कास्टिंग काउच के शिकार होने पर क्या कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए?

What legal action should be taken if one becomes a victim of casting couch

मनोरंजन की दुनिया बाहर से बहुत चमकदार और ग्लैमरस दिखती है। लेकिन इस चमक के पीछे एक कड़वा सच भी छिपा होता है—कास्टिंग काउच। कई युवा कलाकारों, खासकर महिलाओं ने बताया है कि उन्हें रोल देने के बदले यौन संबंध बनाने के लिए मजबूर किया गया। ये शोषण अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है, लेकिन ध्यान रखिए, ये एक गंभीर अपराध है और भारतीय कानून में इसके खिलाफ सख्त सजा का प्रावधान है।

यह ब्लॉग उन लोगों की मदद के लिए बनाया गया है जो कास्टिंग काउच जैसी स्थिति का शिकार हुए हैं या ऐसी घटना के गवाह बने हैं। इसमें हम बताएंगे कि कास्टिंग काउच क्या होता है, कानून आपको कैसे सुरक्षा देता है, और आप इंसाफ पाने के लिए कौन-कौन से कदम उठा सकते हैं।

कास्टिंग काउच क्या है?

कास्टिंग काउच एक ऐसी स्थिति होती है जब फिल्म या एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में कोई ताकतवर व्यक्ति, जैसे कि डायरेक्टर, प्रोड्यूसर या कास्टिंग एजेंट, काम या रोल देने के बदले यौन संबंध बनाने की मांग करता है। यह एक तरह का यौन शोषण और ताकत का गलत इस्तेमाल है।

ऐसी घटनाओं में अक्सर ये चीजें देखने को मिलती हैं:

  • रोल या काम देने का लालच
  • मना करने पर करियर खत्म कर देने की धमकी
  • गलत तरीके से छूना या अश्लील बातें करना
  • डराकर या बहलाकर जबरदस्ती करना

कई बार पीड़ित को ऐसा लग सकता है कि उन्होंने ‘सहमति’ दी, लेकिन अगर वो सहमति डर, दबाव या मजबूरी में दी गई हो, तो वो सच्ची सहमति नहीं मानी जाती

क्या आप को कानूनी सलाह की जरूरत है ?

क्या कास्टिंग काउच भारत में गैरकानूनी है?

हाँ, कास्टिंग काउच भारत में पूरी तरह से गैरकानूनी है। इसके खिलाफ कई कानून मौजूद हैं:

भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत:

  • धारा 74 – महिला की गरिमा को ठेस पहुँचाना
  • धारा 75 – यौन उत्पीड़न
  • धारा 64 – जबरदस्ती यौन संबंध (बलात्कार)
  • धारा 351 – धमकी देना या डराना

प्रिवेंशन ऑफ़ सेक्सुअल हरस्मेंट एक्ट POSH, 2013

अगर ये घटना ऑडिशन, शूटिंग या किसी पेशेवर माहौल में होती है, तो ये कानून लागू होता है, चाहे आप फ्रीलांसर हों या किसी कंपनी में काम ना करते हों।

इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट, 2000

अगर शोषण ऑनलाइन (जैसे मैसेज, ईमेल, वीडियो) के जरिए हुआ है, तो आईटी कानून भी लागू होते हैं।

कास्टिंग काउच का शिकार होने पर आप क्या कर सकते हैं?

अगर आपके साथ कास्टिंग काउच जैसी घटना हुई है, तो घबराएं नहीं, आपके पास कानूनी मदद लेने के कई रास्ते हैं। नीचे कुछ ज़रूरी कदम बताए गए हैं:

सबूत जुटाएं

आपके पास जितने ज़्यादा सबूत होंगे, मामला उतना ही मजबूत होगा। कोशिश करें कि आप:

  • मैसेज, ईमेल के स्क्रीनशॉट रखें
  • ऑडियो/वीडियो रिकॉर्डिंग (अगर कानूनी रूप से संभव हो)
  • कोई गवाह हो तो उसका ज़िक्र करें
  • तारीख, जगह और बातचीत की पूरी जानकारी नोट करें
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याद रखें, अगर आपके पास पक्के सबूत नहीं भी हैं, तब भी आपका बयान बहुत मायने रखता है। कानून आपकी बात को गंभीरता से लेता है।

शिकायत दर्ज करें

  • नजदीकी पुलिस स्टेशन जाएं और लिखित शिकायत दें
  • पूरी जानकारी दें: नाम, तारीख, घटना का विवरण
  • FIR की कॉपी लेना न भूलें

अगर पुलिस FIR दर्ज नहीं करती, तो आप:

  • जिले के SP ऑफिस में शिकायत कर सकते हैं
  • अपनी राज्य की पुलिस वेबसाइट पर ऑनलाइन शिकायत कर सकते हैं
  • सीधे कोर्ट में जाकर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 175(3) के तहत शिकायत कर सकते हैं

महिला आयोग से संपर्क करें

  • आप नेशनल कमीशन ऑफ़ वुमन (NCW) या अपने राज्य के महिला आयोग से मदद ले सकती हैं
  • वे आपको कानूनी सहायता देंगे, आपकी शिकायत को आगे बढ़ाएंगे और काउंसलिंग भी दिला सकते हैं

इंटरनल कम्प्लेंट्स कमीटी (ICC) में शिकायत करें

अगर घटना किसी वर्कप्लेस (जैसे स्टूडियो, प्रोडक्शन हाउस) में हुई है, तो वहां की ICC में शिकायत दर्ज करें। POSH एक्ट के तहत हर वर्कप्लेस में ये कमेटी होना ज़रूरी है।

अगर आप शिकायत करने से डर रहे है तो क्या करें?

डर लगना बिल्कुल सामान्य बात है। आपको बदनामी, करियर खराब होने या विरोध का डर हो सकता है। लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है, कानून आपकी पूरी तरह से सुरक्षा करता है

आपकी पहचान गोपनीय रखी जाएगी

  • BNS की धारा 72 के तहत, आपकी पहचान को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता।
  • मीडिया, पुलिस या कोई भी आपकी पहचान नहीं बता सकता।

केस को जल्दी निपटाया जाता है

  • ऐसे मामलों को कोर्ट में तेज़ी से निपटाया जाता है, खासकर निर्भया केस के बाद।
  • फास्ट-ट्रैक कोर्ट्स में इन्हें प्राथमिकता दी जाती है।

मुफ्त कानूनी मदद मिलती है

अगर आप वकील नहीं रख सकतीं, तो आप इनसे फ्री में कानूनी मदद ले सकती हैं:

  • लीगल सर्विसेज अथॉरिटी (LSA)
  • महिला अधिकारों के लिए काम करने वाले NGOs
  • राष्ट्रीय या राज्य महिला आयोग

क्या पुरुष भी कास्टिंग काउच का शिकार हो सकते हैं?

  • हाँ, बिल्कुल। भले ही ज़्यादातर मामले महिलाओं के होते हैं, लेकिन पुरुष भी कास्टिंग काउच का शिकार हो सकते हैं
  • हालांकि POSH कानून सिर्फ महिलाओं पर लागू होता है, फिर भी पुरुष भारतीय न्याय संहिता के तहत शिकायत दर्ज करा सकते हैं। अगर शोषण ऑनलाइन हुआ हो, तो IT एक्ट भी लागू होता है
  • आजकल अदालतें पुरुषों और LGBTQ+ समुदाय के शिकार लोगों की शिकायतों को भी गंभीरता से ले रही हैं।
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क्या कास्टिंग काउच केवल फिल्म इंडस्ट्री तक ही सीमित है?

फिल्म और टेलीविजन इंडस्ट्री

  • यह समस्या सबसे ज़्यादा यहीं सुनने को मिलती है क्योंकि यहां काम पाने के लिए अक्सर निजी ऑडिशन या डायरेक्टर्स/प्रोड्यूसर्स से मिलना होता है।
  • कई अभिनेत्रियाँ ने खुलकर बताया है कि कैसे उन्हें रोल के बदले यौन संबंध बनाने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने साफ इनकार कर दिया।

मॉडलिंग इंडस्ट्री

  • मॉडलिंग की दुनिया में नए चेहरों को ब्रेक मिलने के नाम पर यौन शोषण आम बात होती जा रही है।
  • यहां अक्सर फोटोग्राफर, एजेंट या फैशन शो ऑर्गेनाइज़र इस स्थिति का गलत फायदा उठाते हैं।

कॉर्पोरेट सेक्टर

  • बड़े ऑफिसों में, खासकर जहाँ पावर डायनामिक बहुत स्ट्रॉन्ग होता है, वहां सीनियर अधिकारी प्रमोशन या नौकरी बचाने के बदले यौन संबंध की मांग कर सकते हैं।
  • ये भी कास्टिंग काउच का एक रूप है, जहां जॉब की असुरक्षा को हथियार बनाया जाता है।

एजुकेशन सेक्टर

  • कुछ मामलों में, प्रोफेसर या स्कूल/कॉलेज स्टाफ छात्राओं से अच्छे नंबर या पास होने के बदले गलत मांगें करते हैं।
  • ये कास्टिंग काउच जैसी ही स्थिति है, जिसमें एक पावरफुल व्यक्ति अपनी स्थिति का गलत फायदा उठाता है।

राजनीति और सामाजिक संस्थाएं

  • राजनीति में भी महिलाओं को टिकट देने या पार्टी में पद दिलवाने के बदले शोषण की घटनाएं सामने आई हैं।
  • कई महिलाएं सामने आकर बोलने से डरती हैं क्योंकि इसमें बदनामी और खतरे दोनों जुड़े होते हैं।

सावधानी और सुरक्षा के कुछ जरूरी टिप्स

  • ऑडिशन के लिए कभी अकेले न जाएं, खासकर किसी सुनसान या अनजान जगह पर।
  • जिस प्रोडक्शन हाउस या एजेंसी से मिलने जा रही हैं, पहले उसकी जानकारी जरूर जांचें, Google करें, रिव्यू देखें।
  • अपनी फीलिंग्स पर भरोसा करें, अगर कोई बात अजीब लगे या माहौल गलत लगे, तो वहाँ से निकलने में बिल्कुल ना हिचकें।
  • जहाँ जा रही हैं, किससे मिलने वाली हैं, ये जानकारी किसी भरोसेमंद व्यक्ति के साथ शेयर करें।

सुप्रीम कोर्ट का कास्टिंग काउच केस में अहम फैसला, महाराष्ट्र राज्य, 2023

  • सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा दिए गए अग्रिम ज़मानत (Anticipatory Bail) को रद्द कर दिया
  • आरोपी एक बिजनेसमैन है, जिस पर एक मॉडल से रेप करने का आरोप है। उसने मॉडल को मॉडलिंग काम दिलाने का झांसा दिया था।
  • सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट ने मामले की गंभीरता को ठीक से नहीं समझा।
  • कोर्ट ने यह भी माना कि आरोपी एक प्रभावशाली व्यक्ति है, और वह गवाहों को डरा या प्रभावित कर सकता है।
  • पीड़िता को इस केस में अपनी बात कहने का सही मौका नहीं दिया गया, जो कि बहुत जरूरी था।
  • सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि ऐसे संवेदनशील मामलों में निष्पक्ष सुनवाई और प्रक्रिया का पालन बहुत ज़रूरी है
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इंस्टीटूशनल रिपोर्ट्स और सरकारी कार्रवाइयाँ

जस्टिस हेमा कमेटी रिपोर्ट (मलयालम फिल्म इंडस्ट्री)

  • अगस्त 2024 में जारी रिपोर्ट ने मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में कास्टिंग काउच और यौन शोषण की सच्चाई उजागर की।
  • रिपोर्ट में बताया गया कि महिलाओं को रोल के बदले यौन संबंधों के लिए मजबूर किया जाता है
  • इंडस्ट्री में एक ‘माफिया’ जैसी लॉबी कास्टिंग पर पूरा कंट्रोल रखती है।
  • कई पीड़ित डर के कारण सामने नहीं आतीं, क्योंकि उन्हें करियर खराब होने का डर होता है।

NHRC का महाराष्ट्र पुलिस को निर्देश (बॉलीवुड)

  • फरवरी 2025 में NHRC ने महाराष्ट्र के DGP से कास्टिंग काउच मामलों पर रिपोर्ट मांगी।
  • यह कदम मानवाधिकार कार्यकर्ता राधाकांत त्रिपाठी की याचिका के बाद उठाया गया।
  • याचिका में बॉलीवुड में कास्टिंग काउच के बढ़ते मामलों और प्रशासन की लापरवाही पर चिंता जताई गई थी।

निष्कर्ष: “ना” कहने का पूरा हक आपका है

  • कास्टिंग काउच आपकी इज्जत और अधिकारों का खुला उल्लंघन है। काम के लिए आपको कभी भी अपने शरीर या आत्म-सम्मान से समझौता करने की ज़रूरत नहीं है कानून आपके साथ है।
  • कभी-कभी कानूनी कदम उठाना मुश्किल लग सकता है, लेकिन यही पहला और ज़रूरी कदम होता है इंसाफ की तरफ—सिर्फ अपने लिए नहीं, बल्कि उन सबके लिए जो अब भी चुप हैं।
  • अगर आप शिकार बनी हैं, तो चुप मत रहेंबोलिए, मदद लीजिए, कार्रवाई कीजिए। आप अकेली नहीं हैं, और आपको पूरा हक है कि आप इंसाफ मांगें।

किसी भी कानूनी सहायता के लिए लीड इंडिया से संपर्क करें। हमारे पास लीगल एक्सपर्ट की पूरी टीम है, जो आपकी हर संभव सहायता करेगी।

FAQs

1. क्या कास्टिंग काउच भारत में गैरकानूनी है?

हाँ, कास्टिंग काउच भारतीय कानून के तहत पूरी तरह से गैरकानूनी है।

2. अगर मेरे पास सबूत नहीं हैं, क्या मैं शिकायत कर सकती हूँ?

हाँ, आप कर सकती हैं। आपका बयान भी कानून में महत्वपूर्ण माना जाता है।

3. क्या पुरुष भी कास्टिंग काउच का शिकार हो सकते हैं?

बिलकुल, पुरुष और LGBTQ+ व्यक्ति भी इस शोषण का शिकार हो सकते हैं।

4. FIR दर्ज कराने के लिए क्या जरूरी है?

आपको घटना की पूरी जानकारी लिखित में देनी होगी और FIR की कॉपी लेनी चाहिए।

5. क्या अगर मैं विदेश में रह रही हूँ तब भी शिकायत कर सकती हूँ?

हाँ, आप ऑनलाइन पुलिस पोर्टल या महिला आयोग के माध्यम से शिकायत दर्ज कर सकती हैं।

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