ऑनलाइन शॉपिंग आजकल ज़िंदगी का आम हिस्सा बन गई है। लोग घर बैठे कपड़े, मोबाइल, किराना और बहुत कुछ आसानी से वेबसाइटों जैसे फ्लिपकार्ट, अमेज़न, मीशो आदि से खरीद लेते हैं। इससे समय बचता है और कई बार सस्ते दाम में चीज़ें मिल जाती हैं।
लेकिन जितनी आसान यह शॉपिंग लगती है, कभी-कभी इसमें धोखा भी हो जाता है। हर ऑनलाइन बेचने वाला ईमानदार नहीं होता। बहुत से लोग इन परेशानियों का सामना कर चुके हैं, जैसे:
- पैसा देने के बाद भी सामान ना मिलना
- नकली या टूटा हुआ सामान मिलना
- बिना बताए ज़्यादा पैसे काट लेना
- शॉपिंग के बाद कार्ड की जानकारी चोरी हो जाना
इसे ही ऑनलाइन शॉपिंग फ्रॉड कहते हैं। लेकिन घबराने की ज़रूरत नहीं है। ऐसे मामलों में न्याय पाने के लिए कानून आपकी मदद करता है। आप सरकार के अलग-अलग विभागों, वेबसाइट और कानूनी एजेंसियों से शिकायत कर सकते हैं। आइए अब एक-एक करके समझते हैं कि आप शिकायत कैसे कर सकते हैं और अपने हक की रक्षा कैसे करें।
ऑनलाइन शॉपिंग फ्रॉड के प्रकार
1. सामान नहीं मिला (Non-delivery of Goods)
आपने सामान के लिए पैसे दे दिए, लेकिन वो कभी आपके पास पहुँचा ही नहीं। उदाहरण: आपने मोबाइल ऑर्डर किया, पैसे कट गए, लेकिन डिलीवरी नहीं हुई।
2. नकली या गलत सामान मिला (Fake Products)
आपने जो सामान ऑर्डर किया था, उसकी जगह सस्ता या गलत सामान भेज दिया गया। उदाहरण: आपने ब्रांडेड घड़ी मंगाई, लेकिन लोकल और घटिया घड़ी भेज दी गई।
3. छुपे हुए चार्जेज (Hidden Charges)
ऑर्डर करते समय जो कीमत दिखाई गई थी, उससे ज़्यादा पैसे काट लिए गए। उदाहरण: टी-शर्ट ₹499 की दिखाई गई, लेकिन बिल में ₹700 से ज़्यादा काट लिए।
4. फर्जी वेबसाइट से धोखा (Phishing Scams)
कुछ वेबसाइट या लिंक आपको धोखा देकर आपकी निजी जानकारी चुरा लेते हैं। उदाहरण: किसी फर्जी वेबसाइट पर आपने बैंक की जानकारी डाली और पैसे कट गए।
5. बिना इजाज़त कार्ड से पैसे कटना (Unauthorized Transactions)
आपके ATM या क्रेडिट कार्ड से आपकी जानकारी के बिना पैसे निकाल लिए गए। उदाहरण: आपने एक बार शॉपिंग की, और बाद में देखा कि और भी ट्रांजैक्शन हो गए जो आपने नहीं किए।
ऑनलाइन शॉपिंग फ्रॉड होने पर तुरंत क्या करें?
- ऑनलाइन शॉपिंग साइट या ऐप में जाकर फ्रॉड की शिकायत करें, जिससे समस्या दर्ज हो और कार्रवाई शुरू हो सके।
- खरीदारी के बिल, भुगतान रसीद, स्क्रीनशॉट, ईमेल और कॉल रिकॉर्ड संभालकर रखें, जो आपकी शिकायत के मजबूत सबूत होंगे।
- कार्ड या यूपीआई से भुगतान हुआ हो तो तुरंत बैंक को फोन करें, और धोखाधड़ी की रिपोर्ट कर ब्लॉक कराएं।
- अपने ऑनलाइन अकाउंट के पासवर्ड और OTP कहीं शेयर न करें, ताकि आपके खाते की सुरक्षा बनी रहे।
ऑनलाइन शॉपिंग फ्रॉड की शिकायत कहां और कैसे करें?
1. ग्राहक सेवा से संपर्क करें
- सबसे पहले, जिस वेबसाइट या दुकानदार से आपने सामान लिया है, उनकी ग्राहक सेवा से बात करें (जैसे Amazon, Flipkart)।
- उनकी वेबसाइट पर “Help” या “Contact Us” वाले सेक्शन में जाएं।
- ऑर्डर नंबर, भुगतान की रसीद और शिकायत के बारे में साफ़ जानकारी दें।
- स्क्रीनशॉट और ईमेल संभालकर रखें।
- अगर 7-10 दिन में समस्या नहीं सुलझती, तो अगला कदम उठाएं।
2. कंस्यूमर ग्रीवांस रेडरेसल फ़ोरम्स
भारत में शिकायत करने के लिए तीन स्तर हैं:
- डिस्ट्रिक्ट कंस्यूमर डिस्प्यूट्स रेड्रेसल कमीशन (₹50 लाख तक)
- स्टेट कमीशन (₹50 लाख से ₹2 करोड़ तक)
- नेशनल कमीशन (₹2 करोड़ से ऊपर)
आप कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 के तहत शिकायत कर सकते हैं।
- शिकायत लिखें, बिल, चैट, बैंक ट्रांजैक्शन की कॉपी लगाएं।
- ऑनलाइन शिकायत: edaakhil.nic.in
- वकील की जरूरत नहीं, आप खुद भी कर सकते हैं।
3. नेशनल कंस्यूमर हेल्पलाइन (NCH)
- यह भारत सरकार द्वारा संचालित है और सरकार की मुफ्त सेवा है।
- टोल फ्री नंबर: 1800-11-4000 पर कॉल करें।
- या वेबसाइट पर ऑनलाइन शिकायत करें: consumerhelpline.gov.in
- वे आपकी तरफ से कंपनी से बात कर समस्या सुलझाने की कोशिश करेंगे।
4. साइबर क्राइम पुलिस शिकायत
अगर आपको लगता है कि धोखा, फ़िशिंग या कार्ड की चोरी हुई है, तो साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत करें:
- cybercrime.gov.in
- या नजदीकी पुलिस स्टेशन में साइबर क्राइम सेल में जाएं।
5. आवशयक दस्तावेज
- पहचान का सबूत दें।
- इनवॉइस या पेमेंट की रसीद दिखाएं।
- वेबसाइट या चैट का स्क्रीनशॉट दें।
6. ई-कॉमर्स ओम्बड्समैन (अगर हो)
- कुछ वेबसाइटों के पास अपने शिकायत अधिकारी होते हैं।
- वेबसाइट के “Privacy Policy” या “About Us” सेक्शन में उनका नाम और ईमेल देखें।
- ईमेल लिखकर अपनी समस्या बताएं।
- उन्हें 30 दिन में जवाब देना होता है।
7. बैंक या पेमेंट गेटवे से शिकायत
- अगर पैसे UPI, कार्ड या नेट बैंकिंग से कटे हैं, तो अपने बैंक को तुरंत कॉल करें।
- कार्ड ब्लॉक कराएं और फ्रॉड की शिकायत दर्ज करें।
- अगर सामान नहीं मिला है तो चार्जबैक की मांग करें।
- NPCI (UPI) वेबसाइट: www.npci.org.in
- RBI ओम्बड्समैन: cms.rbi.org.in
8. कानूनी नोटिस और सिविल कोर्ट
- अगर कुछ भी काम नहीं करता, तो कंपनी को वकील के जरिए कानूनी नोटिस भेजें।
- फिर भी जवाब न मिले तो सिविल कोर्ट में केस दर्ज करें।
- यह प्रक्रिया लंबी और महंगी हो सकती है, लेकिन बड़े धोखों के लिए जरूरी होती है।
ऑनलाइन शॉपिंग फ्रॉड को कौन सा कानून नियंत्रित करता है?
कानून | क्या करता है | किन केसों में लागू |
कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट, 2019 | ऑनलाइन और ऑफलाइन खरीदारी में उपभोक्ता के अधिकारों की रक्षा करता है। गलत या नकली सामान पर रिफंड/रिप्लेसमेंट का अधिकार देता है। | नकली प्रोडक्ट, गलत सप्लाई, रिफंड और कस्टमर शिकायतें |
इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट, 2000 | ऑनलाइन फ्रॉड, साइबर क्राइम, हैकिंग, फ़िशिंग, और पर्सनल डेटा चोरी से सुरक्षा करता है। | ऑनलाइन धोखाधड़ी, साइबर अपराध, OTP और कार्ड नंबर चोरी |
भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 | धोखाधड़ी से संबंधित आपराधिक प्रावधान, जैसे कि धोखा देना या बिना सामान दिए पैसे लेना। | आपराधिक धोखा, धोखाधड़ी से संबंधित पुलिस शिकायतें |
ई-कॉमर्स रूल्स, 2020 | ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइटों के नियम, जैसे विक्रेता की जानकारी देना, रिटर्न और रिफंड पॉलिसी, ग्रिवेंस ऑफिसर। | ऑनलाइन मार्केटप्लेस, वेबसाइट्स की ग्राहक सेवा से जुड़ी शिकायतें |
महत्वपूर्ण न्यायिक निर्णय
बैंक ऑफ बड़ौदा को लापरवाही पर जुर्माना
- घटना क्या थी: नोएडा की रहने वाली अर्चना सिंह का मोबाइल चोरी हो गया। उन्होंने तुरंत बैंक को इसकी जानकारी दी। लेकिन बैंक ने समय पर कार्रवाई नहीं की और किसी ने उनके खाते से ₹11 लाख से ज़्यादा निकाल लिए।
- फैसला: गाज़ियाबाद कंज़्यूमर कोर्ट ने कहा कि बैंक की गलती है – उसे तुरंत रोकथाम करनी चाहिए थी। अब कोर्ट ने बैंक को ₹3 लाख का मुआवज़ा देने का आदेश दिया है।
- क्यों ज़रूरी है: इस फैसले से साफ़ है कि अगर आप समय पर शिकायत करें और बैंक लापरवाही करे, तो आप मुआवज़ा पा सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट के पुराने फैसले और RBI के नियमों को भी इसमें ध्यान में रखा गया।
मिंत्रा रिफंड घोटाला – जयपुर गैंग का फर्जीवाड़ा
- घटना क्या थी: जयपुर में कुछ लोगों ने मिंत्रा की रिटर्न पॉलिसी का गलत फायदा उठाया। वे महंगे ब्रांडेड कपड़े ऑर्डर करते, और फिर बिना सामान लौटाए फर्जी रिफंड माँगते थे।
- कितना नुकसान हुआ: इस तरह से मिंत्रा को ₹1.1 करोड़ का नुकसान हुआ।
- क्यों ज़रूरी है: इस केस से पता चलता है कि ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियों को भी सतर्क रहना चाहिए, और हमें भी समझदारी से खरीदारी करनी चाहिए ताकि ऐसी धोखाधड़ी रोकी जा सके।
सूरत में ₹20 करोड़ का बड़ा ऑनलाइन शॉपिंग घोटाला
- क्या हुआ: सूरत में 6 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है। ये लोग मिलकर एक बहुत बड़ा ऑनलाइन धोखाधड़ी का रैकेट चला रहे थे।
- कैसे किया फ्रॉड: उन्होंने बड़ी-बड़ी ऑनलाइन शॉपिंग साइट्स जैसे दिखने वाली फर्जी वेबसाइट्स बना लीं। फिर इन साइट्स पर रसोई और घरेलू सामान पर भारी छूट (डिस्काउंट) दिखाकर लोगों को फँसाया। लोगों ने ऑर्डर किए और पैसे भी दिए – लेकिन सामान कभी नहीं भेजा गया।
- कितना नुकसान: करीब ₹20 करोड़ का फ्रॉड हुआ है, और यह सब 18 महीनों (डेढ़ साल) में किया गया।
ऑनलाइन शॉपिंग में धोखाधड़ी से कैसे बचें
- हमेशा भरोसेमंद वेबसाइट से ही सामान खरीदें। वेबसाइट के लिंक की शुरुआत https:// से होनी चाहिए – यह सुरक्षित होती है।
- खरीदने से पहले रिव्यू और रेटिंग ज़रूर पढ़ें। दूसरे लोगों का अनुभव जानना बहुत ज़रूरी है।
- OTP या अपनी पर्सनल जानकारी किसी को भी न दें। बैंक, वेबसाइट या डिलीवरी वाला कभी OTP नहीं माँगता।
- सुरक्षित पेमेंट तरीकों का इस्तेमाल करें। जैसे – UPI, डेबिट/क्रेडिट कार्ड (OTP के साथ) या कैश ऑन डिलीवरी।
- सभी पेमेंट की रसीद, ईमेल और स्क्रीनशॉट संभाल कर रखें। ये बाद में सबूत के तौर पर काम आएंगे।
- अगर धोखा हो जाए तो तुरंत रिपोर्ट करें ।
निष्कर्ष
ऑनलाइन शॉपिंग में धोखाधड़ी होना दुखद जरूर है, लेकिन आप अकेले या बेबस नहीं हैं। आपके पास अपने हक़ की रक्षा के लिए कई कानूनी रास्ते हैं। सबसे पहले कोशिश करें कि समस्या कस्टमर केयर से सुलझ जाए, लेकिन अगर धोखाधड़ी बड़ी है तो बिना झिझक पुलिस या साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत करें। हमेशा सतर्क रहें, भरोसेमंद वेबसाइट से ही खरीदारी करें और अपनी पर्सनल जानकारी किसी से न बांटें। खुद भी जागरूक बनें और दूसरों को भी सुरक्षित ऑनलाइन खरीदारी के बारे में बताएं, क्योंकि जागरूकता ही सबसे पहली सुरक्षा है।
किसी भी कानूनी सहायता के लिए लीड इंडिया से संपर्क करें। हमारे पास लीगल एक्सपर्ट की पूरी टीम है, जो आपकी हर संभव सहायता करेगी।
FAQs
1. अगर वेबसाइट से कोई जवाब न मिले तो क्या करें?
NCH, CPGRAMS या उपभोक्ता फोरम में शिकायत करें; सबूत रखें और ईमेल, स्क्रीनशॉट्स के साथ फॉलो-अप करें।
2. क्या बिना वकील के कंज़्यूमर कोर्ट में केस किया जा सकता है?
हां, आप खुद केस फाइल कर सकते हैं; प्रक्रिया सरल है और वकील जरूरी नहीं होता।
3. OTP देकर फ्रॉड में फंसने पर बैंक जिम्मेदार है?
OTP स्वयं देने पर जिम्मेदारी आपकी; बैंक की गलती हो तो RBI गाइडलाइन के अनुसार बैंक को भरपाई करनी होगी।
4. Amazon या Flipkart की शिकायत उपभोक्ता फोरम में कर सकते हैं?
हां, इन कंपनियों पर उपभोक्ता कोर्ट में केस किया जा सकता है अगर शिकायत का समाधान न हो।
5. शिकायत के बाद अगर पैसा वापस नहीं मिले तो अगला कदम क्या है?
नोडल अधिकारी, NCH, CPGRAMS या उपभोक्ता फोरम से संपर्क करें; कानूनी कार्रवाई का विकल्प भी उपलब्ध है।