आपराधिक धमकियों के तहत क्या कानूनी कार्रवाई की जा सकती है ?
मैंने दिनांक 31 अक्टूबर 2025 को ऑनलाइन माध्यम से ₹3,600/- का भुगतान करके 4 माह की लाइब्रेरी सदस्यता ली थी। लेकिन 5 दिसंबर 2025 की रात लाइब्रेरी के संचालक श्री XXX ने मुझे वॉयस कैमरा से बुलाया। मैं क्लास में था, इसलिए तुरंत नहीं जा सका। बाद में फोन करने पर उन्होंने अत्यंत अनैतिक भाषा का प्रयोग किया और निम्न प्रकार की धमकियाँ दीं — “मैं तेरी सारी रंगदारी निकाल दूँगा, वहीं रुक मैं आ रहा हूँ।” “मेरी लाइब्रेरी में कदम मत रखना, नहीं तो तुम्हारी कॉपी-पुस्तक बाहर फेंक दूँगा।” “ऐसे पहलवान बहुत निपटाए हैं, सारे नियम-कानून सिखा दूँगा।” उन्होंने मुझे लाइब्रेरी आने से मना किया और अभद्र व्यवहार किया। ऐसे में मुझे इस उत्पीड़न और धमकियों के संबंध में क्या कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए?
आपके साथ हुई धमकी और अभद्र व्यवहार भारतीय कानून के अंतर्गत अपराध है। आप तुरंत नज़दीकी थाने में लिखित शिकायत या FIR दर्ज कराएँ और फोन रिकॉर्डिंग तथा अन्य सबूत संलग्न करें। चाहें तो साइबर सेल में भी शिकायत दे सकते हैं और उपभोक्ता फोरम में लाइब्रेरी शुल्क की वापसी व क्षतिपूर्ति की मांग कर सकते हैं। अधिक कानूनी सहायता के लिए हमारी हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें।
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