बलात्कार और ब्लैकमेलिंग के खिलाफ क्या कानूनी कार्रवाई की जा सकती है?
मैं एक विवाहित महिला हूँ और मेरी पारिवारिक स्थिति कमजोर थी। इस स्थिति का फायदा उठाकर एक ITBP कर्मचारी ने मुझसे दोस्ती की और झूठे वादों तथा विवाह का झांसा देकर लंबे समय तक शारीरिक संबंध बनाए। बाद में पता चला कि ये सब धोखा और मनगढ़ंत कहानियाँ थीं। उसकी पत्नी भी शामिल रही और उसने मुझे कई बार गालियाँ व धमकियाँ दीं। अब पति–पत्नी दोनों मिलकर मुझे ब्लैकमेल और बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। आरोपी ने मुझसे पैसे भी लिए और लौटाए नहीं। वह मुझे धमकाता है कि मेरी निजी बातें और सामग्री सार्वजनिक कर देगा। मैं लगातार डर और मानसिक तनाव में हूँ। मेरे प्रश्न: 1. FIR दर्ज कराने पर कौन–सी IPC व IT Act की धाराएँ लागू होंगी? 2. क्या यह धारा 376 IPC (धोखे से सहमति) के अंतर्गत आएगा? 3. क्या विभागीय कार्रवाई/सस्पेंशन ITBP में संभव है? 4. गोपनीयता की रक्षा कैसे होगी? 5. क्या महिला आयोग/साइबर सेल में अलग से आवेदन करना ज़रूरी है?
आपको ब्लैकमेल करना एक संगीन मामला है लेकिन
आपके मामले में FIR दर्ज करना ज़रूरी है। इसमें बलात्कार (धारा 376 IPC/64 BNS), धोखाधड़ी, धमकी और साइबर अपराध की धाराएँ लगेंगी। ITBP में आरोपी पर विभागीय जाँच व सस्पेंशन भी संभव है। आपकी पहचान कानूनन सुरक्षित रहेगी। साथ ही, महिला आयोग और साइबर सेल में शिकायत देकर आप अतिरिक्त सुरक्षा और कानूनी मदद पा सकती हैं। अधिक कानूनी सहायता के लिए हमारी हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें।
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