अगर BNSS 35(3) नोटिस मिले तो कानूनी तौर पर क्या कदम उठाने चाहिए?

What are the legal steps to take if I receive a BNSS 35(3) notice

अगर आपको BNSS 35(3)/CrPC 41A नोटिस दिया गया है, तो समझना जरूरी है कि यह गिरफ्तारी नहीं है, बल्कि पुलिस से जांच में सहयोग करने के लिए एक निमंत्रण है। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) के तहत, पुलिस जब किसी व्यक्ति को बिना गिरफ्तार किए पूछताछ करना चाहती है, तो BNSS 35(3) नोटिस जारी कर सकती है। इसका मतलब यह है कि पुलिस को आपके अपराध में शामिल होने का शक हो सकता है, लेकिन गिरफ्तारी की आवश्यकता नहीं है।

इस ब्लॉग में, हम यह जानेंगे कि BNSS 35(3) नोटिस क्या है, यह आपको कैसे प्रभावित करता है, और जब आपको यह नोटिस मिले, तो आपको क्या कदम उठाने चाहिए।

BNSS 35(3) नोटिस क्या है?

धारा 35(3) का कानूनी उद्देश्य: BNSS की धारा 35(3) का उद्देश्य गिरफ्तारी से बचने का एक वैध और कानूनी तरीका प्रदान करना है। यह धारा पुलिस को यह अधिकार देती है कि वह व्यक्ति को गिरफ्तारी से पहले एक नोटिस जारी करें, ताकि वह व्यक्ति थाने में पेश हो सके और पूछताछ का हिस्सा बन सके।

पुलिस को यह नोटिस कब और क्यों भेजना होता है? पुलिस को यह नोटिस तब भेजना होता है जब उसे लगता है कि आरोपी से पूछताछ के बाद ही मामले की गहराई से जांच की जा सकती है। इस नोटिस के जरिए पुलिस बिना गिरफ्तारी के आरोपी से पूछताछ कर सकती है और मामले की स्थिति को समझ सकती है।

गिरफ्तारी और पूछताछ में अंतर समझाना: गिरफ्तारी और पूछताछ में बड़ा अंतर होता है। गिरफ्तारी का मतलब है कि व्यक्ति को जेल भेजा जा सकता है, जबकि पूछताछ का मतलब केवल आरोपी से जानकारी ली जाती है। BNSS 35(3) नोटिस पूछताछ के लिए होता है, न कि गिरफ्तारी के लिए।

क्या आप को कानूनी सलाह की जरूरत है ?

किन मामलों में BNSS 35(3) का नोटिस दिया जाता है?

BNSS 35(3) नोटिस आमतौर पर विभिन्न प्रकार के मामलों में जारी किया जा सकता है, जैसे:

  • घरेलू हिंसा: अगर किसी महिला के खिलाफ हिंसा या अन्य प्रकार के अपराध का आरोप लगाया गया हो।
  • धोखाधड़ी: आर्थिक धोखाधड़ी या ठगी के मामलों में।
  • साइबर अपराध: अगर किसी व्यक्ति पर साइबर अपराध का आरोप है।
  • व्यापारिक विवाद: व्यापारिक गतिविधियों में धोखाधड़ी या अन्य कानूनी उल्लंघन के मामलों में।
  • झूठे मामलों में नोटिस दिए जाने की आशंका: कभी-कभी झूठे आरोपों के आधार पर भी यह नोटिस भेजा जा सकता है। ऐसे मामलों में सही कानूनी सलाह और कड़ी सतर्कता की आवश्यकता होती है।

BNSS 35(3) नोटिस क्यों जारी किया जाता है?

  • गिरफ्तारी से मुक्त अपराधों की जांच: अगर आप किसी ऐसे अपराध में शामिल होने के संदेह में हैं, जिसे गिरफ्तार किए बिना भी जांचा जा सकता है, तो पुलिस आपको पूछताछ के लिए नोटिस भेज सकती है।
  • स्पष्टीकरण के लिए बुलाना: पुलिस को लगता है कि आपके पास जांच से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी हो सकती है और वे आपकी मदद से जांच को आगे बढ़ाना चाहते हैं।
  • मनमानी गिरफ्तारी से बचाव: BNSS 35(3) नोटिस पुलिस को आपको बिना गिरफ्तार किए पूछताछ करने का मौका देता है, ताकि आपकी कानूनी अधिकारों का उल्लंघन न हो।
  • जांच के आधार पर जारी किया गया नोटिस: कभी-कभी पुलिस के पास गिरफ्तारी के लिए पर्याप्त सबूत नहीं होते, लेकिन वे जांच पूरी करने के लिए और जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं।
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अगर आपको BNSS 35(3) नोटिस मिलता है तो क्या करें?

नोटिस को ध्यान से पढ़ें:

  • BNSS 35(3) नोटिस को अच्छे से पढ़ें।
  • इसमें अपराध, जांच की जानकारी, और पुलिस के सामने कब और कहां पेश होना है, यह साफ-साफ लिखा होगा।
  • नोटिस में अन्य निर्देश भी हो सकते हैं, जिन्हें आपको पालन करना होगा।

कानूनी सलाह लें:

  • BNSS 35(3) नोटिस मिलने के बाद सबसे पहले एक आपराधिक वकील से संपर्क करें।
  • वकील आपको नोटिस का सही मतलब समझाएंगे, और आपको किस तरह प्रतिक्रिया करनी चाहिए, इसके बारे में मार्गदर्शन करेंगे।
  • वकील यह भी बताएंगे कि आपको पूछताछ के लिए जाना चाहिए या कोई कानूनी कदम उठाना चाहिए।

नोटिस का समय पर जवाब दें:

  • BNSS 35(3) नोटिस में एक निर्धारित समय सीमा होती है, जिसके भीतर आपको पुलिस के सामने उपस्थित होना होता है।
  • नोटिस को नजरअंदाज करने से गिरफ्तारी वारंट जारी हो सकता है, इसलिए निर्धारित समय पर पुलिस के सामने जाना जरूरी है।
  • अगर किसी कारणवश आप उपस्थित नहीं हो सकते, तो पुलिस से समय बदलने का अनुरोध करें या नया दिन तय करने की अनुमति लें।

जांच में सहयोग करें:

  • पुलिस के सामने पेश होने पर जांच में पूरी तरह से सहयोग करें।
  • आपको जानकारी देने, सवालों का जवाब देने या बयान देने के लिए कहा जा सकता है।
  • अगर आपको जरूरत लगे तो चुप रहने का अधिकार है और वकील से सलाह ले सकते हैं।
  • दबाव में आकर कोई जानकारी न दें।

अनावश्यक झगड़े से बचें:

  • पुलिस से बातचीत करते समय शांत रहें और किसी प्रकार के झगड़े से बचें।
  • अधिकारियों के साथ आदरपूर्वक पेश आएं, लेकिन अपने कानूनी अधिकारों की रक्षा करें।
  • यदि आपको लगता है कि आपके साथ अन्याय हो रहा है, तो तुरंत अपने वकील को सूचित करें।

अपने अधिकारों का ध्यान रखें:

  • BNSS की धारा 35(3) के तहत, आपको उन सवालों का जवाब देने की जरूरत नहीं है जो आपके खिलाफ सबूत बन सकते हैं।
  • आपके पास चुप रहने का अधिकार है, और जो कुछ भी आप कहेंगे, वह अदालत में आपके खिलाफ इस्तेमाल हो सकता है।
  • किसी भी बयान देने से पहले हमेशा अपने वकील से सलाह लें।
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BNSS 35(3) के तहत कानूनी अधिकार

  • वकील से सलाह लेने का अधिकार: आपको पुलिस से कोई बयान देने से पहले वकील से सलाह लेने का अधिकार है। अगर आपके पास वकील की फीस चुकाने के पैसे नहीं हैं, तो आप सरकार से कानूनी मदद मांग सकते हैं।
  • चुप रहने का अधिकार: आपको पुलिस पूछताछ के दौरान चुप रहने का अधिकार है। इसका मतलब यह है कि आपको ऐसे सवालों का जवाब देने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता जो आपके खिलाफ साक्ष्य बन सकते हैं।
  • मनमाने ढंग से गिरफ्तार नहीं किया जा सकता: अगर अपराध गंभीर नहीं है, और आपके भागने या सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने का खतरा नहीं है, तो सिर्फ BNSS 35(3) नोटिस के आधार पर आपको गिरफ्तार नहीं किया जा सकता।
  • साफ जानकारी मिलने का अधिकार: पुलिस को आपको अपराध से जुड़ी स्पष्ट जानकारी देनी होती है, जैसे अपराध क्या है, यह कब और कहां हुआ, और आपके खिलाफ कोई साक्ष्य है या नहीं।

BNSS 35(3) नोटिस का जवाब न देने के परिणाम क्या हो सकते है?

  • गिरफ्तारी का खतरा: अगर आप नोटिस का पालन नहीं करते, तो पुलिस आपके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर सकती है।
  • कानूनी कार्रवाई: पुलिस आपके खिलाफ कानूनी कदम उठा सकती है और आपको दोषी ठहरा सकती है।
  • जमानत में समस्या: गिरफ्तारी होने पर जमानत मिलना मुश्किल हो सकता है।
  • साक्ष्य का इकट्ठा होना: पुलिस आपके खिलाफ साक्ष्य जुटा सकती है, जिससे आपकी स्थिति कमजोर हो सकती है।
  • अदालत में प्रतिकूल निष्कर्ष: अदालत में आपके खिलाफ नकारात्मक निष्कर्ष निकल सकता है, जिससे दोषी साबित होने की संभावना बढ़ सकती है।

अगर नोटिस गलत हो तो क्या करें?

  • हाई कोर्ट में रिट याचिका: अगर आपको लगता है कि नोटिस दुर्भावनापूर्ण या गलत तरीके से दिया गया है, तो आप हाई कोर्ट में रिट याचिका दायर कर सकते हैं।
  • एफआईआर रद्द करने का विकल्प: अगर एफआईआर झूठी या दुरुपयोगी है, तो आप BNSS की धारा 528 के तहत एफआईआर को रद्द करने का आवेदन कर सकते हैं।
  • पुलिस अधिकारियों की शिकायत – DCP/SP स्तर पर: आप संबंधित पुलिस अधिकारियों को शिकायत भी दे सकते हैं, यदि आपको लगता है कि पुलिस ने गलत तरीके से नोटिस भेजा है।

BNSS 35(3) नोटिस का जवाब देने के बाद क्या होता है?

जब आप पुलिस स्टेशन जाकर सवालों का जवाब देते हैं, तो पुलिस अपनी जांच पूरी करती है। इस जांच के आधार पर पुलिस यह तय कर सकती है कि:

  • जांच को बंद कर दिया जाए अगर कोई गलत काम करने का सबूत नहीं मिलता है।
  • आपके खिलाफ आरोप लगाए जाएं अगर पर्याप्त सबूत मिलते हैं कि आप पर आरोप लगाना सही है।
  • आपको फिर से बुलाया जाए अगर और सवाल पूछने या नए सबूत की जरूरत हो।
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सुप्रीम कोर्ट ने WhatsApp और इलेक्ट्रॉनिक तरीकों से धारा 35(3) नोटिस भेजने पर रोक लगाई

भारत के सुप्रीम कोर्ट ने 21 जनवरी 2025 को एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि CrPC की धारा 41A के तहत नोटिस WhatsApp या अन्य इलेक्ट्रॉनिक तरीकों से नहीं भेजे जा सकते। कोर्ट ने यह भी कहा कि ये तरीके भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS), 2023 में तय किए गए सेवा के तरीकों के तहत नहीं आते। इस फैसले से यह साफ है कि कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करना जरूरी है ताकि अपराध न्याय प्रणाली में निष्पक्षता और पारदर्शिता बनी रहे।

निष्कर्ष

BNSS 35(3) नोटिस प्राप्त करना डरावना हो सकता है, लेकिन अगर आप अपने अधिकारों और कानूनी कदमों को समझते हैं, तो आप इस स्थिति को आत्मविश्वास के साथ संभाल सकते हैं। जब भी आपको यह नोटिस मिले, तो तुरंत कानूनी सलाह लें और पुलिस जांच में सहयोग करें, साथ ही यह सुनिश्चित करें कि आपके अधिकारों की रक्षा हो रही है। याद रखें, BNSS 35(3) नोटिस गिरफ्तारी नहीं है, लेकिन इसे सावधानी से संभालना जरूरी है ताकि बाद में किसी तरह की परेशानी न हो।

अगर कभी आप ऐसी स्थिति में हों, तो अपने हितों की रक्षा करने के लिए सही कदम उठाने में संकोच न करें और किसी पेशेवर से मदद लें ताकि मामला सही तरीके से निपट सके।

किसी भी कानूनी सहायता के लिए लीड इंडिया से संपर्क करें। हमारे पास लीगल एक्सपर्ट की पूरी टीम है, जो आपकी हर संभव सहायता करेगी।

FAQs

1. क्या BNSS 35(3) नोटिस मिलने के बाद मुझे गिरफ्तार किया जा सकता है?

नहीं, BNSS 35(3) नोटिस केवल पूछताछ के लिए बुलावा है और यह तुरंत गिरफ्तारी नहीं होती। हालांकि, जांच के आधार पर अगर जरूरत पड़ी, तो पुलिस आपको बाद में गिरफ्तार कर सकती है।

2. क्या मुझे BNSS 35(3) नोटिस का जवाब देना जरूरी है?

जी हां, आपको नोटिस का जवाब देना जरूरी है और पुलिस स्टेशन में बुलाए जाने पर वहां जाना जरूरी है। ऐसा न करने पर कानूनी परिणाम हो सकते हैं।

3. क्या मैं पूछताछ के दौरान सवालों का जवाब देने से इनकार कर सकता हूं?

आपके पास चुप रहने का अधिकार है और आप ऐसे सवालों का जवाब देने से इनकार कर सकते हैं जो आपके खिलाफ सबूत बन सकते हैं। सलाह दी जाती है कि आप जवाब देने से पहले एक वकील से सलाह लें।

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