RTI क्या होती है और यह कैसे फाइल की जाती है?

What is RTI and how is it filed?

क्या आपने कभी सोचा है कि सरकार आपके टैक्स के पैसे का क्या कर रही है? या फिर कोई सड़क अब तक क्यों नहीं बनी, जबकि उसका बजट पिछले साल पास हो गया था? अगर हाँ, तो आपके इन सवालों के जवाब पाने का तरीका है –सूचना का अधिकार।

यह कानून लोगों को सरकार से जवाबदेही तय करने का अधिकार देता है। इसके तहत हर भारतीय नागरिक किसी भी सरकारी विभाग से जानकारी मांग सकता है। यह एक आसान लेकिन बहुत ताकतवर तरीका है, जिससे लाखों लोगों ने सच जाना है, बेहतर सेवाएँ माँगी हैं और अधिकारियों से जवाबदारी तय करवाई है।

इस ब्लॉग में हम RTI के बारे में में बताएंगे, RTI क्या है, कैसे काम करती है, और आप इसका इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं।

क्या आप को कानूनी सलाह की जरूरत है ?

RTI क्या है?

RTI का पूरा नाम है Right to Information, यानी सूचना का अधिकार। यह एक ऐसा क़ानून है जो हर भारतीय नागरिक को यह अधिकार देता है कि वह सरकार से किसी भी सरकारी काम, योजना, खर्च, फाइल की स्थिति या सेवा से जुड़ी जानकारी मांग सके।

राइट टू इनफार्मेशन एक्ट, 2005 में लागू हुआ। इसका उद्देश्य है –सरकारी विभागों में पारदर्शिता लाना, जनता को जवाबदेही का अधिकार देना, और भ्रष्टाचार को रोकना।

RTI के ज़रिए आप ये सब बातें जान सकते हैं:

  • फैसले कैसे लिए गए
  • कौन-से प्रोजेक्ट में देरी क्यों हुई
  • पैसे कहाँ खर्च हुए और कितना खर्च हुआ
  • किस काम की ज़िम्मेदारी किसकी है

RTI कानून के तहत आप दस्तावेज़ों की कॉपी, रिपोर्ट, ईमेल, रिकॉर्ड देखने की इजाज़त, और यहाँ तक कि किसी काम में इस्तेमाल किया गया सामान (जैसे सड़क बनाने में कौन-सा मटेरियल लगा) भी मांग सकते हैं।

RTI क्यों जरूरी है? – जानिए अपने अधिकार

सरकार जनता के टैक्स से चलती है, इसलिए जनता को जानने का अधिकार है कि उनके पैसे कहाँ और कैसे खर्च हो रहे हैं।

RTI से पहले: लोग सरकारी जानकारी मांग ही नहीं सकते थे। भ्रष्टाचार पनपता था।

RTI के बाद: सरकार जवाबदेह बनी, लोगों ने घोटाले उजागर किए, और सिस्टम में पारदर्शिता आई।

RTI के फायदे:

  • सरकारी घोटाले उजागर करना (जैसे– CWG, आदर्श हाउसिंग स्कैम)
  • राशन, पेंशन, PF जैसे मामलों में न्याय पाना
  • सरकारी नौकरी की स्थिति जानना
  • समय पर सेवाएं पाना

यहां दो प्रमुख RTI (सूचना का अधिकार) मामलों का विवरण दिया गया है, जिन्होंने भारतीय समाज में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा दिया है:

  • मनोज मिश्रा (छत्तीसगढ़): मनोज मिश्रा ने छत्तीसगढ़ में सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति की जांच के लिए RTI का उपयोग किया। उनके द्वारा प्राप्त जानकारी से यह स्पष्ट हुआ कि कई स्कूलों में शिक्षक अनुपस्थित रहते हैं, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित होती है। इस खुलासे ने शिक्षा विभाग को सुधारात्मक कदम उठाने के लिए प्रेरित किया।
  • अन्ना हज़ारे: अन्ना हज़ारे ने महाराष्ट्र में ग्राम पंचायतों में पारदर्शिता लाने के लिए RTI का उपयोग किया। उनके आंदोलन के परिणामस्वरूप राज्य सरकार ने ग्राम सभा को अधिक अधिकार प्रदान करने के लिए एक अध्यादेश जारी किया, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में विकास और प्रशासन में सुधार हुआ।
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RTI फाइल करने का अधिकार किसे है?

कोई भी भारतीय नागरिक RTI दाखिल कर सकता है।

  • अनपढ़ व्यक्ति: किसी सामाजिक कार्यकर्ता की मदद ले सकता है।
  • बच्चे और बुजुर्ग: अभिभावक के माध्यम से RTI फाइल कर सकते हैं।
  • NRI (विदेश में रह रहे भारतीय): भारतीय पते से RTI फाइल कर सकते हैं।
  • दिव्यांग: ऑनलाइन आवेदन या किसी प्रतिनिधि की मदद से RTI डाल सकते हैं।

RTI किसके खिलाफ फाइल की जा सकती है?

आप RTI किसी भी सरकारी विभाग में लगा सकते हैं, जैसे कि सरकारी मंत्रालय और विभाग, नगर निगम, सरकारी बैंक, सरकारी स्कूल और कॉलेज, बिजली बोर्ड, रेलवे, पुलिस, सरकारी अस्पताल और ग्राम पंचायत। इन सभी जगहों से आप सरकारी कामकाज से जुड़ी जानकारी मांग सकते हैं।

ध्यान दें: RTI निजी कंपनियों पर लागू नहीं होती, जब तक कि वह जानकारी किसी सरकारी विभाग के पास न हो।

RTI के तहत आप क्या जानकारी मांग सकते हैं?

  • आपके इनकम टैक्स रिफंड का क्या स्टेटस है
  • किसी परीक्षा में आपकी आंसर शीट की कॉपी
  • आपके इलाके में सड़क मरम्मत के लिए कितना पैसा आया
  • बिजली का बिल ज़्यादा क्यों आया है
  • पासपोर्ट बनने में देरी क्यों हो रही है
  • आपकी पेंशन क्यों रुकी हुई है और कब मिलेगी

RTI के तहत आप क्या जानकारी नहीं मांग सकते हैं?

  • रक्षा और सुरक्षा से जुड़ी गोपनीय जानकारी
  • कोर्ट के निर्णय
  • किसी अन्य व्यक्ति की निजी जानकारी (बिना अनुमति)

RTI आवेदन कैसे फाइल करें?-  जानिए स्टेप बाए स्टेप प्रक्रिया

आप RTI आवेदन ऑफलाइन या ऑनलाइन दोनों तरीकों से दे सकते हैं, यह विभाग पर निर्भर करता है।

सार्वजनिक विभाग पहचानें: सबसे पहले यह जानें कि आपकी चाहिए हुई जानकारी किस सरकारी विभाग के पास है। उदाहरण के लिए:

  • सड़क निर्माण के लिए — स्थानीय नगर निगम
  • स्कूल के मार्कशीट के लिए — राज्य शिक्षा बोर्ड

हर विभाग में एक पब्लिक इनफार्मेशन अफसर (PIO) होता है जो RTI आवेदन प्राप्त करता है।

अपना RTI आवेदन लिखे: RTI एक्ट में कोई फिक्स फॉर्मेट नहीं है, लेकिन आपके आवेदन में ये साफ लिखना जरूरी है:

  • आपका नाम और पता
  • जो जानकारी चाहिए
  • विषय का विवरण
  • समय अवधि (यदि लागू हो)
  • हस्ताक्षर

RTI को सरल भाषा में लिखें, अस्पष्ट या कई सवाल न पूछें।

आवेदन शुल्क जमा करें: RTI फीस ₹10 है। इसे आप इन तरीकों से जमा कर सकते हैं:

  • डिमांड ड्राफ्ट
  • इंडियन पोस्टल ऑर्डर (IPO)
  • कोर्ट फीस स्टाम्प (कुछ राज्यों में)
  • ऑनलाइन भुगतान (डिजिटल RTI के लिए)

BPL (बिलो पोवेर्टी लाइन), मतलब गरीबी रेखा से नीचे वाले आवेदनकर्ता फीस से छूट रखते हैं, लेकिन BPL प्रमाणपत्र की कॉपी साथ लगानी होगी।

अपना RTI आवेदन जमा करें: RTI को ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरह से जमा किया जा सकता है।

  • ऑफलाइन तरीका: स्पीड पोस्ट से भेजें या विभाग में व्यक्तिगत रूप से जमा करें।
  • ऑनलाइन तरीका: आप आधिकारिक पोर्टल www.rtionline.gov.in से ऑनलाइन RTI दाखिल कर सकते हैं।
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यह पोर्टल केंद्रीय सरकार के विभागों के लिए है। कई राज्यों के अपने RTI पोर्टल भी होते हैं।

RTI फाइल करने के बाद क्या होता है?

  • PIO को 30 दिन में जवाब देना होता है: सरकारी अधिकारी को आपकी RTI मिलते ही 30 दिनों के अंदर जवाब देना जरूरी होता है।
  • अगर मामला जान या आज़ादी से जुड़ा हो तो 48 घंटे में जवाब: अगर आपकी RTI जिंदगी या आज़ादी से जुड़ा हो, तो अधिकारी को 48 घंटे में जवाब देना होता है।
  • गलत विभाग में RTI जाने पर 5 दिन और मिलते हैं: अगर आपकी RTI गलत विभाग को भेज दी गई है, तो उसे सही जगह भेजने में 5 दिन और लगेंगे।
  • अगर कोई जवाब नहीं मिला या जवाब सही नहीं तो अपील कर सकते हैं: अगर 30 दिन में जवाब नहीं मिलता या जवाब से संतुष्ट नहीं हैं, तो आप उच्च अधिकारी के पास अपील कर सकते हैं।

RTI का जवाब कैसा मिलेगा और कैसे पढ़ें?

आपको RTI का जवाब डाक से हार्ड कॉपी या ईमेल के जरिए सॉफ्ट कॉपी में मिल सकता है। जवाब में संबंधित अधिकारी का नाम, हस्ताक्षर और उसका पूरा विवरण शामिल होता है। अगर जवाब समझ में न आए या अधूरा लगे, तो आप फर्स्ट अपील फाइल कर सकते हैं।

फर्स्ट अपील कैसे फाइल करें?

  • प्रथम अपील वही विभाग के फर्स्ट अपीलेट थॉरिटी (FAA) के पास होती है।
  • समयसीमा: 30 दिन RTI जवाब आने के बाद या न आने की स्थिति में
  • अपील का प्रारूप RTI जैसा ही होता है, लेकिन उसमें कारण लिखना होता है कि आप क्यों संतुष्ट नहीं हैं।

सेकंड अपील और CIC/SIC में शिकायत

अगर पहली अपील के बाद भी आपको संतोषजनक जवाब न मिले, तो आप दूसरी अपील कर सकते हैं। अगर मामला केंद्र सरकार से जुड़ा है, तो आप सेंट्रल इनफार्मेशन कमीशन (CIC) में अपील कर सकते हैं। अगर मामला राज्य सरकार से जुड़ा है, तो स्टेट इनफार्मेशन कमीशन (SIC) में अपील की जाती है।

  • द्वितीय अपील 90 दिनों के भीतर दाखिल करें
  • सुनवाई व्यक्तिगत या वीडियो कॉल के माध्यम से होती है
  • दोषी अधिकारी पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है – ₹250 प्रति दिन, अधिकतम ₹25,000

क्या RTI को मना किया जा सकता है?

हाँ, कुछ खास मामलों में RTI को मना किया जा सकता है, जैसे:

  • अगर जानकारी देश की सुरक्षा से जुड़ी हो
  • अगर किसी की निजी जानकारी हो जो जनहित से जुड़ी न हो
  • अगर जानकारी व्यापारिक राज़ हो

लेकिन आमतौर पर, जैसे कि स्थानीय प्रोजेक्ट या आपकी खुद की जानकारी मांगने पर RTI मना नहीं की जाती।

RTI को लेकर सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के निर्देश

CBI पूरी तरह RTI से बाहर नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट

फरवरी 2024 में दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला दिया कि CBI (सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन) पूरी तरह RTI से बाहर नहीं है। RTI कानून की धारा 24 में कुछ सुरक्षा एजेंसियों को जानकारी देने से छूट दी गई है, लेकिन अगर मामला भ्रष्टाचार या मानवाधिकार उल्लंघन से जुड़ा हो, तो जानकारी देना जरूरी है। कोर्ट ने कहा कि CBI को ऐसे मामलों में RTI के नियमों का पालन करना होगा, ताकि पारदर्शिता बनी रहे।

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सुप्रीम कोर्ट का आदेश – RTI का सही तरीके से पालन हो

20 अगस्त 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने सभी केंद्रीय और राज्य सूचना आयोगों से कहा कि वे RTI कानून 2005 का सही तरीके से पालन सुनिश्चित करें। कोर्ट ने कहा कि सरकारी विभागों को जनता के प्रति जवाबदेह रहना चाहिए और RTI की धारा 4 के तहत खुद ही ज़रूरी जानकारी सार्वजनिक करनी चाहिए।

RTI पोर्टल बनाने पर सुप्रीम कोर्ट ने मांगा जवाब

सितंबर 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने 11 राज्यों (जैसे आंध्र प्रदेश, झारखंड) से पूछा कि उन्होंने RTI के ऑनलाइन पोर्टल क्यों नहीं बनाए। कोर्ट पहले ही सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को RTI पोर्टल शुरू करने का निर्देश दे चुका है ताकि पारदर्शिता बनी रहे। नियम न मानने पर कोर्ट ने इन राज्यों से सफाई मांगी है।

निष्कर्ष

RTI कानून आम लोगों के लिए एक बहुत ही ताकतवर और आसान तरीका है जिससे आप सरकार से सीधे सवाल पूछ सकते हैं। यह सस्ता है, सरल है और असरदार भी। जब आप RTI लगाते हैं, तो आप सिर्फ जानकारी नहीं मांगते, आप जवाबदेही और इंसाफ की दिशा में कदम बढ़ाते हैं। अगर आप बदलाव चाहते हैं या किसी सरकारी काम का सच जानना चाहते हैं, तो चुप मत रहिए। सवाल पूछिए, यह आपका हक है।

किसी भी कानूनी सहायता के लिए लीड इंडिया से संपर्क करें। हमारे पास लीगल एक्सपर्ट की पूरी टीम है, जो आपकी हर संभव सहायता करेगी।

FAQs

1. क्या कोई भी भारतीय नागरिक RTI आवेदन दाखिल कर सकता है?

हाँ, कोई भी भारतीय नागरिक RTI अधिनियम, 2005 के तहत आवेदन दायर कर सकता है। इसके लिए उम्र, शिक्षा या पेशे की कोई सीमा नहीं है।

2. RTI आवेदन के लिए शुल्क कितना है और कैसे भुगतान करें?

सामान्यतः ₹10 का शुल्क होता है, जिसे IPO (Indian Postal Order), डिमांड ड्राफ्ट, नकद या ऑनलाइन भुगतान के जरिए जमा किया जा सकता है। BPL श्रेणी के आवेदकों के लिए यह निःशुल्क है।

3. RTI का जवाब कितने समय में मिलता है?

RTI आवेदन का उत्तर अधिकतम 30 दिनों के भीतर देना अनिवार्य है। यदि मामला जीवन और स्वतंत्रता से जुड़ा हो, तो 48 घंटे में जवाब देना होता है।

4. अगर RTI का जवाब न मिले तो क्या कर सकते हैं?

आप फर्स्ट अपीलेट अथॉरिटी के पास 30 दिन के भीतर अपील कर सकते हैं। यदि वहां से भी समाधान न मिले, तो केंद्रीय या राज्य सूचना आयोग में द्वितीय अपील दाखिल कर सकते हैं।

5. किन मामलों में RTI दाखिल नहीं की जा सकती?

राष्ट्रीय सुरक्षा, रक्षा, वैज्ञानिक गोपनीयता, कोर्ट के आदेश, थर्ड पार्टी की निजी जानकारी आदि से जुड़े विषय RTI के तहत नहीं मांगे जा सकते।

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