिना तलाक दूसरी शादी के दुष्परिणाम

  • BNS 82 के तहत आपराधिक मामला
  • दूसरी शादी Void घोषित हो सकती है
  • दूसरी पत्नी को वैवाहिक अधिकार (maintenance, conjugal rights) नहीं मिलते
  • संपत्ति विवाद उत्पन्न हो सकते हैं
  • पहली पत्नी को तलाक, घरेलू हिंसा, भरण-पोषण, और क्रूरता के तहत केस दर्ज करने का अधिकार होता है

 प्रमुख केस लॉ सारांश

केस का नाममुख्य निष्कर्ष
सरला मुद्गल बनाम  यूनियन ऑफ़ इंडिया  (1995)धर्म परिवर्तन कर दूसरी शादी अवैध
लिली थॉमस बनाम  यूनियन ऑफ़ इंडिया (2000)दूसरी शादी पर सांसद की सदस्यता रद्द हो सकती है
नरेंद्र बनाम के. मीना (2016)पत्नी का लगातार लापता रहना मानवीय दृष्टिकोण से तलाक का आधार हो सकता है
रेवणासिद्धप्पा बनाम मल्लिकार्जुन (2011)दूसरी शादी से जन्मे बच्चे संपत्ति के हकदार हो सकते हैं

निष्कर्ष

भारत में विवाह केवल सामाजिक रस्म नहीं बल्कि एक कानूनी संस्था है। बिना तलाक के दूसरी शादी करना आमतौर पर अवैध और दंडनीय है। चाहे वह धार्मिक विवाह हो या कोर्ट मैरिज – जब तक पहली शादी विधिवत रूप से समाप्त नहीं होती, दूसरी शादी करना अपराध है।

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अपवाद:

  • जीवनसाथी की मृत्यु
  • विवाह का अमान्य होना
  • 7 साल से अधिक लापता रहना
  • कोर्ट की अनुमति

सावधानी:

  • धोखाधड़ी से बचें
  • कानूनी दस्तावेज तैयार रखें
  • अनुभवी फैमिली लॉ वकील से सलाह अवश्य लें

किसी भी कानूनी सहायता के लिए लीड इंडिया से संपर्क करें। हमारे पास लीगल एक्सपर्ट की पूरी टीम है, जो आपकी हर संभव सहायता करेगी।

FAQs

1. क्या मुस्लिम महिला बिना तलाक के दूसरी शादी कर सकती है?

नहीं, मुस्लिम महिला को दूसरी शादी के लिए पहले पति से तलाक लेना अनिवार्य है।

2. क्या धर्म परिवर्तन कर दूसरी शादी की जा सकती है?

नहीं, जब तक पहली शादी खत्म न हो, केवल धर्म बदलना वैध विवाह की शर्तें नहीं बदलता।

3. क्या लिव-इन रिलेशनशिप को शादी माना जाएगा?

नहीं, परंतु यदि लंबे समय से साथ रह रहे हों और समाज ने स्वीकार किया हो, तो कुछ मामलों में इसे “वैवाहिक जैसी स्थिति” माना जा सकता है।

4. क्या बिना तलाक के दूसरी शादी करने पर जेल हो सकती है?

हाँ, IPC की धाराओं के तहत 7-10 साल तक की सजा और जुर्माना हो सकता है।

5. क्या कोर्ट से अनुमति लेकर दूसरी शादी की जा सकती है?

हाँ, यदि जीवनसाथी 7 साल से लापता हो या कोर्ट ने विवाह को शून्य घोषित कर दिया हो।

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